इज़रायल और ईरान में कौन है ताकतवर, जंग हुई तो कौन पड़ेगा भारी ?
मीडिल ईस्ट में इजरायल का मुस्लिम देशों के साथ संघर्ष सालों से चला आ रहा है। लेकिन, अक्टूबर 2023 में हमास के इजरायल पर हमले के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।अब इस बीच सवाल ये है कि अगर ईरान और इजरायल बीच फुल स्केल वॉर शुरू हो गया तो कौन भारी पड़ेगा ?
भीषण जंग के बेहद क़रीब पहुँच चुके ईरान और इज़रायल एक दूसरे को ख़त्म करने की क़सम खा रहे है।बीते देन इज़रायल पर ईरान की तरफ़ से ताबड़तोड़ 200 मिसाइलें दागी गईं। ईरानी मीडिया के मुताबिक इजरायल के सैन्य ठिकाने उसके निशाने पर थे। ईरान ने ये भी कहा कि ये हमला हिज़्बुल्लाह चीफ़ के मारे जाने का बदला है वो भी पहला इसके आगे भी हमले होंगे। वहीं ईरान ने इज़रायल का समर्थन करने वाले अमेरिका को कहा कि वो बीच में ना आए। वहीं अब इस हमले के बाद इजरायली पीएम बेनजामिंन नेतन्याहू ने कहा ईरान ने ये बड़ी गलती कर दी है। इसका ख़ामियाज़ा ईरान को भुगतना होगा। ईरान के हमले का मुंह तोड़ जवाब देंगे। अब ईरान और इजरायल के टकराव के बीच मिडिल-ईस्ट में लड़ाई की आशंका बढ़ गई है। इस वक्त पूरी दुनिया की निगाहें मीडिल ईस्ट पर आकर टिक गई हैं। क्योंकि अगर ये जंग हुई तो बहुत भीषण होगी..वैसे तो मीडिल ईस्ट में इजरायल का मुस्लिम देशों के साथ संघर्ष सालों से चला आ रहा है. लेकिन, अक्टूबर 2023 में हमास के इजरायल पर हमले के बाद से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अब इस बीच सवाल ये है कि अगर ईरान और इजरायल बीच फुल स्केल वॉर शुरू हो गया तो ।
कौन भारी पड़ेगा ?
ईरान और इजरायल में से किसकी सेना ज्यादा ताकतवर है ?
किसके पास कौन से हथियार हैं ?
किसके पास ज्यादा पैसा ?
इकोनॉमी के लिहाज से कौन ताकतवर ?
ये कुछ सवाल है कि जंग होने पर आख़िर कौन कैसे लड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं।
पहले ईरान के बारे में जानेंगे।
कितना ताकतवर है ईरान?
सेना: पहले ईरान की बात करते हैं, जिसकी आबादी करीब 9 करोड़ के आसपास है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के मुताबिक ईरान का रक्षा बजट 7.4 बिलियन डॉलर है जो जीडीपी के मुकाबले दो प्रतिशत के आसपास बैठता है। ईरान दुनिया की 14वीं सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है और मिडिल ईस्ट में सबसे बड़ी सैन्य ताकत।उसकी सेना में 5,80,000 सैनिक हैं और दो लाख के आसपास रिज़र्व फोर्स है। दोनों को मिलाकर कुल सैनिकों की संख्या 7,80,000 के आसपास बैठती है।
हथियार: ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसकी बैलेस्टिक मिसाइलें हैं। अमेरिकी खुफिया निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे मिडिल ईस्ट में ईरान ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 1980 के दशक में पड़ोसी देश इराक से लड़ाई के दौरान ईरान ने अपने मिसाइल सिस्टम पर काम करना शुरू किया और फिर अगले एक दशक में उसने छोटी दूरी की सैकड़ों मिसाइलें डेवलप की।
ईरान के पास ‘सेजिल’ नाम की मिसाइल है जो 17000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 2500 किलोमीटर तक जा सकती है।इसी तरह ‘खैबर’ मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर है. ‘हज कासेम’ भी 1400 किलोमीटर की रेंज तक जा सकती है। ईरान के पास केएच-55 जैसी क्रूज मिसाइल भी हैं और दावा किया जाता है कि यह परमाणु क्षमता से लैस है। अपने साथ 3000 किलोमीटर तक परमाणु हथियार ले जा सकती है।
हाइपरसोनिक मिसाइल: ईरान ने इस बार इजरायल पर जिन हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया है, उसे पिछले साल जून में ही दुनिया के सामने रखा था। यह साउंड की स्पीड के मुकाबले 5 गुना तेजी से चलती हैं और इनको इंटरसेप्ट करना बहुत मुश्किल है। इसके अलावा ईरान पूरे मिडिल ईस्ट में ड्रोन का सबसे बड़ा प्रोड्यूसर है।उसके पास Mohajer-10 नाम का ड्रोन है जो 2000 किलोमीटर तक जा सकता है और 200 किलो वजनी वेपन ले जा सकता है।
एयरफोर्स और नेवी: ईरान के पास 273 फाइटर जेट और लड़ाकू एयरक्राफ्ट हैं। इसके अलावा 50 से ज्यादा हेलीकॉप्टर 240 ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर, 1783 टैंक, 572 बख्तरबंद गाड़ियां हैं। इजरायल के मुकाबले ईरान की नौसेना आधुनिक नहीं है। लेकिन उसके पास 220 के आसपास जहाज हैं। जबकि इजरायल के पास 60 जहाज ही हैं।
परमाणु हथियार: दावा यह भी किया जाता है कि ईरान के पास परमाणु हथियार हैं। हालांकि ईरान ने कभी खुलकर न तो माना है और न तो कभी इसकी पुष्टि हो पाई है।
कितना ताकतवर है इजरायल?
सेना: ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली आर्मी दुनिया की 20वीं सबसे ताकतवर आर्मी है। इजरायली सेना में 169,500 एक्टिव सैनिक हैं तो 465,000 रिज़र्व यूनिट में। कुल मिलाकर 6,34,500 सैनिक हैं। यानि सैनिकों के मामले में वह ईरान से पीछे है। इजरायल का डिफेंस बजट ईरान के मुकाबले 7 गुना ज्यादा है
हथियार: इजरायल के डिफेंस सिस्टम और हथियारों की बात करें तो आयरन डोम और डेविड्स स्लिंग जैसे एयर डिफेंस सिस्टम उसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। जो लॉन्ग रेंज से लेकर छोटी दूरी की मिसाइलों, रॉकेट और ड्रोन को हवा में ही मार गिराते हैं। इसके अलावा इजरायल के पास 1200 से अधिक तोपखाने, मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम और स्मार्ट बम जैसे हथियार भी हैं, जो टारगेट पर अचूक निशाना लगाते हैं।
एयरफोर्स और नेवी: ग्लोबल फायर पावर की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली आर्मी के पास कम से कम 241 लड़ाकू जेट, 48 लड़ाकू हेलिकॉप्टर और 2200 के आसपास टैंक हैं। नेवी की बात करें तो इजराइल के पास कम से कम 7 युद्धपोत और छह पनडुब्बियां हैं, जो परमाणु हथियार ले जाने और लॉन्च करने में सक्षम हैं। इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद इजरायल की सबसे बड़ी ताकत है जो अपने टारगेट को चुन चुन कर खत्म करने के लिए विख्यात है।
परमाणु हथियार: इजरायल के पास कम से कम एक दर्जन परमाणु हथियार हैं। इसराइल ने भी कभी खुलकर नहीं माना है कि उसके पास न्यूक्लियर वेपन है लेकिन तमाम डिफेंस एक्सपर्ट्स और थिंक टैंक ने इसकी पुष्टि की है।
जंग किसी भी मुल्क के लिए अच्छी नहीं होती है, क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर तबाही होती है। ईरान और इजरायल दोनों ही देश यह जानते हैं कि इस जंग से उन्हें बड़ी आर्थिक क्षति होगी। ये दोनों देश आर्थिक रूप से मजबूत हैं, जहां ईरान के पास तेल के भंडार हैं तो इजरायल अपनी तकनीक से दुनिया में जाना जाता है। ईरान की कमाई तेल से होती है तो इजरायल तकनीक बेचकर पैसा कमाता है। चूंकि, जंग में पैसा और ताकत दोनों चाहिए तब ही जीत हो सकती है।
वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में इज़राइल की जीडीपी 509.90 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जिसके इस साल के आखिरी तक 535 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ग्लोबल इकोनॉमी में इजरायल की अर्थव्यवस्था की 0.48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
वहीं अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर ईरान, इजरायल से थोड़ा कमजोर है। 2024 में ईरान की जीडीपी $388.84 बिलियन रहने का अनुमान है। ईरान की अर्थव्यवस्था और कमाई का सबसे बड़ा स्त्रोत तेल और प्राकृतिक गैस भंडार हैं. ईरान, दुनिया के कई देशों को तेल और नेचुरल गैस का निर्यात करता है।