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पूर्वांचल लोगों के बीच छठ पर्व की धूम, सुरक्षा-व्यवस्था का रखा गया विशेष ध्यान

Chhath Pooja 2024: सभी छठ से संबंधित सामग्रियां खरीद रहे हैं। छठ को लेकर प्रशासन की तरफ से भी पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा-व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है। मंगलवार को नहाए-खाए के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा का आगाज पूरे देश में हो गया है।
पूर्वांचल लोगों के बीच छठ पर्व की धूम, सुरक्षा-व्यवस्था का रखा गया विशेष ध्यान
Photo by:  Google

Chhath Pooja 2024: बिहार के गया जिले के सुदूरवर्ती प्रखंड डुमरिया के मैगरा में लोक आस्था के महापर्व छठ की धूम है। लोगों में उत्साह और बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। सभी छठ से संबंधित सामग्रियां खरीद रहे हैं। छठ को लेकर प्रशासन की तरफ से भी पूरी तैयारी की गई है। सुरक्षा-व्यवस्था का भी विशेष ध्यान रखा गया है। मंगलवार को नहाए-खाए के साथ ही चार दिवसीय छठ पूजा का आगाज पूरे देश में हो गया है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से .......

नदी-तालाब से प्रसाद बनाने के लिए पानी लिया जाता है  (Chhath Pooja 2024)

बुधवार को खरना था। इस दिन सभी छठ व्रतियों ने नदी-तालाब-पोखर में स्नान कर भगवान भास्कर को याद करते हुए छठ घाट बांधे और खरना के प्रसाद बनाने के लिए पानी लिया। इसी पानी में उन्होंने खरना का प्रसाद बनाया। शाम को घर पर व्रतियों ने पूरी शुद्धता के साथ प्रसाद बनाया और भगवान को अर्पित किया। इसके बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण किया और परिजनों-पड़ोसियों में बांटा। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया है।

36 घंटे का होता है निर्जला उपवास (Chhath Pooja 2024)

 छठ व्रती उर्मिला कुमारी ने कहा, “आज छठ पूजा का दूसरा दिन है, जिसे "खरना" कहते हैं। यह दिन विशेष रूप से उपासकों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन से वे 36 घंटे के कठिन उपवास की शुरुआत करते हैं। इस दिन की शुरुआत नदी या जलाशय में स्नान करके होती है। लोग नदी में जाकर शुद्ध होकर वहां से जल लेकर आते हैं, जिसे बाद में प्रसाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह जल पूजा के दौरान एक महत्वपूर्ण तत्व होता है और इसे घर में लेकर आकर सूर्य देव की उपासना के लिए उपयोग किया जाता है।”

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