वक्फ बिल के पास होते ही योगी ने लिया तगड़ा फ़ैसला !

पिछले साल वक़्फ़ की बढ़ती दादागिरी पर फ़ुलस्टॉप लगाने की माँग तेज़ क्या हुई, इस साल एक्शन मोड में आए पीएम मोदी ने वक़्फ़ के पुराने बोर्ड को ही बदल डाला। संसद के रास्ते संशोधन बिल लाकर एक नया वक़्फ़ बोर्ड खड़ा कर दिया। दरअसल डे वन से ही वक़्फ़ बोर्ड पर यही आरोप लगते आए हैं कि अल्लाह के नाम पर वक़्फ़ बोर्ड जिस किसी की ज़मीन पर नजर डालता, उसे अपनी जागीर बताते हुए उसे अपना बना लेता फिर चाहे वो ज़मीन सरकारी हो या फिर हिंदुओं की ना ही आप वक़्फ़ बोर्ड के ख़िलाफ़ कोर्ट जा सकते थे और ना ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बोर्ड के फ़ैसले को चैलेंज कर सकते थे। यानी चट भी अपनी, पट भी अपनी हिंदुओं के तीर्थों को भी वक़्फ़ बोर्ड ने नहीं छोड़ा। वक़्फ़ की इसी दादागिरी पर लगाम कसने के लिए माफ़ियाँ बोर्ड को मिट्ठी में मिलाने के लिए वक़्फ़ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के मक़सद से बजट सत्र में जैसे ही मोदी सरकार ने संसद पटल पर वक़्फ़ संसोधन बिल रखा, समर्थन में 288 वोट पड़े और विरोधी 232 वोटों पर ही सिमट गये। जबकी राज्यसभा में आधी रात के 2 बजकर 32 मिनट पर 128 वोटों के साथ बिल को हरी झंडी मिली। अब विरोधी छाती पीटे विधेयक की क़ॉपी फाड़े या फिर हल्ला करे। आज की सच्चाई यही है कि 1954 वाला वक़्फ़ बोर्ड अब अपने नये अवतार में दिखेगा। अब ना ही ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से किसी की ज़मीन हड़पी जाएगी और ना ही वक़्फ़ की आड़ में भ्रष्टाचार किया जा सकेगा। नये वक़्फ़ बोर्ड के सहारे गरीब और लाचार मुसलमानों को सशक्त किया जाएगा। पुराने वक़्फ़ बोर्ड पर पीएम मोदी ने कफ़न तो पहना दिया है, लेकिन अब योगी किन चीजों को दफ़नाने का काम शुरु कर देंगे ?
वक़्फ़ बिल के पास होते ही एक्शन में आए योगी बाबा ने अवैध वक्फ संपत्तियों पर कार्रवाई करनी शुरु कर दी है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि प्रदेश में 98 प्रतिशत वक्फ संपत्तियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है, जिसमें अधिकांश ग्राम समाज की भूमि है और इन्हीं संपत्तियों को चिन्हित करके वापस लेने की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। बाराबंकी से लेकर सीतापुर, बरेली, जौनपुर, सहारनपुर, बलरामपुर, बुलंदशहर, मुरादाबाद और रामपुर जितने भी मुस्लिम बहुल इलाक़े यूपी के है, जहां वक़्फ़ ने अब तक ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से ज़मीनें हड़पी हुई थीं, उन पर अब योगी की बुलडोज़र चलेगा क्योंकि जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों को चिन्हित कर रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। कहना ग़लत नहीं होगा कि अब फ़ुल स्पीड में बुलडोज़र चलेगा।