Advertisement

देश में फिर लौटा ‘इमरजेंसी’ का दौर, पंजाब में Kejriwal बेनकाब

Arvind Kejriwal इस वक्त इतने बौखलाए हुए है कि पंजाब में एक न्यूज चैनल को बैन कर दिया है। जी न्यूज का ऐसा दावा है कि उसके चैनल का प्रसारण पंजाब में बैन कर दिया गया है।
देश में फिर लौटा ‘इमरजेंसी’ का दौर, पंजाब में Kejriwal बेनकाब
Kejriwal : Kejriwal ने आज एक बार फिर से पांच दशक पुरानी ‘इमरजेंसी’ की याद ताजा कर दी । केजरीवाल के जरिए विपक्ष का चरित्र बेनकाब हो गया। जिसने केजरीवाल को बनाया उसी को केजरीवाल खत्म कर देना चाहते है। मतलब 



 जब इंसान किसी की गोद से पैदा होकर उसे ही आंख दिखाने लगे तो समझ लीजिए ।मामला गलत दिशा में चल रहा है ।ठीक ऐसा ही केजरीवाल के केस में भी हो रहा है।अगर आप केजरीवाल को जानते है तो ये भी जानते होंगे कि केजरीवाल को अगर किसी ने सीएम बनाया है तो वो है मीडिया । 2011 में जब केजरीवाल ने अन्ना को मोहरा बनाकर रामलीला मैदान में अनशन किया तो उस वक्त बेचारे अन्ना नहीं जानते थे कि वो एक ऐसे इंसान के हाथ का मोहरा बन चुके है ।

जिसे लोग भारत का अंदरुनी शत्रु भी कहते है। खैर अभी इस विषय पर बात नहीं करेंगे ।आज बात करेंगे केजरीवाल और मीडिया के रिश्ते की ।जिस मीडिया ने केजरीवाल को सीएम केजरीवाल बनाया ।वही केजरीवाल अब मीडिया को टारगेट कर रहे है ।पहले पंजाब में एक महिला रिपोर्टर के साथ आम आदमी पार्टी ने बदसलूकी की। जेल में डाल दिया।और फिर जमकर अपनी किरकिरी करवाई ।और अब जी न्यूज जैसे बड़े संस्थान को पंजाब में बैन कर दिया ।केजरीवाल को ध्रुव राठी जैसे लोग चाहिए। जो उनके पैरो में पड़े रह सके ।स्वाति मालीवाल के खिलाफ एकतरफा वीडियो बना सके ।मोदी को तानाशाह बता सकें ।जिससे केजरीवाल के भीतर के तानाशाह को छुपाया जा सकें ।अब वापस आते है पंजाब के मुद्दे पर ।


एक तो आप यहां ये समझ लीजिए की केजरीवाल के लिए पंजाब कितना जरूरी है।और क्यों जरूरी है ।वो कुमार विश्वास कई बार बता चुके है ।कुमार का कहना है कि केजरीवाल एक अलग देश के प्रधानमंत्री बनना चाहते है ।और वो देश खालिस्तान हो सकता है ।कुमार का ये भी कहना है कि कभी भी केजरीवाल खालिस्तान मुर्दाबाद नहीं कह सकते । तो ये घटनाएं आपको सिर्फ इसलिए बताई है जिससे आप जान सकें ।कि केजरीवाल के लिए पंजाब क्या मायने रखता है ।और कितना जरूरी है ।यही कारण है केजरीवाल को जो कुछ भी करना होता है ।जिस काम को वो दिल्ली से नहीं कर सकते ।उस काम को वो पंजाब से अंजाम देते है। 

जी हा, किसी के घर पुलिस भेजनी हो, किसी पत्रकार को गिरफ्तार करना हो ।या भी किसी मीडिया संस्थान को बैन करना हो ।जैसा की मैंने आपको बताया कि मीडिया संस्थान जी न्यूज का ऐसा दावा है कि पंजाब सरकार ने पंजाब में उसके संस्थान के प्रसारण पर बैन लगा दिया है ।यहां बात सिर्फ जी न्यूज पर बैन लगाने का नही है। यहां मुद्दा है कि अगर इनके गठबंधन कि सरकार बनती है तो क्या देश एक बार फिर से इमरजेंसी का दौर देखेगा। जैसे इंदिरा गांधी ने खुद को प्रधानमंत्री बनाए रखने के लिए देश को इमरजेंसी की आग में झौंक दिया था। क्या वहीं दौर देश में वापस आएगा ।अगर इड़ी गठबंधन की सरकार आएगी ।क्योंकि ये गठबंधन इससे पहले 14 पत्रकारों पर बैन लगा चुके है। राहुल गांधी से अगर पत्रकार कोई तीखा सवाल पूछता है तो वो पत्रकार को बीजेपी का एजेंट बता देते है ।तो जो कदम मौजूदा वक्त में केजरीवाल ने उठाया है क्या वो तानाशाही नहीं है। क्या केजरीवाल अपने इस कदम से कटघरे में खडे नही होते ।अगर कोई केजरीवाल के खिलाफ आवाज उठाएगा। 


जनता के मुद्दे उठाएगा तो क्या केजरीवाल हर आवाज उठाने वाले इंसान को बैन कर देंगे। और क्या केजरीवाल भूल गए कि इंदिरा के डेढ़ साल के अत्याचार के बाद फिर से मीडिया खड़ा हुआ था और अपना काम कर रहा है। वैसे केजरीवाल ने जो किया है सही किया है। क्योंकि चुनाव से पहले ही इन लोगों की मंशा साफ हो हो गई ।चार जून से पहले ही पता चल गया कि ये चार जून के बाद क्या करने वाले है। इस घटना पर बीजेपी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान संविधान की बात करते हैं। ये लोग मीडिया की आजादी की बात करते हैं ।लेकिन जब इनके खिलाफ मीडिया चैनल सच्चाई सामने लाता है तो ये भड़क उठते हैं। ठीक उसी तरह जिस समय जर्मनी में हिटलरशाही का दौर था वैसा ही पंजाब में है ।हिटलरशाही के दौरान किसी को सरकार के खिलाफ लिखने की आजादी नहीं थी। लिखने वाले को जेल में डाल दिया जाता था।

 वैसे ही पंजाब में अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की सच्चाई सामने आई है। पंजाब में जो कुछ हुआ उसके बाद केजरीवाल एंड कंपनी का जो चाल चेहरा चरित्र सामने आया है ।शायद वो एक बार फिर सामने आया है क्योंकि ऐसा ये लेग पहले भी कर चुके है। तो इस हिटलरशाही को समझ लीजिए। इस तानाशाही को पहचान लीजिए। और समझ लीजिए इनके हाथ में अगर देश आया तो फिर इतिहास एक बार फिर खुद को दोहराएगा। देश फिर से 1975 का दौर देखेगा…जिन लोगों ने इमरजेंसी नहीं देखी वो लोग भी उस दौर को देखेंगे। 
Advertisement
Advertisement