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मोदी के भारत लौटते ही चीन ने दागी मिसाइल, सहमी दुनिया

चीन ने 44 सालों के बाद डमी वारहेड के साथ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रशांत महासागर में परीक्षण किया. इस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का नाम DF-41 है।जो अब अमेरिका के लिए भी सिर दर्द बन गई है क्योंकि ये मिसाइल अमेरिका तक तबाही मचाने में सक्षम है
मोदी के भारत लौटते ही चीन ने दागी मिसाइल, सहमी दुनिया

अमेरिका में QUAD की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन पर निशाना साधा। पीएम ने बिना नाम लिए चीन पर हमला बोलते हुए कहा कि क्वाड के नेता नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संप्रभुता के सम्मान में खड़े हैं। वहीं अमेरिका ने भी चीन की बढ़ती ताकत पर चिंता ज़ाहिर की। QUAD सदस्य देशों के बीच कई बातों पर सहमति हुई। इसी सहमति से QUAD सदस्य देशों के बीच 8 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के बीच मलाबार युद्ध अभ्यास होने जा रहा है। यह नौसेना अभ्यास चीन की लाइफलाइन एनर्जी ट्रेड रूट (समुद्री रूट) को प्रभावित करने के लिए हो रहा है। समुद्र में चीन अपनी दादागिरी चला रहा है। लेकिन ये सब बातें करके पीएम मोदी वापस भारत लौटे ही थे कि उधर चीन ने 44 सालों के बाद डमी वारहेड के साथ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का प्रशांत महासागर में परीक्षण किया। इस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का नाम DF-41 है। सवाल उठता है कि क्या यह मिसाइल अमेरिका की ओर लॉन्च की गई है। इसे लेकर भी चीन ने जवाब दिया। चीन का कहना है कि यह लॉन्च किसी भी देश या टारगेट की ओर नहीं किया गया था। 

चीन के मुताबिक मिसाइल का लॉन्च अंतरराष्ट्रीय कानूनों के हिसाब से है। मिसाइल की ताकत, रेंज या इसके लॉन्च की जगह को लेकर चीन ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि इसकी मारक क्षमता 12 हजार से लेकर 15 हजार किमी तक है। यह अमेरिका तक पहुंचने में सक्षम है। यानी चीन के टारगेट पर अमेरिका भी है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा..

'चीनी सेना के रॉकेट फोर्स ने 25 सितंबर को सुबह 08:44 बजे प्रशांत महासागर में एक डमी हथियार ले जाते हुए एक आईसीबीएम लॉन्च किया। मिसाइल उसी समुद्री क्षेत्र में गिरी जहां उम्मीद थी। यह लॉन्च हमारे वार्षिक प्रशिक्षण योजना में एक नियमित व्यवस्था है। यह लॉन्च अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास के अनुरूप है। किसी भी देश की ओर इसे टार्गेट नहीं किया गया था।'

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, 1980 में, चीन ने अपने पहले आईसीबीएम, DF-5 का परीक्षण देश के उत्तर-पश्चिम में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से दक्षिण प्रशांत में किया था, जिसमें 8,000 किलोमीटर (5,000 मील) से अधिक की दूरी तय की गई थी। चीन ने तब से चुपचाप कई ICBM परीक्षण किए हैं, जिनमें से अधिकांश अपने ही क्षेत्र में किए गए हैं, जिनमें से कई झिंजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र के रेगिस्तान में उतरे हैं।

मिसाइल लॉन्च ऐसे समय पर हुआ है जब इस साल की शुरुआत में हिंद प्रशांत क्षेत्र में दिखी नई अमेरिकी मिसाइल प्रणाली को लेकर चीन नाराज है। चीन के अधिकारियों ने इस हथियार के बारे में बार-बार शिकायत की है, जिसमें पिछले सप्ताह दो बार की शिकायत शामिल है। अमेरिकी सेना ने अप्रैल में पहली बार विदेश मिसाइल सिस्टम तैनात करते हुए फिलीपींस में अपनी मिड-रेंज कैपेबिलिटी (MRC) या टाइफून मिसाइल सिस्टम को तैनात किया है। अमेरिकी अधिकारी इसे जापान में भी तैनात करने के इच्छुक हैं।

 कितना खतरनाक है DF-41?

खतरनाक बात यह है कि यह मिसाइल अमेरिका के अंदर तबाही मचाने की ताकत रखता है। आम तौर पर अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज आमतौर पर 5,500 किमी तक होती है, लेकिन इसकी मारक क्षमता 12 से 15 हजार किमी तक है। इसे परमाणु बम ले जाने के लिए डिजाइन किया गया होता है। चीन की लेटेस्ट ICBM परीक्षण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती मिसाइल गतिविधि के बीच हुआ है। इस महीने की शुरुआत में, उत्तर कोरिया ने जापान सागर की ओर निर्देशित कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था।

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