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दिल्ली में आप और कांग्रेस को लेकर शिवसेना यूबीटी क्यों है दुखी ?

महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस और आप दोनों जो की इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। लेकिन बात अगर देश की होगी तो कांग्रेस बड़ी पार्टी है और दिल्ली की बात करें तो आप बड़ी पार्टी है जिसकी सबसे ज़्यादा ताक़त है।
दिल्ली में आप और कांग्रेस को लेकर शिवसेना यूबीटी क्यों है दुखी ?
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दिन अब नज़दीक आ गए है। यह चुनाव अब काफ़ी दिलचस्प होता जा रहा है क्योंकि इंडिया गठबंधन में शामिल सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान में ताल ठोक रही है। यही वजह है की अब इस चुनाव की चर्चा सिर्फ़ दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि देश के अल-अलग राज्यों में भी ख़ूब हो रही है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहा है कि इस चुनाव में कांग्रेस और आप दोनों जो की इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। लेकिन बात अगर देश की होगी तो कांग्रेस बड़ी पार्टी है और दिल्ली की बात करें तो आप बड़ी पार्टी है जिसकी सबसे ज़्यादा ताक़त है। 


दिल्ली चुनाव को लेकर बातचीत करते हुए शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कहा "दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप'अच्छे खासे अंतर से चुनाव जीत रही है। हमारी पार्टी को दुःख है क्योंकि आप और कांग्रेस दोनों इंडिया गठबंधन के सदस्य पार्टी है। कांग्रेस तो नेतृत्व कर रही है लेकिन केजरीवाल जैसे नेता को देशद्रोही कहना,ऐसा कैंपेन करना,इससे हम सहमत नहीं है।" वही बीजेपी पर तंज मारते हुए संजय राउत ने कहा दिल्ली में कोई भी चुनाव जीत जाए लेकिन सरकार तो एलजी, अमित शाह या नरेंद्र मोदी चलाएंगे। ये लोग किसी को काम नहीं करने देते है।



किसका दें साथ, धर्म संकट में है शिवसेना यूबीटी 

संजय राउत ने आगे यह भी कहा कि सबसे ज़्यादा धर्म संकट में हमारे जैसे राजनीतिक दल है। जो इस दुविधा में है कि आख़िर दिल्ली चुनाव में इसका प्रचार करें आप का या फिर कांग्रेस का क्योंकि इंडिया गठबंधन में दोनों दल है और दोनो से हमारा रिश्ता अच्छा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों ने हमारी पार्टी का चुनाव में बढ़ चढ़कर साथ दिया था। वही इंडिया गठबंधन के बिखरने के सवाल पर राउत ने कहा कि ये गठबंधन लोकसभा के लिए बना था। लोकसभा के लिए यह महागठबंधन फिर से एक होगा और अपनी पूरी ताक़त से साथ एनडीए के साथ लड़ेगा नहीं तो वरना अमित शाह और नरेंद्र मोदी विपक्ष को खा जाएंगे।
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