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क्राइम की दुनिया में कुख्यात सुनील राठी का बाप कैसे बना गैगस्टर चिनू पंडित

जब चीनू करीब 18 साल का था तब उसके एक भाई को प्रदीप संगड़े नाम के गैंगस्टर ने कत्ल कर दिया। कुछ ही महीनों के बाद प्रदीप संगड़े का किसी ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। लोग दावा करते हैं भाई की मौत का बदला लेने के लिए चीनू तड़प रहा था और एक दिन मौका मिलते ही उसने प्रदीप संगड़े को ठोक दिया।
क्राइम की दुनिया में कुख्यात सुनील राठी का बाप कैसे बना गैगस्टर चिनू पंडित
देवभूमि उत्तराखंड को आप किस लिए जानते है, वहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए, केदारनाथ- बद्रीनाथ के लिए या फिर पर्यटन के अलग-अलग रोमांचक जगहों के लिए लेकिन उसी देवभूमि का एक लड़का है चिनू पंडित। जिसने अपने अपराधों से देवभूमि को कलंकित किया और देखते ही देखते बन गया कुख्यात गैंगस्टर।गैंगस्टर के इस ख़ास रिपोर्ट में आज हम बात करने वाले है कुख्यात गैंगस्टर चिनू पंडित कि बारे में, जिसने पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी से पंगा लिया। इन दोनों के बीच वर्चस्व को लेकर कई बार गैंगवार हुआ। अब हम आपको इसी खूंखार चीनू पंडित की कहानी बताने जा रहे है जिसकी जान सुनील राठी ही नहीं, नीरज बवाना और अमित भूरा जैसे गैंगस्टर भी लेना चाहते हैं। लेकिन हर बार चीनू पंडित मौत से आंखमिचौली करके आगे बढ़ जाता है।


जुर्म की दुनिया में कैसे रखा क़दम 

उत्तराखंड का एक जगह है रुड़की  की दो बड़ी पहचान है। पहला तो गंगा घाट के बेहद करीब बसा एक शहर। दूसरा आईआईटी के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध एक संस्थान। लेकिन जुर्म की दुनिया में सिक्का जमा चुके चीनू पंडित की वजह से भी रुड़की अलग पहचान रखने लगा है। चीनू पंडित क्राइम की दुनिया में कैसे आया उसकी कहानी बड़ी फिल्मी है। ये कहानी वही है बदले कि आग वाली, आखिर चीनू पंडित जुर्म की दुनिया में आया कैसे। इस सवाल की तहक़ीक़ात करनी है तो रुड़की की तरफ़ ले चलते है। रुड़की में एक जगह है अंबर तालाब। यहीं विनीत शर्मा उर्फ चीनू पंडित का जन्म हुआ। जब चीनू करीब 18 साल का था तब उसके एक भाई को प्रदीप संगड़े नाम के गैंगस्टर ने कत्ल कर दिया। कुछ ही महीनों के बाद प्रदीप संगड़े का किसी ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। लोग दावा करते हैं भाई की मौत का बदला लेने के लिए चीनू तड़प रहा था और एक दिन मौका मिलते ही उसने प्रदीप संगड़े को ठोक दिया। इस वारदात के बाद चीनू के कदम कभी नहीं थमे, वो देखते ही देखते गैंगस्टर विश्वास पंडित का खास गुर्गा बन गया। जब विश्वास पंडित पुलिस की गोली से एनकाउंटर में ढेर हो गया तो कुछ वक्त तक सुनील राठी और चीनू पंडित ने साथ काम किया। दोनों ने एक साथ कई वारदातों को अंज़ाम दिया। 


कई बड़े अपराधों को दिया अंजाम 

साल 2006 में रुड़की में एक दिल दहलाने वाला मर्डर हुआ। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी राधेश्याम की प्रसाशनिक भवन के सामने हत्या कर दी गई। इस सनसनीखेज़ कांड में चीनू पंडित, सुनील राठी और आकाश त्यागी का नाम आया। ऐसा माना जाता है इसी वारदात के बाद राठी और पंडित के रास्ते अलग-अलग हो गए। प्रॉपर्टी, केबल कारोबार और रंगदारी के धंधे के अलावा दो गैंगस्टर्स के बीच ये जंग जाट बनाम पंडित की भी है। कुछ लोग कहते हैं पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड तक सुनील राठी का सिक्का चलता है, राठी का नेटवर्क हर जगह बड़ा तगड़ा है, चाहे जेल के अंदर हो या बाहर सुनील राठी के गुर्गे अपने दुश्मन को ढेर करके ही मानते हैं। लोग बताते हैं जिस चीज़ पर चीनू पंडित का दिल आ जाए वो उसे पाकर छोड़ता है। जो कोई भी चीनू की आंख में खटक जाए उसे वो टपका देता है। चीनू पंडित को करीब से जानने वाले कहते हैं उसका दिमाग़ कब किस करवट बैठ जाए कोई कुछ नहीं कह सकता। उसका दिमाग़ लोमड़ी से भी तेज़ चलता है। जैसे-जैसे चीनू दहशत का दूसरा नाम बनता गया उसकी महत्वकांक्षाएं भी बढ़ती गई। वो रुड़की से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन कई कारणोंवश लड़ नहीं पाया। इसलिए उसने अपनी ये ख्वाहिश मां के रूप में पूरी की, चीनू ने अपनी मां शशि शर्मा को पार्षदी का चुनाव लड़ाया और जितवा भी दिया। 2008 में चीनू पंडित ने रुड़की में ही एक बिज़नेसमैन को मौत के घाट उतार दिया था।  चीनू पंडित पर 27 से ज्यादा संगीन जुर्म के मामले दर्ज हैं। इसमें हत्या, रंगदारी, किडनैपिंग के केस सबसे ज्यादा हैं। सबसे चर्चित घटना हुई सात मई 2016 के दिन रुड़की एक बार फिर दहल उठा। वजह बना विकास त्यागी हत्याकांड। आधी रात के बाद रुड़की के क्लासिक बार में आकाश  त्यागी नाम के गैंगस्टर के सीने में चीनू पंडित ने तड़ातड़ तीन गोलियां उतार दी। दरअसल आकाश त्यागी को चीनू के भाइयों राजीव और शगुन ने एक ट्रैप के साथ फंसाकर क्लासिक बार में बुलाया था, तीनों मिलकर शराब पी रहे थे। तभी बार में चीनू पंडित अपने गनर के साथ आय़ा। चीनू ने गनर को बाहर ही रहने को कहा, और खुद अंदर चला गया। इसके कुछ देर बाद ही बामन का छोरा चीनू क्लासिक बार के बाहर भागता हुआ दिखा।


कैसे अलग हुए चिनू और सुनील राठी 

गैंगस्टर की दुनिया में जो आज दोस्त है, वही एक दिन दुश्मन बनता है। कुछ-कुछ होता है में शाहरुख़ ख़ान का एक डायलॉग था, लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते। वही फॉर्मूला गैंगस्टर्स की दुनिया में भी लागू होता है। दो गैंगस्टर कभी एक नहीं हो सकते। पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के टॉप के गैंगस्टर चीनू पंडित को लेकर भी यही बात सच साबित हुई है। चीनू पंडित कभी सुनील राठी के साथ मिलकर जुर्म की दुनिया में एकछत्र राज करने चला था। लेकिन पैसा, पावर और टेरर का नशा ऐसा चढ़ा कि राठी और पंडित अलग हो गए और एक दूसरे की जान के प्यासे बन बैठे। खून की इस प्यास को बुझाने के लिए राठी और पंडित गैंग के बीच कई बार गैंगवॉर हुई, कई बदमाश ढेर हो गए। लेकिन चीनू और सुनील राठी की सांसें अब तक चल रही हैं। दोनों जेल से अपना गैंग ऑपरेट कर रहे हैं। साल 2014 से चीनू पंडित और सुनील राठी की दुश्मनी खुल्लमखुल्ला तब हो गई, जब पंडित पर जानलेवा हमला हुआ। कहा जाता है उन दिनों देहरादून जेल में बंद राठी ने जेल के अंदर से ही चीनू पंडित को ठोकने का प्लान बनाया। इस काम के लिए उसने दो और गैंगस्टर्स से बात की। इनमें से एक था अमित भूरा, दूसरा था देवपाल राणा। तारीख थी 5 अगस्त 2014, कई महीने रुड़की जेल में बिताने के चीनू पंडित रिहा हो रहा था। चीनू को लेने के जेल के बाहर उसके कई साथी और भाई मौजूद थे। चीनू को ज़रा भी अहसास नहीं था कि आज कुछ बहुत ख़तरनाक होने वाला है। अभी शाम के पांच बजे ही थे और चीनू कार में बैठने ही जा रहा था तभी एके-47 समेत 9 MM की पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगी। कहते हैं अमित भूरा, देवपाल राणा समेत एक और क्रिमिनल ने रुड़की जेल के मेन गेट पर ही करीब 50 राउंड फायर किए गए।इस वारदात में चीनू पंडित के तीन साथी ऑन द स्पॉट ढेर हो गए, 7 लोग घायल हुए। किस्मत देखिए चीनू पंडित का बाल भी बाक़ा नहीं हुआ। हां ये ज़रूर हुआ कि इस हमले के बाद चीनू पंडित बदले की आग में जलने लगा। वो सुनील राठी का कामतमाम करने का प्लान बनाने लगा। 


चिनू पंडित और उसके गुर्गों के पास है अत्याधुनिक हथियार 

जरायम की दुनिया में अपने नाम और ख़ौफ़ को बढ़ाने के लिए चिनू पंडित ने अपनी टीम के साथियों को अत्याधुनिक हथियार भी उपलब्ध करवाने लगा। इसमें से AK -47 , 32 बोर की एँगलिह पिस्टल है। इसके गैंग के गुर्गे इसका इस्तेमाल करते है। और सुनील राठी से शुरू हुई वर्चस्व की लड़ाई के बाद तो चिनू पंडित और भी सतर्क रहना शुरू कर दिया क्योंकि जेल में भी सुनील राठी का नेटवर्क मजबूत माना जाता है। चिनू पंडित की पूरी बायोग्राफ़ी आप देख सकते है हमारे Youtube चैनल NMF NEWS ले गैगस्टर सिरीज़ में......
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