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INS Tushil की ताक़त देख दुनिया हैरान, कांप उठे दुश्मन

आईएनएस तुशिल 9 दिसंबर को रूस में कमिशंड होने के बाद भारत की तरफ़ निकल चुका है…इंडियन की बढ़ती ताक़त का एक नमूना INS TUSHIL भी है…अपनी भारत तक की इस यात्रा में यह जहाज बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर से होकर गुजरेगा रास्ते में कई मित्र देशों के बंदरगाहों पर रुकेगा…इसी कड़ी में अपनी पहली तैनाती में लंदन बंदरगाह पर पहुंचा है…
INS Tushil की ताक़त देख दुनिया हैरान, कांप उठे दुश्मन
मल्टी रोल स्टील्थ मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट समंदर का सिकंदर आईएनएस तुशिल 9 दिसंबर को रूस में कमिशंड होने के बाद भारत की तरफ़ निकल चुका है। इंडियन की बढ़ती ताक़त का एक नमूना INS TUSHIL भी है। उसके भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद चीन और पाकिस्तान की धड़कने भी बढ़ चुकी हैं। रूस में बना ये फ्रिगेट भारत की शान है।अपनी भारत तक की इस यात्रा में यह जहाज बाल्टिक सागर, उत्तरी सागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर से होकर गुजरेगा रास्ते में कई मित्र देशों के बंदरगाहों पर रुकेगा। इसी कड़ी में अपनी पहली तैनाती में लंदन बंदरगाह पर पहुंचा है। इसे लेकर लंदन में भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर लिखा कि भारतीय उच्चायोग आईएनएस तुशिल का स्वागत करता है। इससे पहले जब रूस से INS TUHSIL रवाना हुआ तब एक 57 सेकेंड के वीडियो के जरीए रूस ने इसकी रवानगी के समय को दिखाया।ये जहाज़ तलवार क्लास स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल प्रिगेट का हिस्सा है। अब तक तलवार क्लास के 7 जंगी जहाज बन चुके हैं। 6 एक्टिव हैं। चार नए जंगी जहाज बनाए जा रहे है।

INS तुशिल की ताक़त 

आईएनएस तुशिल का समंदर में डिस्प्लेसमेंट 3850 टन है। इसकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। ये समंदर में अधिकतम 59 km/hr की रफ्तार से चल सकता है। स्पीड को 26 km/hr किया जाए तो ये 4850 km की रेंज कवर कर सकता है।  56 km/hr की स्पीड से चले तो 2600 km तक जा सकते हैं। यह जंगी जहाज 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता ।उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है।  ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस हैं। साथ ही 4 केटी-216 डिकॉय लॉन्चर्स लगे हैं. इसमें 24 Shtil-1 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात हैं। 8 इगला-1ई, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल क्लब, 8 वर्टिकल लॉन्च एंटी-शिप और लैंड अटैक ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात है। इसमें एक 100 मिलिमीटर की A-190E नेवल गन लगी है। इसके अलावा एक 76 mm की ओटो मेलारा नेवल गन लगी है। 2 AK-630 CIWS और 2 काश्तान CIWS गन लगी हैं।
इन खतरनाक बंदूकों के अलावा दो 533 मिलिमीटर की टॉरपीडो ट्यूब्स हैं एक रॉकेट लॉन्चर भी तैनात किया गया है। इस जंगी जहाज पर एक कामोव-28 या एक कामोव-31 या ध्रुव हेलिकॉप्टर लैस हो सकता है।

तुशील जिसका मतलब होता है ‘रक्षक कवच’  और इसका शिखर ‘अभेद्य कवचम’ (impenetrable shield) का प्रतिनिधित्व करता है। अपने आदर्श वाक्य ‘निर्भय, अभेद्य और बलशील’ के साथ, यह जहाज देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा और सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
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