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अब पॉपकॉर्न पर भी लगेंगे 3 तरह के टैक्स, फ्लेवर के हिसाब से तय होगी टैक्स राशि | आपकी जेब पर पड़ेगा गहरा असर

राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसलिंग की 55वीं बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक बड़ा फैसला लिया गया है। इनमें पॉपकॉर्न के अलग-अलग टैक्स रेट्स तय किए गए हैं। अब इस पर कुल 3 तरह के टैक्स लगेंगे। जो बाजार में मौजूद फ्लेवर्स के हिसाब से होंगे।
अब पॉपकॉर्न पर भी लगेंगे 3 तरह के टैक्स, फ्लेवर के हिसाब से तय होगी टैक्स राशि | आपकी जेब पर पड़ेगा गहरा असर
अगर आप भी पॉपकॉर्न खाने के शौकीन है, अलग-अलग फ्लेवर्स का टेस्ट लेना चाहते हैं, तो फिर आपकी जेब ढीली होने वाली है। अक्सर हम भारतीय मूवी के दौरान थियेटर में अपने दोस्त या परिवार संग  पॉपकॉर्न का मजा लेते हैं। लेकिन अब यही पॉपकॉर्न का मजा आपको बड़ी सजा देने जा रहा है। राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर लगने वाले टैक्स पर बड़ा फैसला लिया गया है। अब पॉपकॉर्न को अलग-अलग फ्लेवर में अलग-अलग तरह के टैक्स दायरे में रखा गया है। यानी जितने फ्लेवर आप बदलेंगे उतना ही ज्यादा खर्च आपकी जेब से होगा। 

पॉपकॉर्न पर लगेंगे 3 तरह के टैक्स 


राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसलिंग की 55वीं बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक बड़ा फैसला लिया गया है। इनमें पॉपकॉर्न के अलग-अलग टैक्स रेट्स तय किए गए हैं। अब इस पर कुल 3 तरह के टैक्स लगेंगे। जो बाजार में मौजूद फ्लेवर्स के हिसाब से होंगे। 

किन-किन तरह के पॉपकॉर्न पर कितना टैक्स?


जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें पॉपकॉर्न के अलग-अलग फ्लेवर्स की लिस्ट भी सामने आई है। अगर आपने कोई साधारण पॉपकॉर्न खरीदा है। जो सिर्फ नमक और मसालों से तैयार किया गया है और इस पर किसी तरह का कोई लेबल नहीं लगा है। तो इस पर 5 फीसदी का जीएसटी लागू होगा। अगर नमक और मसाले से ही तैयार किया गया पॉपकॉर्न लेबल्ड लगाकर बेचा जा रहा है। तो फिर इस पर टैक्स 5 प्रतिशत से बढ़कर 12% हो जाएगा। इनमें सबसे ज्यादा टैक्स शुगर फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न पर है। जो कारमेल से तैयार किया जाता है। इस पॉपकॉर्न को "चीनी कन्फेक्शनरी" वाले कैटेगरी में रखा गया है। इस पर 18 प्रतिशत का जीएसटी लागू होगा। जानकारी के लिए बता दें कि पॉपकॉर्न पर पहले से जीएसटी टैक्स लग रहा है। लेकिन सरकार ने अपनी तरफ से स्पष्टीकरण देते हुए कह दिया है कि पॉपकॉर्न को नियमित करने की वजह से यह निर्णय लिया गया है। 

कैसा है भारत में पॉपकॉर्न कारोबार का बाजार 


पूरी दुनिया में पॉपकॉर्न का बाजार कई हजार करोड़ का है। बीते साल 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यह बिजनेस करीब 1200 करोड़ रूपये के आसपास था। इसका मार्केट हर साल बढ़ता जा रहा है। दुनिया भर में पॉपकॉर्न मार्केट 8 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है।

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए


जीएसटी काउंसिल की बैठक में सिर्फ पॉपकॉर्न ही नहीं बल्कि कई और बड़े फैसले लिए गए। इनमें इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल, पेट्रोल डीजल गाड़ियों को दोबारा से बिक्री करने यानी ओल्ड कार के तहत बेचने पर 18% जीएसटी लागू होगा। इंडिविजुअल कार खरीदने पर 12 प्रतिशत का जीएसटी देना होगा। इन सबके अलावा कई अन्य चीजों पर अहम फैसले लिए गए। हालांकि कई अन्य फैसलों को टाल दिया गया है। इनमें जोमैटो स्विग्गी से ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने पर लगने वाले टैक्स को कम करने के फैसले को भी टाल दिया गया है। हेल्थ इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस पर भी कोई सहमति नहीं बन पाई। होटल और रेस्टोरेंट पर 18% लगने वाले टैक्स को भी नहीं बदला गया है।
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