Advertisement

संभल में बन रही पुलिस चौकी को वक़्फ़ की प्रोपर्टी बताने वालों पर एक्शन, अज्ञात के ख़िलाफ़ दर्ज होगा केस

संभल में सत्यव्रत पुलिस चौकी को वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीन बताकर मुस्लिम वर्ग प्रशासन पर सवाल उठा रहा है..ऐसे में अब पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ की बताने को लेकर प्रशासन की ओर से जवाब आया है। पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा दावा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। संभल में शाही जामा मस्जिद के पास बनाई जा रही पुलिस चौकी की जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी होने के दावे को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने गलत माना है।
संभल में बन रही पुलिस चौकी को वक़्फ़ की प्रोपर्टी बताने वालों पर एक्शन, अज्ञात के ख़िलाफ़ दर्ज होगा केस
संभल में मस्जिद के आगे जैसे ही पुलिस चौकी का निर्माण शुरू हुआ। वक़्फ़ बोर्ड के ठेकेदार बनने वाले लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। उन्हें चौकी से इस कदर दर्द हुआ। छूटते ही चौकी की ज़मीन को वक़्फ़ की जमीन बता दिया। इस विवाद को हवा तब मिली जब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मैदान में आए। और उन्होंने ट्वीट पर कुछ दस्तावेज दिखाते हुए चौकी की ज़मीन को वक़्फ़ का बताकर मोदी और योगी पर तंज कसा। लेकिन अब पुलिस चौकी की जमीन पर बवाल करने वाले लोगों की डीएम और एसपी ने अकल ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली है। बड़ी ख़बर ये आ रही है कि।

मस्जिद के आगे बनाई जा रही पुलिस चौकी की ज़मीन को वक़्फ़ प्रॉपर्टी होने का दावा करने वालों के ख़िलाफ़ एक्शन लिया लाएगा। जिसने भी लोगों ने इस ज़मीन को वक़्फ़ की बताया सबके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज होगा। दावे को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग़लत माना है। इस मामले में फ़िलहाल अज्ञात के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया जाएगा।


जल्द ही अब इस मामले में गिरफ़्तारी भी शुरू हो सकती है। वही जैसे ही संभल प्रशासन ने एक्शन शुरू किया। वैसे ही ओवैसी साहब मैदान छोड़कर भाग गए। क्योंकि वो भी सत्यव्रत पुलिस चौकी को वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति बता रहे थे। ओवैसी ने तो अपने ट्वीट पर चौकी को लेकर ना सिर्फ़ मोदी-योगी पर तंज कसा। बल्कि चौकी की ज़मीन को वक़्फ़ बोर्ड की ज़मीन बताया। ट्वीट करते हुए ओवैसी ने लिखा था "संभल की जामा मस्जिद के पास जो पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की जमीन पर है, जैसा कि रिकॉर्ड में दर्ज है। इसके अलावा, प्राचीन स्मारक अधिनियम के तहत संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ संभल में ख़तरनाक माहौल बनाने के ज़िम्मेदार हैं"

ओवैसी यहीं नहीं रुके एक के बाद एक दो ट्ववीट किए और अगले ट्वीट में कुछ दस्तावेज दिखाते हुए लिखा- "यह वक्फ नंबर 39-A, मुरादाबाद है. यह उस जमीन का वक्फनामा है, जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार को कानून का कोई एहतराम नहीं है"

क़ानून व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए संभल में जामा मस्जिद के आगे पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन धर्म के ठेकेदार बनने वाले नेताओं को शायद शांति पसंद नहीं है। इसलिए मोर्चा संभालकर पीएम मोदी और सीएम योगी को घेरने बैठ गए। पुलिस प्रशासन पर भी आरोप लगाने बैठ गए। आरोप लगाने बैठ गए कि संभल में योगी आदित्यनाथ ख़तरनाक माहौल बनाने के ज़िम्मेदार है। ओवैसी साहब वो दिन भूल गए। जब संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़की थी। बवाल हुआ था।अमेरिकी पाकिस्तानी कारतूस चलाए गए थे। पत्थरबाज़ी की गई थी  ना सिर्फ़ कई लोगों की मौत हो गई थी। बल्कि कई पुलिसकर्मी तक घायल हो गए थे। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी को वो तस्वीर नज़र नहीं आई। ना ही वो तस्वीर नज़र आई जिसमें अगर पुलिस सख़्त कदम ना उठाती तो शायद संभल आज भी जल रहा होता। लेकिन भड़काऊ बयानबाज़ी कर ओवैसी जैसे नेताओं को सिर्फ़ माहौल बनाना आता है यही वजह है कि पुलिस प्रशासन ने तुरंत ऐसे लोगों को सबक़ सिखाने के लिए डंडा चलाया। जो झूठ फैलाकर शांति भंग करने की कोशिश में जुटे थे। पुलिस चौकी को वक़्फ़ की ज़मीन बताकर सियासी महौल बना रहे थे। अब एसपी और डीएम के केस दर्ज करने की बात कहकर सबके होश ठिकाने लगा दिए हैं। ऐसे में ये कहना भी ग़लत नहीं होगा की कैसे ओवैसी की वजह से संभल के मुसलमान बुरे फँस गए हैं।

Advertisement

Related articles

Advertisement