कुवैत में मोदी के साथ इस महिला की मुलाकात ने कट्टपंथियों का मुंह बंद कर दिया
कुवैत की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेखा एजे अल-सबा से मुलाकात की। उनकी इस मुलाकात की खूब चर्चा है। शेखा लोगों को योग सिखाती हैं। वह कुवैत के पहले लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो दारात्मा की संस्थापक हैं।
पीएम मोदी कुवैत के अपने दो दिन के दौरे से लौट आए हैं। 43 साल के बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री भारत से कुवैत के दौरे पर गया था। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा से लेकर कई हस्तियों से मुलाक़ात की। लेकिन इस दौरान पीएम मोदी के साथ एक महिला की मुलाक़ात की खूब चर्चा है। इस मुलाक़ात ने कट्टरपंथी सोच रखने वालों के मुंह पर ताला जड़ दिया है। मज़े की बात ये है कि पीएम मोदी ने ख़ुद X पर पोस्ट करते हुए अरबी भाषा में इस मुलाक़ात के बारे में लिखा और तस्वीरें भी शेयर की। मोदी का ये पोस्ट कट्टरपंथियों के जले पर नमक छिड़कने जैसा ही है। अब चलिए ये भी जान लेते हैं कि आख़िर ये महिला है कौन। तो बता दें कि ये महिला कुवैत की मशहूर इंफ्लूएंसर शेखा अल सबा है जिन्होंने देश में पहला मान्यता प्राप्त योग और वेलनेस स्टूडियो स्थापित किया है।शेखा अल सबा का योग के प्रति जनून देखकर पीएम मोदी ने भी उनकी तारीफ की। शेखा अल सबा के योग सेंटर का नाम dar atma है। dar atma का मतलब वो घर जहां आत्मा से जोड़ा जाता है। कुवैत में शेखा अल-सबा से मुलाकात को पीएम ने अहम बताया। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "कुवैत में एचएच शेखा ए जे अल-सबा से मुलाकात हुई। उन्होंने योग और फिटनेस के प्रति अपने जुनून के लिए खुद को प्रतिष्ठित किया है। उन्होंने अपना खुद का योग और वेलनेस स्टूडियो स्थापित किया है, जो कुवैत में काफी लोकप्रिय है। हमने योग को युवा लोगों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने के तरीकों के बारे में बात की।"
शेखा अल सबा योग और ध्यान के ज़रिए एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसका उद्देश्य भारत और कुवैत के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करना है।शेखा अल सबा योग के ज़रिए देश के लिए काफ़ी कुछ कर भी चुकी हैं।
कुवैत में योग शिक्षा लाइसेंस शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे योग को आधिकारिक तौर पर मान्यता मिली। यह लोगों के लिए आसान बन सका। शेखा ने शेम्स यूथ योग (2015-2021) की सह-स्थापना की। इसमें 0-14 साल के बच्चों को योग की शिक्षा दी जाती है।
2015 से यूएई में विपश्यना मौन रिट्रीट का आयोजन किया। 2021 में योमनक लिल यमन की शुरुआत की। इससे यमनी शरणार्थियों और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की मदद के लिए धन जुटाया गया।2020 में कुवैत में वंचित बच्चों को शिक्षा से जुड़े सामान देने के लिए महामारी राहत का समर्थन किया।
2008-2014 तक कुवैत में रेकी जिन केई डो मास्टर ट्रेनिंग का आयोजन किया। 2011 में अमेरिका में मोनरो इंस्टीट्यूट में चेतना प्रशिक्षण आयोजित किया। 2001 में अफगानिस्तान के काबुल में महिला और बच्चों के एक केंद्र की स्थापना की।
2014-2017 में शम्स कॉन्सेप्ट डिजाइन स्टूडियो की स्थापना की। 2008-2011 में अल-वतन टीवी पर केननिज टीवी शो के लिए एक रचनात्मक निर्माता के रूप में काम किया।
पीएम मोदी का ऐसे इंफ्लूएंसर से मिलना जो कुवैत में रहकर योग को बढ़ावा दे रही हैं।अपने आप में एक बड़ी बात है।ऐसे इंफ्लूएंसर्स से उन कट्टरपंथी सोच रखने वाले देशों को भी सीखना चाहिए जो मिलाओं पर हिजाब थोपकर उनकी प्रतिभाओं को दबा देना चाहते हैं।