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दिल्ली में पूरी तरह बिखर रहा इंडिया गठबंधन, AAP और कांग्रेस की टेंशन बढ़ाएंगे वाम दल

दिल्ली चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल रहे वाम दलों ने भी अपने प्रत्याशी के चुनावी रण में उतारने का ऐलान कर आप से लेकर कांग्रेस तक की टेंशन बढ़ा दी है।
दिल्ली में पूरी तरह बिखर रहा इंडिया गठबंधन, AAP और कांग्रेस की टेंशन बढ़ाएंगे वाम दल
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए अब एक महीने से भी काम का समय बचा है। इस चुनाव में मुख्य लड़ाई सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच माना जा रहा है लेकिन कांग्रेस पार्टी भी इस चुनाव में अपना पूरा दम लगा रही है। वहीं अब इस चुनाव में इंडिया गठबंधन में शामिल रहे वाम दलों ने भी अपने प्रत्याशी के चुनावी रण में उतारने का ऐलान कर आप से लेकर कांग्रेस तक की टेंशन बढ़ा दी है। 


धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा इंडिया गठबंधन 

दरअसल, देश की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों को अच्छे से इस बात की जानकारी होगी कि लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्ष के समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों ने एक गठबंधन बनाया जिसका नाम इंडिया गठबंधन दिया गया। उस वक्त यह कहा गया था कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के बाद भी विधानसभा चुनाव में भी बरकरार रहेगा लेकिन जैसे-जैसे दिन गुजरते गए इंडिया गठबंधन में मनमुटाव बढ़ता गया। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इसकी सबसे ज्यादा बानगी देखने को मिली जब सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया गठबंधन में काफी दिनों तक बातचीत का सिलसिला चला। हालांकि जब दिल्ली चुनाव आया तो सबसे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस बात का ऐलान किया कि इस चुनाव में उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी कोई गठबंधन किसी के साथ नहीं करेगी इसके तुरंत बाद ही कांग्रेस ने भी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर यह बता दिया कि कांग्रेस भी चुनावी मैदान में पूरे दमखम के साथ उतरने वाली है। इन परिस्थितियों के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की पिछली 10 साल की सरकार पर सवाल उठाते हुए उन्हें अब तक की सबसे भ्रष्टाचारी सरकार बताया। इन स्थिति को देखकर यही कहा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन अब सिर्फ नाम का रह गया है हालांकि इस गठबंधन में शामिल कई दलों के नेता ने यह भी कहा है कि इंडिया गठबंधन मुख्य तौर पर लोकसभा चुनाव के लिए बना था। हालांकि अब इंडिया गठबंधन में शामिल वाम दलों ने भी दिल्ली की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशी को उतारने का फैसला लिया है जो कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की मुश्किलों को बढ़ा सकता है। 


6 सीट पर चुनाव लड़ेंगे वामदल 

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी है कि वाम दलों ने भी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार को उतारने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली चुनाव में 6 सीटों पर वर्म दल चुनाव लड़ेगी। वहीं अन्य सीटों पर वहां दलों की ओर से भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले सबसे मजबूत जो उम्मीदवार होंगे उनको वाम दल अपना समर्थन देंगे। इच्छा सीटों में से दो सीटों पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी चुनाव लड़ेगी। 


गौरतलब है कि बीते मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा प्रेस वार्ता करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान किया गया था। दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को मतदान किए जाएंगे जबकि चुनाव परिणाम 8 फरवरी को घोषित होगा।
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