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ChatGPT और DeepSeek को टक्कर देने आया ओला का देसी AI असिस्टेंट Krutrim , जानें कब होगा लॉन्च

ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा स्थापित कृत्रिम (Krutrim) एआई असिस्टेंट, भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है।
ChatGPT और DeepSeek को टक्कर देने आया ओला का देसी AI असिस्टेंट Krutrim , जानें कब होगा लॉन्च
Photo by:  Google

Ola Desi AI assistant Krutrim: ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल द्वारा स्थापित कृत्रिम (Krutrim) एआई असिस्टेंट, भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है। यह एआई असिस्टेंट 10 से अधिक भारतीय भाषाओं में कार्य करता है, जैसे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, बांग्ला, मराठी, कन्नड़, गुजराती, तेलुगु, मलयालम, पंजाबी और यहां तक कि हिंग्लिश (हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रण)।

मुख्य विशेषताएं:

भाषाई विविधता: कृत्रिम असिस्टेंट विभिन्न भारतीय भाषाओं में संवाद करने में सक्षम है, जिससे यह व्यापक उपयोगकर्ता वर्ग के लिए सुलभ बनता है।

उच्च प्रदर्शन: 2 ट्रिलियन टोकन पर प्रशिक्षित, कृत्रिम असिस्टेंट भारतीय भाषाओं में उच्च प्रदर्शन प्रदान करता है, जिससे यह अन्य मॉडलों की तुलना में अधिक सटीक और प्रभावी है।

व्यापक उपयोग: यह ईमेल लिखने, यात्रा की योजना बनाने, नई विधियों को सीखने और विभिन्न विषयों पर जानकारी प्राप्त करने जैसे कार्यों में सहायता करता है।

लॉन्च और विकास:

फरवरी 2025 में, कृत्रिम ने अपने बीटा संस्करण की सार्वजनिक शुरुआत की, जिससे उपयोगकर्ताओं को इसकी क्षमताओं का अनुभव करने का अवसर मिला। कंपनी ने भविष्य में नियमित उत्पाद उन्नयन और नई सुविधाओं के जोड़ने की योजना बनाई है, जिससे यह एआई असिस्टेंट और भी अधिक उपयोगी और सशक्त बनेगा।

भविष्य की योजनाएं:

कृत्रिम एआई के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने घोषणा की है कि कंपनी 2026 तक अपना पहला एआई चिप विकसित और लॉन्च करने की योजना बना रही है। इन चिप्स के नाम 'बोधि' (एआई के लिए), 'सर्व' (सामान्य कंप्यूटिंग के लिए) और 'ओजस' (एज कंप्यूटिंग के लिए) होंगे। इसके अलावा, कृत्रिम अपने डेटा सेंटर की क्षमता को 2028 तक 20 मेगावाट से बढ़ाकर 1 गीगावाट करने की योजना बना रहा है, जिससे एआई सेवाओं की गति और विश्वसनीयता में सुधार होगा।

इन पहलों के माध्यम से, कृत्रिम एआई भारतीय बाजार में ChatGPT और DeepSeek जैसे वैश्विक एआई असिस्टेंट्स को चुनौती देने की क्षमता रखता है। भाषाई विविधता, सांस्कृतिक संदर्भ और उन्नत तकनीकी बुनियादी ढांचे के साथ, कृत्रिम एआई भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय विकल्प प्रस्तुत करता है।

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