SC में ED ने पेश कर दिए धमाकेदार सबूत, गिड़गिड़ाने लगे kejriwal!
सुप्रीम कोर्ट में ईडी के हलफनामा पेश करने के बाद केजरीवाल ने भी जवाबी हलफनामा पेश किया है. जिसमें आरोप लगाया है कि साजिश के तहत ईडी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की है |
एक तरफ आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच बवाल मचा है | सुनीता केजरीवाल के हाथों में कमान होने से तमाम नेता नाराज हैं | खेला करने की तैयारी में हैं | तो दूसरी तरफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में ऐसा खेल कर दिया है | केजरीवाल जेल में सिर पटक रहे हैं | क्योंकि ईडी ने एक झटके में सबूतों का जखीरा सुप्रीम कोर्ट को सौंप दिया है | इन सबूतों ने आप नेताओं की बैचेनी बढ़ा दी है |सबसे ज्यादा अगर कोई डरा हुआ है तो वो आतिशी और संजय सिंह |खैर अब ईडी के सबूत पेश करते ही | केजरीवाल की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया |और इस हलफनामे में चोरी कर सीनाजोरी दिखाई गई | कहा गया |
लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले ईडी की गिरफ्तारी का तरीका और इसकी टाइमिंग केंद्रीय जांच एजेंसी की मनमानी की ओर इशारा करती है | उनकी गिरफ्तारी इस बात का उदाहरण है कि कैसे बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को कुचलने के लिए ईडी और मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून का दुरुपयोग किया है | इस बात का कोई सबूत नहीं है कि AAP को साइउथ ग्रुप से रिश्वत मिली है | ऐसे में गोवा चुनाव अभियान में इस रकम का इस्तेमाल किया जाना तो दूर की बात है
सबूत गवाह सब केजरीवाल के खिलाफ बोल रहे हैं | खुद उनके ही नेता विजय नायर ने ईडी के सामने कबूल किया है कि शराब घोटाला हुआ है केजरीवाल ने शराब कारोबारियों से फेस टाइम पर बात की है | लेकिन केजरीवाल अभी भी गुमराह करने के लिए कह रहे हैं कि घोटाला तो हुआ ही नहीं | अगर घोटाला नहीं हुआ | तो क्यों कोर्ट से अभीतक केजरीवाल और सिसोदिया को जमानत नहीं मिल रही है | खैर केजरीवाल का हलफनामा में जवाब यहीं खत्म नहीं हुआ है | आगे लिखा है
आम आदमी पार्टी के पास कथित रिश्वत का एक भी रुपया नहीं आया और इस संबंध में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं | ऐसे में चुनाव के दौरान जब राजनीतिक पार्टी की गतिविधि शिखर पर होती है ऐसे समय याचिकाकर्ता की अवैध गिरफ्तारी गंभीर पूर्वाग्रह का संकेत देती है इससे केंद्र में सत्तारूढ़ दल को मौजूदा चुनावों में अन्यायपूर्ण बढ़त मिलेगी |
एक कहावत है चोर चोरी करके कभी कबूल नहीं करता |उसने चोरी की है | यही हाल केजरीवाल के केस में भी हो रहा है | अब केजरीवाल ये बताएं अगर घोटाला नहीं हुआ तो कैसे सरकारी घाटा हो गया |और क्यों केजरीवाल को नई शराब नीति को ईडी के एक्शन के बाद वापस लेना पड़ा | अगर नई शराब नीति इतनी ही सही थी तो क्यों उसे चालू नहीं रहने दिया. |और तो और हालही में ईडी ने सत्येंद्र जैन की वॉट्सएप चैट कोर्ट में पेश की है | जिसमें साफ साफ दिखाई दे रहा है | कि पैसों के लिए कैसे केजरीवाल के चहेते नेता कोड वर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं |जो केजरीवाल घोटाले को झूठ और राजनैतिक साजिश बता रहे हैं | वो जरा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सत्येंद्र जैन की इस चैट के बारे में बताएं |
हालांकि हम इस चैट की पुष्टी नहीं करते |लेकिन दावा किया जा रहा है कि शराब घोटाले में पैसों के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया |जिस टिन के डिब्बो के बारे में लिखा गया है |असल में उस जगह पैसों की बात हो रही है | खैर अब केजरीवाल कितना सच बोल रहे हैं कितना झूठ से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में साफ हो जाएगा | क्योंकि ED ने केजरीवाल के खिलाफ गंभीर आरोपों का हलफनामा कोर्ट में पेश किया है |
ED के केजरीवाल पर आरोप ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल | दिल्ली सरकार के मंत्रियों | आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षडयंत्रकारी हैं | हाईकोर्ट इस नतीजे पर ईडी द्वारा पेश तथ्यों और दलीलों पर गौर करने के बाद पहुंचा था | हाईकोर्ट का आदेश पूरी तरह से सही है | क्योंकि केजरीवाल सीधे तौर पर आबकारी नीति 2021-22 बनाने में शामिल थे | इस नीति का मसौदा दक्षिण समूह को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था और इसे विजय नायर | मनीष सिसोदिया और दक्षिण समूह के प्रतिनिधि सदस्यों की मिलीभगत से बनाया गया था | राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी | जो अपराध की आय का प्रमुख लाभार्थी था | उसने केजरीवाल के माध्यम से अपराध किया है |
ED ने एक एक कर सारी परतें खोल दी | साफ साफ शब्दों में कहा केजरीवाल के साथ साथ पूरी आम आदमी पार्टी शराब घोटाले में आरोपी है |अब अंदाजा लगा सकते हैं | कि केजरीवाल तो डूबे ही आम आदमी पार्टी को भी ले डूबे |अब अगर ईडी आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाती है | तो पूरी पार्टी पर केस चलेगा | और अगर आरोप सही साबित पाए जाते हैं | तो जाहिर है इस मामले में इलेक्शन कमीशन की एंट्री भी हो सकती है | और चुनाव आयोग ना सिर्फ आप की सदस्यता रद्द कर सकता है बल्कि पार्टी का चुनाव चिन्ह भी जब्त कर सकता है | तो ऐसे में आने वाले दिन केजरीवाल पर भारी पड़ने वाले हैं | और तो और जिस तरीके के सबूत ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में रखे हैं | उससे तो जाहिर है कि राहत को मिलना मुश्किल है |आफत जरूर बढ़ सकती है | ED का डंडा चलते ही अब आम आदमी पार्टी ने बौखलाना शुरू कर दिया है | खैर अब आगे केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है | या फिर आफत और बढ़ती है | ये जल्द सुनवाई के बाद साफ होने वाला है |