Advertisement

चीनी वायरस ने बढ़ाई भारत की टेंशन, बच्चों को चपेट में ले रहा नया दुश्मन !

भारत में एक बार फिर ख़तरे की घंटी बज चुकी है…दुनियाभर को दहला चुकी कोविड-19 महामारी के बाद HMPV नाम के वायरस ने चीन में दस्तक दी है..चीन में दो हाहाकार मचा ही है वहीं भारत में भी इसकी एंट्री ने टेंशन में डाल दिया है…वीडियो में जानिए क्या है ये नया वायरस, कितना है ख़तरनाक, और कैसे इससे बचें…
चीनी वायरस ने बढ़ाई भारत की टेंशन, बच्चों को चपेट में ले रहा नया दुश्मन !
2019 में चीन के वुहान शहर से फैले एक वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।जैसे जैसे ये वायरस फैल रहा था। तबाही वैसे वैसे बढ़ रही थी।भारत में भी इस ना दिखने वाले दुश्मन ने क़हर ढाया। ना जाने कितनी ज़िंदगियों को छीन लिया। वो मंजर याद कर आज भी रूंह कांप उठती है। भले ही हम फिर से लापरवाह हो रहे हो।लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि आज भी कोरोना हमारे बीच मौजूद है।लेकिन इस बीच चीन के एक और वायरस ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी है। ख़ासकर भारत में एक बार फिर ख़तरे की घंटी बज चुकी है। दुनियाभर को दहला चुकी कोविड-19 महामारी के बाद HMPV नाम के वायरस ने चीन में दस्तक दी है। चीन में दो हाहाकार मचा ही है वहीं भारत में भी इसकी एंट्री ने टेंशन में डाल दिया है।भारत में एक साथ HMPV यानी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो केस मिले हैं। तीन माहीने और आठ माहीने के दो बच्चों में HMPV की पुष्टि हुई है। जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कर्नाटक में HMPV के दो केस मिले है। दोनों बच्चे रुटीन जांच के लिए अस्पताल पहुंचे थे। टेस्ट कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि कर्नाटक के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया कि बच्चों के सैंपल निजी अस्पताल में जांचे गए और उन्होंने सरकारी लैब में जांच नहीं कराई। हैरानी की बात ये कि बच्चों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। यानी वो चीन या कहीं और भी नहीं गए। वायरस के लक्षण की बात करें तो वो कोविड जैसे हैं। छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर इस HMPV वायरस का दिख रहा है।

इस बीच कुछ सवाल ज़हन में आते है कि 


इस बीमारी के लक्षण क्या हैं ?
क्या यह वायरस कोरोना की तरह दुनिया में फैल सकता है ?
क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है ?


उससे पहले ये जानिए कि आख़िर ये HMPV वायरस क्या है

HMPV एक RNA वायरस है, जो आमतौर पर सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। इससे खांसी या गले में घरघराहट हो सकती है। नाक बह सकती है या गले में खराश हो सकती है। इसका जोखिम ठंड के मौसम में ज्यादा होता है। इसे लेकर डॉक्टर क्या कुछ कह रहे हैं वो सुनिए।

इस बीमारी के लक्षण क्या हैं ?


इसका सबसे कॉमन लक्षण खांसी और बुखार है। शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य वायरल जैसे ही दिखते हैं। लेकिन वायरस का असर अगर ज्यादा है तो निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने का खतरा भी हो सकता है।

या यह वायरस कोरोना की तरह दुनिया में फैल सकता है ?


HMPV के बारे में यह कहना जल्दबाजी है। यह सच है कि इंटरनेट और सोशल मीडिया पर इस बारे में खूब चर्चा हो रही है कि चीन में एक नई महामारी आ गई है। कुछ लोग तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि चीन असल स्थिति को छुपा रहा है..जैसे उसने कोरोना में किया। बच्चों और बुजुर्गों के लिए मुश्किल तो ये वायरस पैदा कर रहा है।लेकिन अभी सिचुएशन कंट्रोल में है। कर्नाटक सरकार ने भी अभी इस वायरस को किसी RESPIRATORY VIRUS की तरह ही बताया है। साथ ही कुछ सावधानियां रखने के लिए भी कहा गया है। अब ये कोई नया वायरस नहीं है। पिछले साल भी चीन में इसके फैलने की खबर आई थी। साल 2023 में नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में भी इस वायरस का पता चला था। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सबसे पहले नीदरलैंड में साल 2001 में इसका पता लगाया गया था। हालांकि इसे कम-से-कम 50 साल पुराना वायरस माना जाता है।

क्या इस बीमारी का कोई इलाज या वैक्सीन है ?


HMPV वायरस को लेकर पैनिक करने की जरूरत नहीं है। भारत सरकार इसे लेकर निगरानी कर रही है। चीन का पड़ोसी देश होने के चलते भारत सरकार पहले ही सतर्क है। ज्यादातर सीनियर डॉक्टर कह रहे हैं कि उन्हें भारत में HMPV के कारण किसी गंभीर स्थिति की आशंका नहीं दिख रही है।

केंद्र सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक़ इस वायरस से बचने के लिए ।

क्या करें


खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।

अपने हाथों को लगातार साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से धोएं।

भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।

अगर आपको बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें।

अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से न मिलें।

खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।

क्या न करें


टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल न करें ।

बीमार लोगों के साथ नजदीकी संपर्क, तौलिये, आदि का इस्तेमाल न करें

बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें ।

सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें ।

बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से दवा न लें ।

Advertisement
Advertisement