हिंदू राष्ट्र का संकल्प लेकर महाकाल के दर पर पहुंचे एक और योगी
आज के योगी में कल का मोदी देखा जाता है और अब राजस्थान के योगी में योगी बाबा का वारिस मिल गया है। कालों के काल महाकाल से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसमें मोदी-योगी के वारिस की झलक देखने को मिली है। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं।
10 साल पहले एक चाय वाला देश की सत्ता पर क़ाबिज़ होगा, लोगों की कल्पना से परे था लेकिन ऐसा हुआ गुजरात के रास्ते पीएम मोदी को दिल्ली लाया गया । राजतिलक हुआ और पिछले दस सालों से केंद्र में उन्हीं की सरकार है और अब उन्हीं के नक़्शे कदमों पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चल रहे हैं। योगी बाबा पीएम मोदी के कितने भरोसेमंद चेहरे हैं, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये हाल ही के लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा के ख़राब प्रदर्शन पर जब योगी को कुर्सी से हटाने की साज़िश रची गई। उस वक़्त योगी की सत्ता पर मंडराते खतरे को पीएम मोदी ने दूर किया, ठीक वैसे ही जैसे गुजरात गोधरा कांड में अटल जी ने मोदी जी पर भरोसा जताया था। 2029 की राजनीतिक तस्वीर को लेकर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर राजनीतिक पंडितों ने कई नये-पुराने चेहरे दिखाएं, लेकिन एक चेहरा जो इस वक़्त टॉप पर है। वो हैं योगी आदित्यनाथ राजनीतिक गलियारें में योगी में भी कल का मोदी देखा जा रहा है और अब महाकाल के दरबार से मोदी-योगी का वारिस भी मिल चुका है।
यानी की वो नया चेहरा, जो योगी बाबा के बाद सत्त के फलक पर नज़र आएगा। हम बात कर रहे हैं, महंत बालकनाथ योगी की पिछले महीने बालकनाथ योगी महाकाल लोक क्या पहुँचे…लोगों ने जैसे ही उन्हें भस्म आरती करते हुए देखा। कुछ लोगों के उनमें मोदी-योगी का वारिस नज़र आने लगा। आख़िरकार मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ योगी में ही यूपी के योगी बाबा की छवि क्यों देखी जाती है। योगी जी से उनका क्या ख़ास कनेक्शन है..पहले आप ये समझे।
ये किसी से छुपा नहीं है कि महंत बालक नाथ योगी ख़ुद भगवाधारी योगी के नक़्शे कदमों पर चलते हैं। उनके सबसे करीबी माने जाते हैं आलम ये है कि 2016 में ताजपोशी के वक़्त योगी आदित्यनाथ ने ख़ुद अपने हाथों से बालक नाथ को मठाधीश का दायित्व सौंपा था। बीते महीने रोहतक में महंत बालक नाथ योगी के नेतृत्व में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी महाराज के समाधी मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित हुआ था। जिसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर देशभर के कई महामंडलेश्वर भी शामिल हुए। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पधारे उन्होंने ना सिर्फ़ महंत बालकनाथ योगी को राजस्थान का भविष्य बताया बल्कि नाथ परंपरा को निभाते हुए बालकनाथ योगी का चादराभिषेक भी किया।
देखा जाए, तो आज की डेट में योगी की तरह बालकनाथ भी समाज सुधारक हैं। कुशल राजनीतिज्ञ हैं, प्रखर वक्ता है, हिंदूवादी छवि है और बतौर संन्यासी समाज के बीच रहकर लोगों का उद्धार करने में यक़ीन करते हैं। मोदी-योगी की तरह ये भी गृह त्यागी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह महंत बालकनाथ योगी ने भी कभी हार का मुँह नहीं देखा। 2018 में मठाधीश की ज़िम्मेदारी सँभाली 2019 में अलवर से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा औ भारी बहुमत से जीता और जब राजस्थान के चुनावी रण में उतरे, तो तिजारा सीट से बंपर वोटों से जीत हासिल की राजस्थान में कमल के खिलते ही बालकनाथ योगी के मुख्यमंत्री बनने की चर्चा चारों तरफ़ थी, लेकिन भजन लाल शर्मा बाज़ी मार गये। बहरहाल बालकनाथ योगी के प्रशंसक आज भी उनमें भविष्य का प्रधानमंत्री देखते हैं। तभी तो जैसे ही बालकनाथ योगी महाकाल के दर पर पहुँचे, मोदी-योगी के महाकाल दर्शनों की तस्वीरों सोशल मीडिया में वायरल होने लगी। मोदी-योगी की महाकाल दर्शन की तस्वीरें आपके सामने हैं। इसी कड़ी में बालकनाथ योगी की तस्वीर, ये दर्शा रही है कि देश की सत्ता एक लंबे समय तक भगवाधारियों के हाथों में रह सकती है।