पढ़ा लिखा नौजवान जो बन गया जुर्म का दूसरा नाम, कहानी अखिलेश सिंह की
गैंगस्टर अखिलेश सिंह का जिक्र जब होता है तो झारखंड में कारोबारी आज भी कांप जाते हैं. अखिलेश ने अपराध की दुनिया में रंगदारी से कदम रखा था. लेकिन देखते ही देखते उस पर मर्डर, रंगदारी, धमकी समेत 50 से ज़्यादा आपराधिक मामले दर्ज हो गए.
झारखंड का एक पढ़ा लिखा नौजवान अखिलेश सिंह जो अपराध की दुनिया में आतंक का पर्याय बन गया। एक पुलिस वाले का बेटा जो झारखंड का मोस्ट वांटेड बन गया।एक दो नहीं बल्कि पांच राज्यों ने उस पर 7 लाख का इनाम रखा। रंगदारी से अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले अखिलेश सिंह के नाम से आज भी कारोबारी कांपते हैं।
अखिलेश सिंह का परिवार बिहार के बक्सर का रहने वाला है। पिता चंद्रगुप्त सिंह जमशेदपुर में पुलिस अधिकारी के रूप में पोस्टेड थे। जो अब झारखंड की राजनीति में भी सक्रिय हैं। इसलिए परिवार भी वहीं का हो गया।शुरूआत में अखिलेश सिंह की दिलचस्पी राजनीति में रही। इसलिए वह छात्र राजनीति से जुड़ा। लेकिन बेहद ही कम समय में उसने राजनीति छोड़ ट्रांसपोर्ट के बिजनेस में हाथ आजमाया और यहीं से अपराध की दुनिया में भी कदम रखा। अक्सर अखिलेश सिंह के बारे में मारपीट की शिकायत मिलती थीं। लेकिन पुलिस अधिकारी पिता का रसूख इतना था कि वह बार बार बच जाता।
साल- 2021 कारोबारी का किडनैप एक करोड़ की रंगदारी
अपराध की दुनिया में पहली बार अखिलेश सिंह ने जमशेदपुर के नामी कारोबारी ओम प्रकाश काबरा को किडनैप कर लिया। और उनसे एक करोड़ की रंगदारी मांगी।लिहाजा पुलिस ने इस केस में उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया।जेल में रहते हुए अखिलेश की जेलर उमाशंकर पांडेय से बहस हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि उसने जेलर को हत्या की धमकी दे डाली। ग़ुस्से में दी गई इस धमकी को भले ही जेलर ने सीरियस ना लिया हो लेकिन अखिलेश सिंह सीरियस था। और जेल से निकलते ही 12 मार्च 2002 को उसने उमाशंकर पांडेय की बेरहमी से हत्या कर दी। इतना ही नहीं जिस कारोबारी ओमप्रकाश काबरा की किडनैपिंग के आरोप में अखिलेश जेल गया था। बाहर निकलते ही उसको भी मौत के घाट उतार दिया। इन दो हत्याओं के बाद अखिलेश सिंह जमशेदपुर में खौफ का दूसरा नाम बन गया था। व्यापारियों से रंगदारी धमकी ये सब उसके लिए खेल की तरह था।
अपराध का ‘सिंह जी’
अखिलेश को उसके समर्थकों ने सिंहजी नाम दिया था। अपराध की दुनिया में वो इसी नाम से जाना जाता था। उसका अपराध का ग्राफ़ लगातार बढ़ता ही जा रहा था। 2007 में अखिलेश सिंह ने श्रीलेदर्स शूज कम्पनी के मालिक आशीष डे से रंगदारी मांगी। रंगदारी ना देने पर अखिलेश ने 2 नवम्बर 2007 में आशीष डे की दिनदहाड़े हत्या करवा दी। 2007 में ही उसने अपने विरोधी ददन दुबे और निजाम दोनो की हत्या करवा दी। इसके बाद तो उसने अपने सारे विरोधियों को खत्म करने की कसम खा ली थी।
टाटा स्टील के अधिकारी की हत्या से फैलाई सनसनी
4 अक्टूबर साल 2008 जब टाटा स्टील प्लांट के अधिकारी जयराम सिंह की हत्या कर दी गई। उनकी हत्या में अखिलेश का नाम सामने आया था। इसी साल उसने झारखंड में मशहूर ट्रांसपोर्टर आलोक शर्मा की दिनदहाड़े हत्या करवा दी। जिससे पूरा जमशेदपुर दहल गया।
अखिलेश सिंह के अपराधिक आंकड़ों पर नजर डालें तो लिस्ट लंबी है.
15 मार्च 2008 को रवि चौरसिया पर फायरिंग। 25 जुलाई कांग्रेसी नेता नट्टू झा के कार्यालय पर फायरिंग। 17 अगस्त सतेंद्र सिंह के ससुराल में फायरिंग। 28 अगस्त ठेकेदार रंजीत सिंह पर फायरिंग। 17 सितंबर को सहयोगी रहे परमजीत सिंह पर फायरिंग । 2009 में जेल के अंदर परमजीत सिंह की हत्या करवाई ।
लोगों के बीच आतंक का दूसरा नाम बन चुके अखिलेश सिंह को ना कानून का खौफ था। ना किसी से कोई डर। साल 2008 में ही उसने पूर्व जज आरपी रवि के घर पर फायरिंग करवा दी। अखिलेश सिंह पर 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। बावजूद इसके वह राजनीति में सक्रिय होने लगा और अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का प्रदेश अध्यक्ष बन गया। लेकिन पुलिस का शिकंजा कसता देख वह झारखंड से फरार हो गया।
5 साल में बनाई अकूत संपत्ति
झारखंड से फ़रार रहते हुए अखिलेश सिंह ने रियल स्टेट के कारोबार में कदम रखा। रंगदारी और स्क्रैप के कारोबार से आए पैसों को उसने बिहार, झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, बंगाल, गुजरात, यहां तक की सिंगापुर में भी उसने रियल स्टेट के कारोबार में लगाया। अलग अलग जगह वह अलग अलग नामों से बिजनेस चलाता था। इसी तरह उसने 500 करोड़ से ज्यादा का सम्राज्य खड़ा कर लिया।
ED ने 2018 में अखिलेश सिंह की 700 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की। कोलकाता में ICICI बैंक से 12 करोड़ कैश। नोएडा के एक्सिस बैंक से 22 करोड़ कैश। दिल्ली के रोहिणी में बैंक से 34 करोड़ कैश। जबलपुर में 200 एकड़ जमीन। गुजरात के सूरत में 15 एकड़ जमीन। नोएडा में 2 फ्लैट। गुड़गांव में 2 फ्लैट। गुड़गांव, जयपुर, रांची, बनारस से संपत्ति । सिंगापुर में एक्सपोर्ट आयरन कम्पनी ।
हालांकि ये संपत्ति ED कोर्ट के आदेश के बाद अखिलेश सिंह को वापस कर दी। कई केसों में वो बरी भी हो चुका। लेकिन कई मामलों में अभी भी सुनवाई चल रही है। वहीं, अलग अलग राज्यों ने अखिलेश पर 7 लाख का इनाम घोषित किया था। इसी कड़ी में जब गुरुग्राम क्राइम ब्रांच की टीम ने उस पर शिकंजा कसा तो उसने पुलिस पर ही फ़ायरिंग कर दी। लेकिन पुलिस ने उसके घुटनों पर गोली मारी जिससे उसका भागना मुश्किल हो गया।
फिलहाल अखिलेश सिंह झारखंड की दुमका जेल में सजा काट रहा है। लेकिन जेल में रहते हुए भी झारखंड में उसका खौफ क़ायम है। हालांकि जिस तरह से जुर्म की दुनिया में उसका नाम है उसका बाहर आना मुश्किल है। आपको हमारी ये रिपोर्ट कैसी लगी।