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भारत में बने C-295 एयरक्राफ़्ट पर होगी दुनिया की नज़र, मेक इन इंडिया का होगा जलवा

वडोदरा स्थित टाटा एयरक्राफ़्ट प्लांट में स्पेनिश C-295 एयरक्राफ़्ट का प्रोडक्शन होगा..इसे लेकर भारत और स्पेन के बीच 56 विमान बनाने का समझौता हुआ है…पहले 16 विमान स्पेन में ही बनेंगे और ख़ास बात ये है कि अन्य सभी 40 विमान टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड भारत के वडोदरा प्लांट में बनाएगी
भारत में बने C-295 एयरक्राफ़्ट पर होगी दुनिया की नज़र, मेक इन इंडिया का होगा जलवा
स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ भारत दौरे पर हैं। लगभग दो दशक के बाद स्पेनिश पीएम का ये भारत दौरा है। इससे पहले जुलाई 2006 में स्पेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री जोस लुईस ने भारत की यात्रा की थी। अब पीएम पेड्रो भारत आएं हैं इस दौरान पीएम मोदी और स्पेनिश पीएम पेड्रो के बीच गर्मजोशी से मुलाक़ात हुई। दोनों ही नेताओं ने वडोदरा में एक रोड शो भी किया। स्पेनिश पीएम का ये दौरा इसलिए भी अहम है, क्योंकि वडोदरा स्थित टाटा एयरक्राफ़्ट प्लांट में स्पेनिश C-295 एयरक्राफ़्ट का प्रोडक्शन होगा। इसे लेकर भारत और स्पेन के बीच 56 विमान बनाने का समझौता हुआ है। पहले 16 विमान स्पेन में ही बनेंगे और ख़ास बात ये है कि अन्य सभी 40 विमान टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड भारत के वडोदरा प्लांट में बनाएगी। इस प्रजोक्ट के तहत पहली बार देश में कोई निजी कंपनी सेना के लिए प्लेन बनाएगी।


साल 2022 में पीएम मोदी ने C- 295 एयरक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी कॉम्लेक्स के निर्माण की आधारशिला रखी थी। ये कॉम्लेक्स देश का पहला निजी फ़ाइनल असेंबली लाइन है, जो मिलिट्री एयरक्राफ़्ट बनाएगा। भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान भारत के लिए बेहद ज़रूरी है। जिससे सैनिकों, हथियारों ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुँचा सकें। C- 295 कम वज़न के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारतीय सेना के लिए अहम साबित होने वाला है। पीएम मोदी ने टाटा एयरक्राफ़्ट प्लांट का उद्धाटन करते हुए बड़ी बात की। '10 साल में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 30 गुना बढ़ गया है। हम दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को डिफेंस एक्यूपेमेंट एक्सपोर्ट कर कर रहे हैं। भारत में स्किल्स और जॉब क्रिएशन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट से भी हजारों जॉब पैदा होंगी। पीएम ने इस दौरान रतन टाटा को भी याद किया और क्या कुछ कहा पहले वो सुनिए फिर आपको एयरक्राफ्ट C-295 की खासियत बताते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने C-295 एयरक्राफ्ट की फाइनल असेंबली लाइन प्लांट की नींव अक्टूबर 2022 में रखी थी। इसके लिए भारत सरकार ने सितंबर 2021 में स्पेन की एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए 21,935 करोड़ रूपए में डील साइन की थी। उद्घाटन से पहले प्लांट के अधिकारियों ने बताया कि भारत में पहला C-295 एयरक्राफ्ट सिंतबर 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा। बाकी 39 एयरक्राफ्ट 2031 तक बनकर तैयार हो जाएंगे।

 एयरक्राफ्ट C-295 की खासियत


ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। कंपनी के मुताबिक ये एयरक्राफ्ट 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। वहीं, लैंडिंग के लिए 670 मीटर की लंबाई काफी है। यानी लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन में ये एयरक्राफ्ट मददगार साबित होगा।
एयरक्राफ्ट अपने साथ 7,050 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है। एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है यह 30,000 फीट तक की ऊंचाई पर जा सकता है..
लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 2 लोगों के क्रू केबिन में टचस्क्रीन कंट्रोल के साथ स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम भी है।
C-295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पीछे रैम्प डोर है, जो सैनिकों या सामान की तेजी से लोडिंग और ड्रॉपिंग के लिए बना है।
एयरक्राफ्ट में 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हुए हैं। इन सभी प्लेन को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा।
 
Airbus C-295 को पहले CASA C-295 के नाम से जाना जाता था। इसे 90 के दशक में विकसित किया गया था। इसने अपनी पहली उड़ान 28 नवंबर, 1997 को भरी थी।1999 में स्पेनिश वायु सेना C-295 इसकी पहली ग्राहक बनी जिसके बाद इजिप्ट, पोलैंड और भारत समेत कई देशों ने इसमें दिलचस्पी दिखाई।
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