America पहली बार Ram Mandir के करेगा दर्शन , New York जपेगा राम-राम
आज भी राजनीति की दिशा और दशा तय करने में सक्षम गोरक्षपीठ अपने आप में एक ऐसी ताक़त है, जिसके आगे विरोधियों का स्वा: होना तय समझिये एक ऐसा अभेद्य क़िला है, जहां विरोधियों की एक नहीं चलती है। इस पीठ का इतिहास राम मंदिर से जुड़े इसके नाते भी पुराना है। इतिहास गवाह है, मंदिर की रूप रेखा ना सिर्फ़ गोरक्षपीठ से खिंची गई बल्कि डे वन से आंदोलन की अगुवाई भी मठ के हाथों में रही..क़रीब 110 दस साल पहले महंत दिग्विजय नाथ ने मंदिर आंदोलन को बढ़ाया। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद उनके शिष्य अवैधनाथ आगे आए और आज उनकी शिष्य योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राम मंदिरकी भव्यता सातवें आसमान पर है और अब मंदिर की यही जलवा सात समंदर पार अमेरिकी धरती पर भी दिखेगा। 18 अगस्त के दिन, 42वें न्यूयॉर्क इंडिया डे परेड में भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा और इसी मौक़े पर राम मंदिर की झलक समूचे अमेरिका में दिखेगी।
इस बार न्यूयॉर्क में निकली जाने वाली इंडिया डे परेड में राम मंदिर की भव्य झांकी दिखाई देगी। अमेरीकियों के बीच राम मंदिर की मौजूदगी कितनी ख़ास है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये पहली दफ़ा न्यूर्याक की धरती से दुनिया विशालकाय राम मंदिर के दर्शन करेगी। मंदिर की विशाल प्रतिकृति 18 फीट लंबी, नौ फीट चौड़ी और आठ फीट ऊंची होगी। अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब अमेरिकी भी राम नाम का जाप करेंगे। यूँ तो इस परेड का दीदार पूरी दुनिया करेगी, लेकिन परेड में 150000 से भी ज़्यादा दर्शन होंगे। राम मंदिर की इसी झांकी में भारत की सभ्यता और संसकृति को दर्शाया जाएगा। जो कि फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन द्वारा इस परेड को आयोजित किया जा रहा है, इस कारण इस परेड पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। आपको ये जानकर ताझुभ होगा, मंदिर निर्माण में पहला चंदा जिस देश से आया, वो अमेरिका ही था..एक अमेरिकी ने दान के रूप में अमेरिका से 11 हजार रुपये मंदिर ट्रस्ट को भेजे थे और अब समूचा अमेरिका प्रभु राम की जय-जयकार करेगा।