इंडियन आर्मी को जल्द मिलने जा रही स्वदेशी लाइट टैंक 'जोरावर', चीन के उड़े होश
भारतीय सेना चीन बॉर्डर पर खुद को और भी मजबूत करने जा रही है। भारतीय सेना को बहुत जल्द स्वदेशी लाइट टैंक 'जोरावर' मिलने जा रहा है। "जोरावर" टैंक का ट्रायल 21 नवंबर से 15 दिसंबर तक लद्दाख के न्योमा में होना है। इससे पहले इस टैंक का ट्रायल मैदानी और रेगिस्तान इलाके में किया गया। दोनों जगह पर ट्रायल पूरी तरीके से सफल रहा और यह स्वदेशी टैंक हर एक मानक पर खरा उतरा।
21 नवंबर से 15 दिसंबर तक चलेगा 'जोरावर' टैंक का ट्रायल
स्वदेशी लाइट टैंक "जोरावर" का आर्मी ट्रायल 21 नवंबर से 15 दिसंबर तक लद्दाख के न्योमा में चलेगा। ट्रायल के दौरान टैंक को कई क्राइटेरिया के माध्यम से परखा जाएगा। इनमें फायर पावर,मोबिलिटी और प्रोटेक्शन जैसे कई चरण होंगे। इन सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद टैंक भारतीय आर्मी को सौंप दिया जाएगा।
क्या है 'जोरावर' टैंक की खासियत?
स्वदेशी लाइट टैंक "जोरावर" को डीआरडीओ के द्वारा निर्मित किया गया है। इसका वजन 25 टन है। इसमें कई तरह के वेपन सिस्टम होंगे। मिसाइल के साथ मेन गन भी होगी। ड्रोन इंटीग्रेशन भी होगा। यह दुश्मनों पर हमेशा पैनी नजर बनाए रखेगा। ड्रोन से जुड़ी कोई भी फीड सीधे टैंक में कमांडर के पास आएगी। आपको बता दें कि भारतीय सेना कुल 350 टैंक लेने के प्लान में है।
भारतीय सेना को इस टैंक को लेने की क्यों जरूरत पड़ी?
साल 2020 में चीन के साथ हुए तनाव के बाद भारतीय सेना को सबक मिला कि ऐसे बॉर्डर पर इस तरह के टैंक की कितनी ज्यादा जरूरत है। साल 2020 में चीन और भारतीय सेना के बीच हुए झड़प में चीन पैगोंग के उत्तरी किनारे तक पहुंच गया था। जिसके बाद भारतीय सेना ने चीन को करारा जवाब देते हुए पैगोंग के दक्षिणी किनारे पर कब्जा कर लिया था। उन हालातो को देखते हुए भारतीय सेना ने यहां पर टी-72 और टी-92 टैंक को तैनात कर दिया था। भारतीय सेना द्वारा उठाए गए इस कदम को देखते हुए चीन पूरी तरीके से बैकफुट पर आ गया था। इसके बाद भारत और चीन की आपसी बातचीत में चीन पैगोंग इलाके में पीछे हटने की सहमति पर राजी हो गया।
'जोरावर' टैंक चीन बॉर्डर पर भारतीय सेना को मजबूती प्रदान करेगा
आपको बता दें कि चीन के पास मीडियम और लाइट टैंक है। चीन ने जिस तरीके से साल 2020 में गलवान में भारत के साथ झड़प की थी। वैसे कोशिश वह दोबारा भी कर सकता है। हालांकि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच हालात काफी सामान्य हो गए हैं। दोनों देशों ने बातचीत के जरिए गतिरोध खत्म करने पर अपनी सहमति जताई है। लेकिन कहीं ना कहीं नॉर्दर्न बॉर्डर पर भारतीय सेना को मजबूत करने के लिए इस लाइट टैंक की काफी जरूरत है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि चीन जहां पर मौजूद है। उससे काफी ज्यादा ऊंचाई पर भारतीय सेना के टैंक मौजूद होने पर दुश्मन देश के अंदर एक डर का माहौल बना रहेगा और किसी भी तरह की हरकत करने से वह बचेगा। इस टैंक की तैनाती से भारतीय सेना चीन बॉर्डर पर काफी ज्यादा मजबूत हो जाएगी।