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Kejriwal के केस में दाउद की एंट्री, भड़के जज ने याचिककर्ता की लगाई क्लास!।Kadak Baat।

केजरीवाल को ना तो सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है ।और ना हाईकोर्ट से ।हाईकोर्ट में केजरीवाल के लिए किसी ने याचिका लगाई ।वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रचार की अनुमति मांगी लेकिन हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए याचिका खारिज कर दी ।
Kejriwal के केस में दाउद की एंट्री, भड़के जज ने याचिककर्ता की लगाई क्लास!।Kadak Baat।

जेल में बंद केजरीवाल राहत के लिए जहां जाते हैं ।झटका ही खाते हैं । ना हाईकोर्ट से राहत मिल रही है और ना ही सुप्रीम कोर्ट से ।एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल फंस गए हैं । राहत की उम्मीद थी लेकिन नहीं मिल पाई ।कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 मई तय कर दी है ।उसी दिन साफ होगा कि केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलेगी या फिर आफत और बढे़गी । खैर आफत की उम्मीद इसलिए है क्योंकि ईडी बराबरी के हिसाब से केजरीवाल के खिलाफ सबूत कोर्ट में लेकर खड़ी है । और शराब घोटाले में ये सबूत ही केजरीवाल के गले की फांस बन रहे है ।इन सबूतों में 100 करोड़ की रिश्वत का खेल। गोवा चुनाव में पैसों की पहुंचने की बात ।और तमाम गवाहों के बयान हैं जो सीएम साहब को फंसा रहे हैं ।खैर अब 7 मई को साफ हो जाएगा कि केजरीवाल जेल में रहेंगे । या फिर  बाहर प्रचार कर पाएंगे ।वैसे भी आम आदमी पार्टी पर शनि इतना भारी पड़ रहा है कि केजरीवाल तो केजरीवाल उनकी टीम के लोगों को भी हर जगह से राहत के नाम पर मुंह की खानी पड़ रही है । इस बीच केजरीवाल के लिए राहत मांगने हाईकोर्ट पहुंचे एक याचिकाकर्ता को इतना बड़ा झटका लगा की हर कोई सन्न रह गया ।और तो और मामने की सुनवाई के बीच अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की एंट्री भी हो गई। दरअसल हाईकोर्ट में एक याचिक लगाई गई जिसमें कहा गया कि

"जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चुनाव प्रचार की इजाजत दे दी जाए। ताकि वोटर तक उनकी पार्टी की विचारधारा के बारे में बताया जा सके "

बस इस अजीबो गरीब मांग को सुनकर ना सिर्फ जज साहब हैरान हो गए । बल्कि गुस्से में भड़क भी उठे । और याचिका पर जो टिप्पणी की हर कोई हैरान हो गया। पहले तो जज साहब ने याचिकाकर्ता की जमकर क्लाई लगाई ।और फिर कहा कि

"अगर ऐसे ही परमिशन दे दिया तो दाऊद इब्राहिम और अन्य कुख्यात अपराधी जैसे व्यक्ति एक राजनीतिक पार्टी स्थापित कर सकते हैं । चुनाव में भाग ले सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अभियान चला सकते हैं । बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के दोषी व्यक्ति भी संभावित रूप से अपने उद्देश्यों के लिए एक राजनीतिक पार्टी बना सकते हैं ।"

जज साहब ने ना सिर्फ याचिका को खारिज कर दिया। बल्कि ये तक कहा की वो इस तरह के याचिकर्ताओं पर जुर्माना भी लगाएंगे ।कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद याचिकाकर्ता और उनके वकील को उलटे पांव भागना पड़ा ।बता दें की नेताओं के जेल में रहकर प्रचार करने वाली याचिका एक लॉ स्टूडेंट ने लगाई थी ।जिसने जनहित याचिका में कोर्ट से इलेक्शन कमीशन को निर्देश देने की मांग की थी कि गिऱफ्तार नेताओं को वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रचार करने की अनुमति देने के लिए एक तंत्र लाया जाए ।खैर कोर्ट ने तुरंत इस याचिका को खारिज कर दिया ।तो अभी केजरीवाल को ना हाईकोर्ट से राहत की मिली है।और ना ही सुप्रीम कोर्ट से । खैर अब बीजेपी भी तंज कसते हुए कह रही है कि अब केजरीवाल को राहत मिलने वाली नहीं है ।

आम आदमी पार्टी केजरीवाल को लेकर कितना भी माहौल बनाने की कोशिश करे । शराब घोटाले को साजिश और झूठा बताए। लेकिन हालात बता रहे हैं कि केजरीवाल चारों तरफ से फंस चुके हैं।


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