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HC नहीं, तो क्या PM मोदी पूरा करेंगे धीरेंद्र शास्त्री की बड़ी-बड़ी डिमांड?

अगर हाईकोर्ट नहीं, तो क्या ख़ुद पीएम मोदी इन डिमांड को पूरा करेंगे ? सनातन धर्म रक्षा बोर्ड , दिल्ली हाई कोर्ट, धीरेंद्र शास्त्र और पीएम मोदी आख़िर क्यों इन सबको को आपस में जोड़ा जा रहा है। असल में ये पूरा मामला क्या है ? देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट ?
HC नहीं, तो क्या PM मोदी पूरा करेंगे धीरेंद्र शास्त्री की बड़ी-बड़ी डिमांड?

बागेश्वर धाम से ओरछा तक 9 दिनों में 160 किलोमीटर का सफ़र, सनातन हिंदू एकता' की पदयात्रा और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की मौजूदगी इन दिनों यही तस्वीरें मीडिया चैनलों से लेकर सोशल मीडिया प्लैटफॉम पर छाई हुई है। जाति में बंटे हिंदुओं को एकजुट करने के लिए सनातन बोर्ड बनाने के लिए और हिंद राष्ट्र की घोषणा। इन्हीं माँगो के साथ बागेश्वर धाम सरकार के साथ-साथ देश का संत समाज आज सड़कों पर है। ऐसे में अगर हाईकोर्ट नहीं, तो क्या ख़ुद पीएम मोदी इन डिमांड को पूरा करेंगे ? सनातन धर्म रक्षा बोर्ड , दिल्ली हाई कोर्ट, धीरेंद्र शास्त्र और पीएम मोदी आख़िर क्यों इन सबको को आपस में जोड़ा जा रहा है। असल में ये पूरा मामला क्या है ? देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट ? 

मस्जिदें और गिरजाघरों को छोड़ दिया जाए, तो हिंदुओं के तमाम तीर्थ और मंदिर सरकार के कंट्रोल में है। फिर जब प्रसाद में सुअर की चर्बी मिले होने की बात सामने आती है। तीर्थों को नापाक साज़िशों के तहत अपवित्र किये जाने की तस्वीरें सामने आती है। ज़ाहिर है हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचेगी। इन्हीं चीजों पर अंकुश लगाने के लिए सनातन बोर्ड की माँग उठी है। दलील ये दी जा रही है। जब हिंदू बहुल राष्ट्र में वक़्फ़ बोर्ड हो सकता है, तो फिर सनातन बोर्ड क्यों नहीं इसी माँग को लेकर सनातन हिंदू सेवा संघ ट्रस्ट दौड़ी-दौड़ी दिल्ली हाईकोर्ट पहुँची। कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाते हुए याचिका डाली गई। वक़्फ़ बोर्ड की तर्ज़ पर सनातन धर्म रक्षा बोर्ड की स्थापना की माँग की गई। जिसे कोर्ट ने सिरे से ख़ारिज कर दिया। अब अगर आप ये सोच रहे होंगे कि सनातन बोर्ड की माँग पर कोर्ट ने ठेंगा क्यों दिखा दिया, तो यहाँ आप जान लें की नीतियाँ बनाने का दायित्व कोर्ट का नहीं, बल्कि सरकार है। यही बात समझाते हुए चीफ़ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार गेडेला जी ने अपने फ़ैसले में कहा कि ये मामला नीति के दायरे में आता है और अदालतें इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं।जिसका मतलब साफ़ हो जाता है कि अगर कल को बागेश्वर धाम सरकार सनातन बोर्ड को लेकर या फिर हिंदू राष्ट्र को लेकर कोर्ट का रूख करेंगे, तो वहाँ से उन्हें कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। ऐसे में क्या ख़ुद पीएम मोदी धीरेंद्र शास्त्री की अगुवाई में निकाली गई पदयात्रा के संकल्पों को पूरा करेंगे ?


अब सवाल उठता है कि हिंदुओं के हित में देश का संत समाज जिन माँगो को सामने लेकर आया है, क्या उन्हें पूरा करने की क्षमता पीएम मोदी में है ? नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाने वाले पीएम मोदी क्या अपने इसी कार्यकाल में सनातन बोर्ड की नींव अपने हाथों से रखेंगे ? इस पर आर क्या सोचते हैं। कमेंट करके बताए..इसके साथ ही ये ज़रूर जान लें। सनातन बोर्ड के बन जाने से 100 करोड़ हिंदुओं के लिए क्या बदल जाएगा ?

देश का संत समाज ये दावा करता है कि सनातन बोर्ड के बन जाने से, कृष्ण जन्मभूमि का विशालकाय मंदिर बन जाएगा, मंदिर सरकार कंट्रोल से मुक्त हो जाएँगे, बड़े मंदिरों से आने वाली धनराशि से गोशाला, हॉस्पिटल, मॉर्डन गुरुकुल का निर्माण होगा, अस्पतालों व गुरुकुल में सनातनियों के लिए नि:शुल्क व्यवस्था होगी, सभी धार्मिक अपराधों की सुनवाई सनातनी कोर्ट में होगी, खाद्य पदार्थ निर्माण के लिए कंपनियों को सनातन बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना होगा, सनातन विरोधी फिल्म बयानबाजी, वेदों की निंदा करना दंडनीय अपराध होगा और तो और, सनातन को छोड़कर किसी दूसरे धर्म में किये जाना विवाद, सनातनी बोर्ड में मान्य नहीं होगा। गौर करने वाली बात ये कि सनातन रक्षा बोर्ड की नींव अगर संसद के रास्ते रखी जाती है, तो क्या सत्ताधारी पीएम मोदी को विपक्ष का साथ मिल पायेगा , यहाँ तो मोदी सरकार ख़ुद बैसाखियों के सहारे चल ही है। क्या नायडू और नीतीश सनातन बोर्ड पर हामी भरेंगे। भारत में सनातन बोर्ड की पिक्चर आपके अनुसार क्या कहती है?

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