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मां ने छीना फोन तो बेटे ने बैट से फोड़ दिया सिर, जानें वीडियो का पूरा सच?

आजकल मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर कोई दिनभर मोबाइल में व्यस्त रहता है। लेकिन जिस तरह से बच्चों पर मोबाइल का बुरा असर पड़ रहा है, वह चिंता का विषय बन गया है। खासकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और घटनाएं दिखाती हैं कि अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
मां ने छीना फोन तो बेटे ने बैट से फोड़ दिया सिर, जानें वीडियो का पूरा सच?
सोशल मीडिया के इस दौर में मोबाइल फोन हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। इंटरनेट के जरिए हम अपने कामकाज से लेकर मनोरंजन तक हर चीज़ को केवल एक क्लिक पर पा सकते हैं। लेकिन बच्चों के लिए यह आधुनिक तकनीक वरदान के साथ-साथ अभिशाप भी साबित हो रही है। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसने इस गंभीर समस्या की ओर लोगों का ध्यान खींचा है।

वीडियो में दिखाया गया है कि एक 5-6 साल का बच्चा मोबाइल पर व्यस्त है। उसकी मां उससे मोबाइल छीनकर उसे पढ़ने-लिखने के लिए कहती है, लेकिन बच्चे के मन में गुस्सा उभर आता है। कुछ ही देर बाद वह बैट से अपनी मां पर हमला कर देता है और बेसुध मां के हाथ से मोबाइल लेकर फिर से उसे चलाने लगता है। हालांकि, यह वीडियो पूरी तरह से स्क्रिप्टेड है, जिसमें आने वाले खतरे को दिखाने और बच्चों की फोनो की लत से होने वाले परिणामों को दिखाने की कोशिश की है।   
यह वीडियो अब तक लाखों लोगों द्वारा शेयर किया जा चुका है और इसने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है कि आखिर मोबाइल फोन बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर किस तरह का असर डाल रहा है।
मोबाइल की लत के पीछे के कारण
मोबाइल की लत बच्चों में सिर्फ मनोरंजन की जरूरत के कारण नहीं होती, बल्कि कई और वजहें भी होती हैं। ऑनलाइन गेम्स, सोशल मीडिया, वीडियो कंटेंट और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म बच्चों को बहुत आकर्षित करते हैं। आजकल कई बच्चे घंटों मोबाइल फोन पर गेम खेलते हैं या यूट्यूब और अन्य वीडियो प्लेटफॉर्म पर वीडियो देखते रहते हैं। इससे उनका ध्यान पढ़ाई और अन्य गतिविधियों से हट जाता है।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर: मोबाइल की लत बच्चों की नींद, दृष्टि और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठे रहने से बच्चों की आंखों में थकान होती है, उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं और मोटापा जैसी समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

मानसिक तनाव और गुस्सा: मोबाइल गेम्स और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग बच्चों में मानसिक तनाव पैदा करता है। वे वास्तविक दुनिया से कटने लगते हैं। जो भावनात्मक अस्थिरता और गुस्से का कारण भी बन सकता है।

असामाजिक व्यवहार: मोबाइल पर अधिक समय बिताने से बच्चों की सामाजिकता भी प्रभावित होती है। वे दोस्तों और परिवार से दूर होने लगते हैं और अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं।
कैसे बचाएं बच्चों को मोबाइल की लत से?
बच्चों को मोबाइल फोन की लत से बचाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जैसे आप अपने बच्चों के लिए समय की सीमा तय करें: बच्चों के लिए मोबाइल का उपयोग सीमित करें। दिनभर के लिए एक निश्चित समय निर्धारित करें जब वे मोबाइल का उपयोग कर सकते हैं, जैसे सिर्फ 1-2 घंटे।

बच्चों के साथ समय बिताएं: बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए उन्हें समय दें। उनके साथ खेलें, बात करें और उन्हें अन्य शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें। इससे उनका ध्यान मोबाइल से हटेगा।

पढ़ाई और खेल पर ध्यान दें: बच्चों को पढ़ाई और आउटडोर गेम्स की ओर प्रेरित करें। उन्हें ऐसी गतिविधियों में शामिल करें, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाएं।

पैरेंटल कंट्रोल: मोबाइल में पैरेंटल कंट्रोल फीचर्स का इस्तेमाल करें ताकि बच्चे केवल उचित सामग्री ही देख सकें। इसके अलावा, उन्हें सुरक्षित और शैक्षणिक एप्स का उपयोग करने की सलाह दें।

मोबाइल का सकारात्मक उपयोग सिखाएं: बच्चों को सिखाएं कि मोबाइल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि इसका उपयोग शिक्षा, ज्ञान और अन्य सकारात्मक गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है।

ध्यान रखें, बच्चों को मोबाइल की लत से बचाना जरूरी है। मोबाइल फोन बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, अगर इसका सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाए। माता-पिता और अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को इस डिजिटल लत से बचाने के लिए उचित कदम उठाएं।

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