संभल जामा मस्जिद पर स्वामी रामभद्राचार्य की भविष्यवाणी से खौफ में क्यों है बांग्लादेश
ऋषि-मुनियों का ज्ञान, गुरुकुल परंपरा और मंदिर दर्शन , हमेशा से भारत की प्राचीन परंपरा का अटूट हिस्सा रहा है। यहाँ की पावन धरा सांधु-सन्यासियों की कर्मभूमि रही है, जिस कारण संतों की वाणी को आज भी देव वाणी माना जाता है। आज भी जब संत समाज की ज़ुबान से कोई बात निकलती है, तो उसमें भविष्य का आईना देखा जाता है। एक बार फिर जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कुछ ऐसा कहा है, जिसे हिंदू राष्ट्र के भविष्य से जोड़ा जा रहा है। संभल जामा मस्जिद पर भविष्यवाणी करने वाले स्वामी रामभद्राचार्य की ज़ुबान से पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश ख़ौफ़ में है लेकिन क्यों और अब योगी बाबा का कौन सा विराट रूप देखना अभी बाक़ी है। देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट।
तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर 22 भाषाओं के ज्ञाता, 82 ग्रंथों के रचियता, ऊपर से जगत गुरु। इन्हीं कारणों से ये समाज स्वामी राममभद्राचार्य का नाम बड़े ही आदर के साथ लेता है और उनकी कहीं बातों को भी गौर से सुनता है, तभी तो बटेंगे तो कटेंगे के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का मंदिर-मस्जिद वाला बयान क्या सामने आया, जगत गुरु ने तुरंत इस पर टिप्पणी करते हुए संभल का भविष्य बता दिया।
बीते दिनों संघ प्रमुख ने ऐसे नेताओं पर सवाल उठाए, जो मस्जिद-मस्जिद में मंदिर ढूँढकर हिंदुओं के नेता बनने की कोशिश कर रहे हैं..लेकिन भागवत जी की ये बातें जगत गुरु को क़तई स्वीकार नहीं है। जगत गुरु ने उलटा संघ प्रमुख को आईना दिखाते हुए ये कहा कि मोहन भागवत हमारे अनुशासक नहीं हैं. बल्कि हम उनके अनुशासक हैं। देखा जाए, तो मोहन भागवत ने नए मंदिर-मस्जिद विवादों के उभरने पर चिंता जाहिर की थी, लेकिन जगत गुरु के विचार इससे विपरीत है। अयोध्या मामले में राम मंदिर निर्माण के लिए सेतु का कार्य करने वाले जगत गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने मथुरा-काशी से संभल मस्जिद का भविष्य बता दिया।
हिंदू पक्षकार बाबरनामा का हवाला देते हुए जामा मस्जिद के भीतर हरी हर मंदिर को ढूँढ रहे हैं, और स्वामी रामभद्राचार्य हैं, जो एक कदम आगे बढ़कर मंदिर लेने की भविष्यवाणी कर रहे है। इस मामले में एक सकारात्मक पहलू यह है कि वहां मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। हम इसे लेकर रहेंगे, चाहे वह वोट से हो, कोर्ट से हो, या फिर जनता के सहयोग से हो। मंदिर के मुद्दे पर मेरा संघर्ष जारी रहेगा और मैं इसके लिए सभी संभव रास्तों का उपयोग करूंगा।
संभल विवाद को लेकर जगत गुरु की इसी टिप्पणी से इस बात के क़यास लगाए जा रहे हैं कि अयोध्या के बाद मथुरा-काशी की बजाए। संभल पर हरीहर मंदिर का भव्य स्वरूप देखने को मिलेगा। संभल का पौराणिक इतिहास इतना समृद्ध रहा है, आज भी संभल में भगवान कल्कि के अवतरित होने का इंतज़ार किया जा रहा है। मुग़ल शासकों में लोधी से लेकर बाबर ने यहाँ की संस्कृति को मिट्टी में मिलाने की खूब कोशिश की, लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया। संभल की ज़मीन से प्राचीन मंदिरों के निकलने का सिलसिला अब तक जारी है, इसी कारण के चलते स्वामी रामभद्राचार्य अब हरीहर मंदिर को वापस लेने की बात कह रहे हैं, इसी कड़ी में जब उन्होंने बांग्लादेश पर बोला, तो दुनिया को सर्वनाश की तस्वीर दिखी।
5 अगस्त को शेख़ हसीना का तख्तापलट और सत्ता पर युनूस सरकार का क़ब्ज़ा उस दिन से लेकर अब तक बंगाली हिंदुओं के साथ होने वाली मार काट थम नहीं पाई है। कट्टरपंथी सरकार की दादागिरी और अपने ही मुल्क में बंगाली हिंदुओं का दम घुटना बांग्लादेश की इसी तस्वीर पर आक्रोशित जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने सर्वनाश की भविष्यवाणी कर डाली है..डंके की चोट पर ये बोला है कि इंतजार कीजिए, सबका सर्वनाश होगा। चिंता मत कीजिए।
गौर करने वाली बात ये कि मसला संभल हो या फिर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश का इन दोनों ही मामले में जगतगुरु की भविष्यवाणी योगी बाबा से इसलिए जोड़ी जा रही है क्योंकि बतौर यूपी के मुख्यमंत्री योगी बाबा संभल को तीर्थ के रूप में सजाने-संवारने की तैयारी कर रही है, बक़ायदा मास्टरप्लान बनाया जा रहा है। विधानसभा में संभल दंगों पर दहाड़ चुके हैं और जिस तरीक़े से खुदाई में मंदिरों से जुड़ा कुछ ना कुछ मिल रहा है, उसे देखते हुए संभल में कुछ बड़ा करने का प्लान 100 फ़ीसदी है और जहां बात बांग्लादेश की आती है, तो वहाँ की कट्टरपंथी सरकार को सबक़ सिखाने वाली चेहरा अगर किसी में ढूँढा जाए, तो वो योगी ही है। पीएम मोदी की तुलना में योगी बाबा को कट्टर हिंदुत्व वादी नेता आज भी दबी आवाज़ में कहा जाता है। भविष्य में अगर योगी के हाथों देश की सत्ता आती है, तो पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश का क्या हाल होगा ?