Advertisement

राहुल और प्रियंका गांधी पर भड़के मायावती के भतीजे, नीली टीशर्ट पर उठाया सवाल

आंबेडकर के मुद्दे पर राहुल गांधी उलटे फँसते हुए नज़र आ रहे हैं.. मायावती के बाद अब उनके भतीजे आकाश आनंद ने राहुल गांधी की नीली टीशर्ट और प्रियंका गांधी की नीली शर्ट पर तंज कसा है. आकाश आनंद ने कहा कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में उनका अपमान किया। फिर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हमारी नीली क्रांति को फ़ैशन शो बनाया उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की.
राहुल और प्रियंका गांधी पर भड़के मायावती के भतीजे, नीली टीशर्ट पर उठाया सवाल
राहुल गांधी अपनी टीशर्ट की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते है। क्योंकि सर्द मौसम में उनकी टीशर्ट अक्सर सियासी पारा हाई कर देती है। लेकिन इस बार राहुल गांधी की टीशर्ट ने उन्हें ऐसा फँसाया। कांग्रेसी नेता मुँह छुपाने को मज़बूर हो गए। क्योंकि राहुल गाँधी आंबेडकर के मुद्दे पर प्रदर्शन करते करते नीली टीशर्ट पहनकर संसद तक पहुँचे। शाह के आंबेडकर वाले बयान पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। लेकिन उन्हें क्या मालूम था। आंबेडकर का मुद्दा भी उनके लिए गले की फाँस बनेगा। और नीली टीशर्ट भी। दरअसल राहुल गांधी का नीली टीशर्ट और प्रियंका गांधी का नीली साड़ी पहनकर संसद में उस वक़्त भारी पड़ गया। जब मायावती के साथ साथ उनके भतीजे आकाश आनंद ने दोनों को आईना दिखाया। नीले रंग पर कांग्रेस को पाठ पढ़ाया। बीएसपी के नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिखा "करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए  बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं। लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आज कल एक फैशन हो गया है।पहले देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर श्री राहुल गांधी जी व प्रियंका गांधी जी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बनाया और उसके बाद श्री अरविंद केजरीवाल जी ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की। देश के दलित, शोषित, वंचित  उपेक्षितों के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा। गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को पश्चाताप करना ही पड़ेगा"।


आकाश आनंद ने अमित शाह से लेकर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी  केजरीवाल जितने भी लोग अब आंबेडकर की विरासत पर झूठी सियासत कर रही हैं सबको आईना दिखाने का काम किया है। आकाश आनंद से पहले राहुल गांधी की नीली टीशर्ट पर मायावती भी जमकर भड़की और ट्वीट करते हुए लिखा "संविधान का जगह-जगह लहराना व नीला रंग पहनना आदि दिखावे की सस्ती राजनीति। यह सब करने के पहले सत्ता व विपक्ष दोनों को अपने दिल में पड़े संकीर्णता, जातिवाद एवं द्वेष आदि के कालेपन को साफ करके पाक-साफ करना होगा तभी इन वर्गों का व देश का भी सही हित संभव"

वैसे देखा जाए तो मायावती के जितने कांग्रेस के खिलाफ सख़्त तेवर में नज़र आ रही हैं। उतने अमित शाह या पीएम मोदी के ख़िलाफ़ नहीं है। क्योंकि आकाश आनंद और मायावती का विरोध प्रदर्शन था अमित शाह के बयान के ख़िलाफ़। लेकिन दोनों की निशाना राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर साध रहे हैं। कांग्रेस का इतिहासिक चिट्ठा खोलकर राहुल गांधी को आईना दिखाने का काम कर रहे हैं। अब सवाल यही है कि इसके पीछे उनकी क्या रणनीति है। चलिए बताते हैं।

 BSP के खिसके वोटबैंक को साधने की कोशिश

जयभीम के नारे के सहारे मायावती चार बार यूपी की मुख्यनमंत्री रह चुकी है बीएसपी यूपी के साथ साथ मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की सियासत में भी मजबूत दखल रखती आई। लेकिन 2012 के यूपी चुनाव से पार्टी के ग्राफ में जो गिरावट शुरु हुई। उसकी भरपाई पार्टी अभी तक नहीं कर पाई है। तो ऐसे में दलित वोट बैंक पर फिर से पकड़ मज़बूत करने के लिए मायावती ने आंबेडकर पर सियासत शुरू की है। दलित वोटबैंक बीजेपी के पास कम और कांग्रेस के पास ज़्यादा जाने की उम्मीद रहती है। यही वजह है कि मायावती आंबेडकर के नाम पर खेल करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस को आईना दिखा रही है। क्योंकि आंबेडकर के सम्मान को मुद्दा बनाकर बीएसपी की कोशिश दलित मतदाताओं को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे दलों के साथ जाने से रोक अपने पाले में लाने की है। यही वजह है कि प्रदर्शन बेशक बीजेपी के खिलाई हो रहा हो लेकिन मायावती मुखर राहुल के ख़िलाफ़ है। 
Advertisement

Related articles

Advertisement