ये बुलेट प्रूफ जैकेट सेना का नया कवच, दुश्मन भी होंगे हैरान !
IIT दिल्ली ने DRDO के साथ मिलकर दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट की टेक्नोलॉजी तीन इंडस्ट्रीज को ट्रांसफर की गई है. साथ ही कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी के कपड़ों के लिए तीन इंडस्ट्रीज के साथ मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) पर साइन हुआ
किसी भी ऑपरेशन में जवानों के पास सबसे बड़ी ढाल होती है बुलेट प्रूफ जैकेट। दुश्मन के हमले से बचने के लिए ये जैकेट अहम रोल अदा करती है।जितने आधुनिक हथियार आज सेना को चाहिए उतनी ही आधुनिक डाल यानी बुलेट प्रूफ जैकेट भी सेना के पास उसके लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है और इसी कड़ी में एडवांस से एडवांस टेक्नलॉजी का फायदा भारतीय सेना को मिल रहा है। IIT दिल्ली ने DRDO के साथ मिलकर दुनिया की सबसे हल्की बुलेट प्रूफ जैकेट की टेक्नोलॉजी तीन इंडस्ट्रीज को ट्रांसफर की गई है। साथ ही कड़ाके की ठंड और भीषण गर्मी के कपड़ों के लिए तीन इंडस्ट्रीज के साथ मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) पर साइन हुआ। इसके अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट के रॉ मैटीरियल के लिए भी एमओए पर साइन किया गया। इस जैकेट का नाम 'एडवांस्ड बैलिस्टिक्स फॉर हाई एनर्जी डीफीट' (ABHED) है।
वैसे तो ये जैकेट हल्की है लेकिन ये बेहद ख़ास स्टील से बनी है। ये कई राउंड फ़ायरिंग झेलने में सक्षम है। भारतीय सेना के लिए बहुत जल्द इसे मुहिया कराया जाएगा। देश की डिफेंस सिक्योरिटी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के राष्ट्र के सपने को साकार करने के लिए IIT दिल्ली में लगभग 100 फैकल्टी मेंबर, 200 रिसर्च स्कॉलर और कर्मचारी अथक परिश्रम से शामिल थे। समझौतों पर 19 दिसंबर 2024 को IIT दिल्ली में आईएनएई के वार्षिक सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया। अब ये जैकेट भारतीय सेना के लिए फ़ायदेमंद ख़ासकर इसलिए भी है क्योंकि ये वज़न में हल्की है इसे पहनकर हमारे जवान दुश्मन का सामने और अच्छे से कर पाएंगे। साथ ही ज़्यादा देर तक इसे आसानी से पहना जा सकेगा।
भारतीय सेना की क्षमता और काबीलियत को आज हर कोई जानता है। भारत सरकार भी उस ज़्यादा बढ़ाने और सेना के साथ हर कदम पर मज़बूती से साथ देने के लिेए लगातार कई कदम उठा रही है। सेना की शक्ति और बढ़ाना ही सरकार का एक अहम लक्ष्य है।