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बार-बार ठप हो रही UPI सेवाओं पर निर्मला सीतारमण सख्त, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के आदेश

देशभर में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के माध्यम से भुगतान में बार-बार आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक अहम बैठक की. इस बैठक में उन्होंने यूपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और सेवाओं को और अधिक मजबूत व भरोसेमंद बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए.

बार-बार ठप हो रही UPI सेवाओं पर निर्मला सीतारमण सख्त, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के आदेश
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UPI: देशभर में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के माध्यम से भुगतान में बार-बार आ रही तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को एक अहम बैठक की. इस बैठक में उन्होंने यूपीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और सेवाओं को और अधिक मजबूत व भरोसेमंद बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए. बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे.

बार-बार बाधित हो रही यूपीआई सेवाएं, परेशान हुए यूजर्स

पिछले एक महीने में तीन बार यूपीआई सेवाएं अचानक बंद हो चुकी हैं, जिससे करोड़ों उपयोगकर्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा.

फर्स्ट टाइम: 26 March 

सेकंड टाइम: 1 April 

थर्ड टाइम: 12 April 

ये घटनाएं ऐसे समय हुईं जब देश में डिजिटल भुगतान का दायरा तेजी से बढ़ रहा है और आम जनता, व्यापारी से लेकर संस्थाएं तक यूपीआई पर निर्भर होती जा रही हैं.

बैठक में हुए अहम फैसले

वित्त मंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को यूपीआई सेवा से जुड़ी खामियों को दूर करने के निर्देश दिए.उन्होंने साइबर सुरक्षा, रीयल-टाइम निगरानी और उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया.वित्त मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि यूपीआई प्रणाली में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, विस्तार और मॉनिटरिंग तंत्र को मजबूत करना अनिवार्य है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी रुकावट न हो.

तेजी से बढ़ा यूपीआई का दायरा

बैठक के दौरान एनपीसीआई अधिकारियों ने बताया कि यूपीआई का विस्तार बेहद तेज़ी से हो रहा है:

1. 2019-20 से 2024-25 तक औसत वार्षिक वृद्धि दर 72% रही है.

2. 2021-22 से 2024-25 तक 26 करोड़ नए यूजर्स यूपीआई से जुड़े.

3. 5.5 करोड़ मर्चेंट्स ने यूपीआई को अपनाया.

4. वर्तमान में लगभग 45 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं.

वित्त वर्ष 2024-25 में:

1. ट्रांजैक्शन की संख्या 42% बढ़कर 18,586 करोड़ पहुंच गई.

2. ट्रांजैक्शन का मूल्य 30% बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपए हो गया.

भविष्य की दिशा और लक्ष्य

वित्त मंत्री सीतारमण ने अधिकारियों से कहा कि अगले 2-3 वर्षों में प्रति दिन 1 बिलियन ट्रांजैक्शन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में काम करें.इसके साथ ही उन्होंने UPI का इंटरऑपरेबल फ्रेमवर्क, वैश्विक स्वीकार्यता और अंतरराष्ट्रीय विस्तार पर भी जोर दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि यूपीआई की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए उपयोगकर्ता संख्या, मर्चेंट्स की भागीदारी, और सेवाओं की गुणवत्त,  इन सभी पर एक साथ काम करने की आवश्यकता है.

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यूपीआई आज भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन चुका है. लेकिन बीते कुछ समय में आई तकनीकी दिक्कतों ने यह साफ कर दिया है कि इस सिस्टम को और मजबूत करने की जरूरत है. वित्त मंत्री द्वारा बुलाई गई यह उच्चस्तरीय बैठक न केवल यूपीआई की वर्तमान स्थिति की समीक्षा थी, बल्कि इसके भविष्य के लिए एक दिशा भी तय करती है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यूपीआई उपयोगकर्ताओं को और तेज़, सुरक्षित व निर्बाध सेवाएं मिलेंगी.

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