बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद अब कैसी प्रलय की बारी नास्त्रेदमस की बड़ी भविष्यवाणी
पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार बन जाने के बाद क्या मुल्क की तस्वीर बदल चुकी है। आज ये सवाल इसलिए, क्योंकि एक हफ़्ते पहले शेख़ हसीना का तख्तापलट हुए। हिंसा की अग्नि में बांग्लादेश को जलता हुआ पूरी दुनिया ने देखा, जिसकी भविष्यवाणी फ़्रांसीसी भविष्यवक्ता मिशेल द नास्त्रेदमस दशकों पहले कर चुके थे। और आज एक बार फिर नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी भारत को डरा रही है। 11 साल पहले 2013 में केदार घाटी में मची तबाही के निशान को नास्त्रेदमस की ख़ौफ़नाक भविष्यवाणी ज़िंदा करने जा रही है, क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं।
आरक्षण के ख़िलाफ़ छात्र आंदोलन ने ऐसा उत्पात मचाया कि शेख़ हसीना का तख्तापलट हो गया। हिंसा की इसी चिंगारी ने कई बांग्लादेशी हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया। बंगाली हिंदुओं पर प्रहार किये गये, घर-दुकान लूटे गये, हिंदू मंदिर तोड़े गये। अब जब मुल्क में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी, तब जाकर परिस्थितियों पर कंट्रोल हो पाया। ख़ुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाली हिंदुओं के साथ हुए अत्याचारों पर अपनी चिंता जता चुके हैं..तो वहीं नास्त्रेदमस की आँखों देखी भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हो रही है। फ्रंसीसी भविष्यवक्ता की भविष्यवाणी सालों पहले इस बात का अंदेशा जता चुकी थी कि आने वाले समय में एशिया समेत यूरोप के कई देशों में गृह युद्ध जैसे हालात बनेंगे। देशों में विद्रोह होंगे और यह सत्ता परिवर्तन या गृह युद्ध के हालात पैदा करेंगे। देखा जाए तो बांग्लादेश में बीते दिन जो कुछ भी हुआ वह आंतरिक विद्रोह से पैदा हुए हालात थे जो अब गृह युद्ध का रूप ले रहे हैं। इसी कड़ी में अब सोशल मीडिया में नास्त्रेदमस की एक और भविष्यवाणी वायरल हो रही है…जिसकासीधा संबंध बाबा केदार के धाम से जुड़ा है।
पिछले महीने केदारघाटी में मची तबाही किसी से छिपी नहीं है..बादल फटने से मंदाकिनी नदी में आई भीषण बाढ़ ने सोनप्रयाग से तकरीबन एक किलोमीटर आगे का रास्ता मिटा दिया। केदारनाथ हाईवे का तकरीबन 100 मीटर से भी अधिक हिस्सा मंदाकिनी में समा गया। इस आसमानी आफ़त से अब तक निपटा जा रहा है और अब क्या एक और आफ़त आनी है ? दरअसल प्राकृतिक आपदा को लेकर नास्त्रेदमस के एक भविष्यवाणी सबसे ज़्यादा वायरल हो रही है भविष्यवाणी कहती है। "पूरा विश्व 2024 में मौसम परिवर्तन के परिणाम देखेगा जिससे धरती पर गर्मी बढ़ जाएगी।गर्मी में झुलसती हुई धरती बिन मौसम बरसातें और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करेगी।ये मौसम परिवर्तन काफी बुरे प्रभाव पहाड़ी लोगों पर छोड़ेगा।"
नास्त्रेदमस की इसी भविष्यवाणी में केदारनाथ केदारघाटी या फिर देवभूमि उत्तराखंड का कहीं कोई ज़िक्र नहीं है। फिर इस भविष्यवाणी को केदारनाथ से जोड़ा जा रहा है , क्योंकि 2013 वाली प्रलय आज भी लोगों के ज़हन में है। पिछले दिनों वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही में 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। कुदरत की मार के आगे आम जनमानस आज भी बेबस है।