अरविंद केजरीवाल को दूसरा झटका! रावज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज की याचिका
उपराज्यपाल ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा कि इस तरह की एक बैठक की जरूरत थी, ताकि केजरीवाल की हिरासत के बाद ‘‘शासन के रोजमर्रा के काम प्रभावित नहीं हों’’
एक वक्त था जब केजरीवाल ईमानदारी के कसमें वादे किया करते थे, लेकिन आज वक्त का पहिया ऐसा घूमा की दिल्ली की सड़को पर लोग बैनर पोस्टर लेकर नारे लगा रहे है कि "गली गली में शौर है केजरीवाल चोर है"। और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि दिल्ली सरकार में ऐसा कोई विभाग नहीं है जिसमें घोटले के आरोप ना लगे है…उपर से 9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने जदो फटकार केजरीवाल को लगाई…उससे पूरी आम आदमी पार्टी टेंशन में है…खौफ के साए है…क्योंकि हाईकोर्ट ने कह दिया है कि केजरीवाल घुस लेने में मुख्य तौर पर शामिल है…और साथ ही घूस के पैसे को खर्च करने में भी मुख्य तौर पर शामिल है…मतलब जो ईडी ने कहा था कि केजरीवाल ईडी ही इस कथित शराब घोटाले के किंगपिन है उसपर हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी है…तो हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा जा रहा है कि अब केजरीवाल लंबे वक्त तक जेल में रहने वाले है।
लेकिन केजरीवाल की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं बल्कि केजरीवाल की मुश्किलें यहां से शुरु होती है…क्योंकि अब जब केजरीवाल को जेल में बीस दिन से ज्यादा हो चुके है तो खतरा मंडराने लगा है कि दिल्ली की सरकार कौन चलाएगा…लेकिन केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली की सरकार तो वहीं चलाएंगे और जेल से ही चलाएंगे…और वो जेल से सरकार चला सकें…उसके लिए ही उन्होने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उनहे जेल में हफ्ते में पांच दिन अपने वकीलों से मिलने दिया जाए…पत्नी और बच्चों से मिलेन की अनुमती उन्हे दी ही जा चुकी है…लेकिन केजरीवाल की इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है…और कह दिया कि पांच दिन वकीलों से मुलाकात नहीं हो सकती है…हफ्ते में पांच मुलाकात करने के पाछे केजरीवाल के वकीलों ने दलील दी थी कि:
- केजरीवाल के खिलाफ चल रहे है 40 मुकदमें
- मुकदमों की कार्यवाई समझने के लिए चाहिए वक्त
- इसलिए दी जाएं पांच मुलाकातों की इजाजत
लेकिन केजरीवाल की दलीलों को ईडी के वकीलों ने खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि केजरीवाल को पांच बैठकों की इजाजत देना जेल मैन्युअल के खिलाफ है…जेल में पद की विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता है…न्यायिक हिरासत में बाहरी दुनिया से कम और कानून से ज्यादा वास्ता होना चाहिए…अगर कोई व्यक्ति जेल से सरकार चलाना चाहता है तो उसे अपवाद नहीं माना जा सकता है…क्योंकि इन बैठको का दुर्उपयोग किया जा सकता है…तो पहला झटका तो हाईकोर्ट से लगा, जिसमें केजरीवाल कहना चाहते थे कि उनकी गिरफ्तारी गलत है…लेकिन हाईकोर्ट ने ये कहते हुए धज्जिंया उड़ा ते हुए कह दिया कि जमा किए गए सबूतों से पता चलता है कि केजरीवाल ने दूसरों के साथ मिलकर साजिश रची और रिश्वत लेने और अपराधिक आय जुटाने में सक्रिय रूप से शामिल थे।
केजरीवाल बतौर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक कथित तौर पर 2 तरह से इस पूरे मामले में शामिल थे…वो रिश्वत लेने और पैसे खर्च करने में भी सीधे तौर पर शामिल है…तो केजरीवाल का फिलहाल जेल से बाहर आना लगभग नामुम्कि नजर आता है…और उपर से कोर्ट से लगातार झटके लग रहे है…तो ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि अब जब केजरीवाल जेल में ही रहने वाले है और बीस दिन से ज्यादा केजरीवाल को जेल में हो चुके है तो अब दुल्ली की सरकार कौन चलाएगा…ये सवाल मुखर होकर अपना जवाब ढूंढ रहा है…तो इस सवाल का जवाब ढूंढने निकलते है तो दिल्ली के एलजी का नाम सबसे पहले सामने आता…क्योंकि एलजी कह चुके है कि दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी…तो अब एलजी आम आदमी पार्टी को कह सकते है कि केजरीवाल की जगह किसी और को दिल्ली का सीएम बनाया जाएं…और यहीं से शुरु होगा वो डर जिसे लेकर केजरीवाल खौफ में है…कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा…सुनिता केजरीवाल बनेगी, आतिशी बनेगी, सौरभ भारद्वाज बनेंगे…या फिर आप के पहली पंक्ति के नेता संजय सिंह बनेगे।
साथ ही ध्यान रखिएगा कि केजरीवाल चाहते है कि सुनिता केजरीवाल सीएम बनें…अब दिल्ली में वो उठापटक चलेगी…जिसकी वजह से केजरीवाल इस्तीफा देने से कतरा रहे है…क्योंकि वो जानते है कि अगर एक बार उनके हाथ के कुर्सी गई तो वापस पाना मुस्किल हो जाएगा…अब पार्टी में गुटबाजी शुरु होगी…औोर कौन सा गुट प्रभावी साबित होता है वो देखने वाली बात होगी ।
एक्साइज पॉलिसी केस में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से जुड़ी याचिकाएं एक के बाद एक कोर्ट में खारिज हो रही हैं. एक दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की एक याचिका खारिज की थी, जिसमें दिल्ली सीएम ने गिरफ्तारी का विरोध किया था और अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी वकीलों संग मुलाकात बढ़ाने वाली याचिका भी खारिज कर दी है ।