जगन्नाथ पुरी में पिछले 3 सालों से बंद पड़ी दान पेटी के खुलते ही आंखें फटी की फटी रह गई
मंदिरों का देश भारत और नाथों के नाथ की नगरी जगन्नाथपुरी, इन दिनों पूरी दुनिया में इन्हीं की चर्चा है। प्रभु जगन्नाथ की चौखट पर पिछले 3 सालों का दान इतना आया है, जिसके आगे अमीर देशों की अमीरी निकल जाए। अभी अभी 46 साल बाद मंदिर का रत्न भण्डार खोला गया और अब जब 3 सालों का चढ़ावा गिना गया, तो धन राशि ने दुनिया के होश उड़ा दिये। देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट।
भारत के अमीर मंदिरों की हिस्ट्री आज भी एक मिस्ट्री बनी हुई है..फिर चाहे केरल का पद्मनाभ स्वामी मंदिर हो। आंधप्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर शिरड़ी का साईं धाम, वैष्णो देवी मंदिर, सबरीमाला मंदिर, महाराष्ट्र का सिद्धि विनायक मंदिर या फिर बद्रीनाथ मंदिर। इसी कड़ी में ओड़िसा का जगन्नाथ पुरी धाम भी आता है। अबकी बार भक्तों द्वारा इतना दान किया गया कि गिनती ने सबके होश उड़ा दिये। पिछले 3 सालों में इस मंदिर को मिले दान को देखकर दुनिया की आँखें फटी की फटी रह गई है। महाप्रभु के रत्न भण्डार में जो है, वो तो पहले से ही है…लेकिन बीते तीन सालों में महाप्रभु के भक्तों ने जितना दिल खोलकर दान किया है, उसके आगे नोट गिनने वाली मशीन फेल हो गई है दरअसल संसद में जगन्नाथ पुरी धाम को मिलने वाले पिछले तीन साल के दान का ब्यौरा माँगा गया..जिस पर जानकारी देते हुए प्रदेश के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने जो आँकड़े दिये, वो हर किसी के लिए चौंकाने वाले थे उन्होंने ये बताया मंदिर को 2021-22 से 2023-24 तक दान पेटियों के जरिए से 40.61 करोड़ रुपये, बैंक खातों के माध्यम से 59.79 करोड़ रुपये और अन्य स्रोतों से 12.60 करोड़ रुपये हासिल हुए। जगन्नाथ मंदिर को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 113.02 करोड़ रुपये का दान मिला है। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन। इसके अलावा ओडिशा के 24 जिलो में भगवान की 60,426 एकड़ जमीन भी है, मंदिर के स्वामित्व में राज्य के बाहर 395 एकड़ भूमि भी है….सौ बात की एक बात ये कि प्रभु जगन्नाथ के धाम में ख़ज़ानों का अंबार तो है, और अब यही अंबार दिनों दिन बढ़ता जा रहा है…आज प्रभु जगन्नाथ के ख़ज़ाने की चमक ऐसी है कि अमीरों की अमीरी भी फीकी पड़ जाए।