भोले के भक्तों के लिए आई मनहूस ख़बर, अंतर्ध्यान हुए बाबा अमरनाथ
भोले के भक्त चिंतित हैं, भोले के भक्त व्याकुल है, भोले के भक्त निराश हैं क्योंकि तपस्या करके भी अपने आराध्य के दर्शन नहीं हो पा रहे है। अमरनाथ गुफा से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने भक्तों के चेहरे पर उदासी ला दी है। क्या है ये पूरा मामला ,आईया आपको बताते हैं।
इस धरा पर आपको भगवान शिव शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों से लेकर अनेकों धाम मिल जाएँगे, लेकिन हिमालय के गोद में कश्मीर की पहाड़ियों पर बर्फ़ से ढकी एक गुफा में एक ऐसे इकलौते स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन होते हैं, जिसका आकार शिवलिंग की रोशनी से तय होता है। बाबा बर्फ़ानी श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक अपने संपूर्ण आकार में होते हैं। फिर उसके बाद अमावस्या तक आते-आते यही आकार घट जाता है लेकिन इस बार समय से पहले ही बाबा बर्फ़ानी अंतर्ध्यान हो गये। इन दिनों अमरनाथ यात्रा चल रही है और इसी यात्रा में शामिल श्रद्धालु गुफा तक पहुँचकर भी बाबा के भव्य रूप के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि गर्मी बढ़ने के कारण बाबा बर्फ़ानी का हिम शिवलिंग एक हफ़्ते में भी पिघल गया। 52 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा में अब जो भी श्रद्धालु गुफा तक पहुँच रहे हैं, वो चाहकर भी बाबा के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब बाबा बर्फ़ानी के भक्त उनके दर्शन से चूकें हैं। साल 2008 में यात्रा शुरु होने के 10 दिनों के भीतर ही शिवलिंग पूरी तरह से पिघल गया था। पिछले साल अमरनाथ में आई तबाही ने भक्तों की जान ली और इस बार समय से पहले ही बाबा बर्फ़ानी अंतर्ध्यान हो गये। आईये ऐसे में एक नज़र डालते हैं, कब-कब बाबा बर्फ़ानी की दुनिया में तबाही मची अमरनाथ यात्रा पर प्रकृति की मार और दर्दनाक हादसे
- सबसे पहला बड़ा हादसा साल 1969 में हुआ था, जुलाई महीने में भी बादल फटने से करीब 100 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। यह घटना अमरनाथ यात्रा के इतिहास की पहली बड़ी घटना भी मानी जाती है।
- 16 जुलाई, 2017 में श्रद्धालुओं से भरी एक बस जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे पर रामबन जिले के पास एक गहरी खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 19 से ज्यादा घायल हो गए।
- 12 जुलाई, 2018 में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों का वाहन जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े एक ट्रक से जा टकराया। इस दौरान 13 तीर्थयात्री गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
- 26 जुलाई, 2019 को अमरनाथ यात्रा के दौरान 1 से 26 जुलाई के बीच 30 श्रद्धालुओं की जान गई थी। इन मौतों की वजह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा यात्रा शुरू करने से दो महीने पहले तक श्रद्धालुओं को इस कठिन यात्रा के बारे में जागरूक न करना बताया गया।
- 10 July 2022 बादल फटने से अमरनाथ गुफा के पास ऐसी तबाही मची कि 45 लोग लापता हो गए और 16 भक्त मारे गये…टेंट के टेंट सैलाब में बह गये,लंगर बह गए, मूलसाधार बारिश के बीच अचानक बादल फटने से , ऐसा सैलाब आया जिसमें बाबा के भक्त ही जलमग्न हो गए।