जिन्होंने रखी Maruti Suzuki की नींव, नहीं रहें Osamu Suzuki, 92 साल की उम्र में हुआ निधन
Osamu Suzuki Passes Away: ओसामु सुजुकी जापान की प्रसिद्ध ऑटोमोबाइल कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरशन के पूर्व चैयरमेन और लंबे तक इसके हेड रहे है। अपनी मेहनत और क़ाबलियत से उन्होंने कंपनी को शिकर की उचाईयों पर पहुंचाया है। साथ ही उन्होंने सुजुकी मोटर को एक ग्लोबल ऑटोमोबाइल के ब्रांड के रूप में स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। उनका 27 दिसंबर को ही में 92 साल की उम्र में निधन हो गया है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ....
भारत में मारुती 800 बनाकर की उपलधिया हासिल
भारत में साल 1980 में गरीबी और हालात देखकर उन्हीने भारत देश को सस्ती और टिकाऊ कार का आविष्कार किया।ओसामु सुजुकी ने इस अवसर को पहचाना और भारतीय सरकार से मिलकर और उनकी मंजूरी लेकर सस्ती कार बनाने का काम शुरू किया।वही, मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक भारत में 1983 में मारुती 800 लांच हुई। इसकी कीमत लगभग 47 , 500 रूपये थी , जो मध्य वर्गीय परिवार के लिए एकदम बेस्ट विकल्प है।ओसामु सुजुकी खुद इस प्रोजेक्ट में व्यक्तिगत रूप से शामिल थे।इतना ही नहीं ओसामु ने भारत की हालत देखने के लिए मारुती सुजुकी से गांव का दौरा किया। यह कार भारतीय ऑटोमोबाइल बजार की सबसे सफल कार बन गयी और ये कार का निकनेम भी रखा गया 'लोगों की कार' के नाम से जाने लगी मारुती सुजुकी।
ऐसा रहा ओसामु सुजुकी का जीवन
वही आपको बता दें, ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को जापान के गुफा में हुआ था।उनकी शुरआती शिक्षा काफी साधारण थी। लेकिन उन्होंने बाद में सोफ़िया यूनिवर्सिटी जापान से पढाई की। 1958 में ओसामु ने कंपनी ज्वाइन की , उन्हीने कंपनी के मेनेजमेंट और स्ट्रेटेजिक पहलुओं में बड़ी भूमिका निभाई। साल 1978 में वे सुजुकी मोटर के अध्यक्ष बने , 2000 कंपनी के चैयरमेन बने। इसके साथ ही 1982 में सुजुकी मोटर ने भारतीय सरकार के साथ समझदारी की , और फिर इसके बाद मारुती सुज़की की स्थापना हुई। मारुती सुज़की भारत में सबसे बड़ी कार बनने वाली कंपनी बनी है।