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बांग्लादेश ने गौतम अडानी पर लगाया बड़ा आरोप, पड़ोसी मुल्क ने दिखाई अपनी औकात?

बांग्लादेश की अंतिम सरकार ने अडानी ग्रुप पर बड़ा आरोप लगाया है। सरकार ने अडानी पावर को लेकर बिजली संयंत्र से मिले टैक्स बेनिफिट का खुलासा न करने का आरोप लगाया है। यह प्लांट अभी भी इस समझौते के केंद्र में है। बांग्लादेश ने भुगतान विवादों का हवाला देते हुए फिर से बात करने को कहा है।
बांग्लादेश ने गौतम अडानी पर लगाया बड़ा आरोप, पड़ोसी मुल्क ने दिखाई अपनी औकात?
बांग्लादेश से कई अरब डॉलर के ऊर्जा समझौते में अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की  अंतरिम सरकार ने गौतम अडानी पर बड़ा आरोप लगाया है। यह पूरा मामला बिजली संयंत्र मामले में हुए मुनाफे के टैक्स से जुड़ा है। बांग्लादेश भुगतान विवादों का हवाला देते हुए अडानी ग्रुप से अनुबंधों को लेकर फिर से बात करना चाहता है। 

अडानी पावर का बांग्लादेश के साथ 25 साल का समझौता 


बता दें कि साल 2017 में अडानी पावर ने बांग्लादेश के साथ 25 सालों का अनुबंध किया था। जिसके तहत अडानी ग्रुप को अपने पूर्वी भारत के गोड्डा में स्थित कोयला आधारित बिजली संयंत्र से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करना था। यह अनुबंध बांग्लादेश के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बिना किसी प्रतिस्पर्धी निविदा प्रक्रिया के तौर पर किया गया था। यह पूरी जानकारी रॉयटर्स की ओर से देखे गए दस्तावेजों के आधार पर मिली है। बांग्लादेश के अंतिम सरकार ने आरोप लगाया है कि अडानी पावर ने बिजली संयंत्र से मिले टैक्स बेनिफिट का खुलासा नहीं किया है। यह प्लांट अभी भी समझौते के केंद्र में है। बांग्लादेश ने भुगतान विवादों का हवाला देते हुए फिर से बात करने को कहा है। अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि "उसने डील के आधार पर किसी भी तरह का उल्लंघन नहीं किया है। दरअसल, रॉयटर्स के मुताबिक बांग्लादेश सरकार को लगता है कि बिजली आधारित यह समझौता काफी महंगा सौदा था। यही वजह है कि बांग्लादेश पारदर्शिता के मुद्दों और भुगतान का हवाला देते हुए। इस सौदे पर फिर से विचार करना चाहती है।  

बांग्लादेश पर कई सौ मिलियन डॉलर का बकाया


दरअसल, अडानी पावर ने जब से जुलाई 2023 से पावर सप्लाई शुरू किया है। तभी से ही बांग्लादेश पेमेंट में पिछड़ गया है। वर्तमान की बात की जाए। तो बांग्लादेश पर कई सौ मिलियन डॉलर का बकाया है। बकाया बिल की राशि को लेकर दोनों पक्षों में असहमति  है। पूरा विवाद यह है कि अडानी पावर ने गोड्डा संयंत्र में दी गई टैक्स छूट के बारे में जानकारी नहीं दी। किसी भी स्थिति में अडानी ग्रुप को कोई भी बदलाव के लिए बांग्लादेश को तुरंत सूचित करने और किसी भी तरह की टैक्स में छूट देने के लिए जरूरी था। यह समझौता भारत के विशेष क्षेत्र नीतियों के तहत काम करता है। बांग्लादेश के अंतरिम बिजली मंत्री ने कहा कि इस समय बांग्लादेश के पास उतनी ऊर्जा है कि वह अडानी ग्रुप पर बिना निर्भर हुए सभी जरूरतों को पूरी कर सकता है। सरकार का कहना है कि इस सौदे पर दोबारा से समझौते के तहत बातचीत करने से बांग्लादेश के वित्तीय बोझ को कम किया जा सकता है। हालांकि सरकार ने यह भी कहा कि अभी सभी संयंत्र चालू नहीं है। 

अडानी ग्रुप ने अपनी सफाई में क्या कहा? 


बीते नवंबर में अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी ग्रुप के अधिकारियों पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। यही वजह है कि बांग्लादेश अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों का इस मौके पर फायदा उठाना चाहता है। यह आरोप भले ही बांग्लादेश से जुड़ा नहीं है। लेकिन एक घटनाक्रम को सौदे के रूप में फिर से खोलने को लेकर दबाव की तरह देखा जा सकता है। अडानी पावर ने अपनी सफाई में कहा है कि उसने किसी भी तरह के अनुबंध का उल्लंघन नहीं किया है। बांग्लादेश की तरफ से समझौते पर फिर से  बातचीत को लेकर कोई बात नहीं हुई है। अडानी ग्रुप ने बांग्लादेश द्वारा लगाए गए किसी भी आरोप पर कोई टिप्पणी नहीं की है। 
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