PM Modi की देखा देखी Saudi Prince Salman शापित शहर को बना रहे हैं स्वर्ग नगरी
खाड़ी देशों में शुमार सऊदी अरब और सऊदी का रेगिस्तान आज भी बेशुमार गैस के भंडार और तेल के कुओं से गुलज़ार है। दशकों से इन्हीं चीजों पर मुल्क की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। कहते हैं, 80 साल पहले सऊदी अरब कुछ नहीं था लेकिन तेल के अकूत भंडारों ने आज इसे विश्व की आर्थिक महाशक्ति बना दी है। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मुल्क की अर्थव्यवस्था तेल पर केंद्रित है लेकिन तब क्या होगा, जब तेल के यही भंडार समाप्त हो जाएँगे। इसी सोच के साथ प्रिंस सलमान अपने ड्रीम प्रोजेक्ट विजन 2030 पर काम कर रहे हैं…इसी प्रोजेक्ट के तहत सऊदी प्रिंस अब पैगंबर के शापित शहर को जन्नत बना रहे हैं। पैगंबर के श्राप को वरदान में बदलने की कोशिश कर रहे हैं और सबसे दिलचस्प बात ये कि प्रिंस सलमान की इसी स्वर्ग नगरी का पीएम मोदी से क्या कनेक्शन है ? आईये आपको बताते हैं, अपनी इस ख़ास रिपोर्ट में
देश की नई संसद से नए संकल्पों के साथ पीएम मोदी नये भारत की एक नई तस्वीर बनाने में जुट चुके हैं हालाँकि नये भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास अब का नहीं है, बल्कि पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल से ही हो रहा है। जिसकी देखा देखीसात समंदर पार बैठे सऊदी प्रिंस सलमान भी अपने ड्रिम प्रोजेक्ट विजन 2030 पर काम कर रहे हैं हालाँकि चुनौतियाँ कम नहीं है क्योंकि कट्टरपंथी ताकते उनके इसी विजन का नामोनिशान मिटाने की भरपूर कोशिश में भी है। लाल सागर किनार रेगिस्तानी धरती पर नियोग नाम का एक शहर बसा रहे हैं। जिसके ऊपर 500 अरब से लेकर 2 ट्रिल्यन डॉलर के खर्च का अनुमान है ये दुनिया का एक ऐसा शहर होगा, आसमान में उड़ती गाड़ियाँ दिखेंगी। पटरियों पर अल्ट्रा हाई स्पीड ट्रेन दौड़ेंगी..रेतीले पहाड़ों के अंदरलग्जरी होटल और अपार्टमेंट होंगे। आपके ख़्वाबों की दुनिया होगी हालाँकि ख़बर ये भी है कि सऊदी सरकार की तेल से होने वाली कमाई कम हो गई है, जिसके चलते प्रिंस के विजन 2030 पर ग्रहण लग सकता है…लेकिन इन सबके बीच सऊदी अरब के एक और शहर की चर्चा ज़ोरों पर है,एक ऐसा शहर जो पैगंबर द्वारा शापित है और उसी श्राप को अब स्वर्ग बनाने का काम भी हो रहा है।
सऊदी अरब में एक जगह ऐसी है, जहां 2000 साल पहले एक समृद्ध शहर बसता था। मुल्क की इस प्राचीन विरासत का नाम है अल ऊला शहर जो हज़ारों वर्षों पहले रेगिस्तानी दुनिया का कारोबार ठिकाना हुआ करता था। यही पर प्राचीन काल की 111 क़ब्रें मिलीं मुल्क का अल ऊला शहर प्राचीन धरोहरों से भरा पड़ा। यहीं पर नवतिआन सभ्यता का जन्म हुआ। मान्यता कहती है..इसी शहर को पैगंबर मोहम्मद साहब ने शाप दिया था। जिसके चलते बाद में ये शहर भूतिया शहर कहा जाने लगा। जिस कारण बाहरी लोगों के लिए ये शहर लंबे समय से कट गया… यहाँ कदम रखने की हिमाक़त कोई नहीं करता था.., इस जगह पर मुस्लिमों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया लेकिन साल 2019 में जब इस जगह का शोध हुआ, तो अल ऊला शहर का भाग्य खुल गया। जैसे ही सऊदी प्रिंस सलमान की नज़र इस शहर पर पड़ी, सरकार ने इस शहर को स्वर्ग बनाने की ठान ली। आज शापित शहर के मिथक को तोड़कर सऊदी प्रिंस अल चला शहर को डेवलप कर रहे हैं..शापित शहर को पूरी तरह से जन्नत बना रहे हैं ताकी यहाँ आने वाला शख़्स को स्वर्ग जैसा एहसास हो सके हालाँकि ये देखने अभी बाक़ी है कि इस जन्नत के दरवाज़े बाहरी दुनिया के लिए 2030 तक खुल पाते हैं या नहीं।