गुंडे-माफिया को दफ़्न करने वाले CM Yogi अब भारत को फिर से बनाएँगे सोने की चिड़िया
इन दिनों इन्हीं सवालों के ईद-गिर्द इन दिनों ओड़िसा की राजनीति घूम रही है। जो की इसी लोकसभा चुनाव के बीच ओड़िसा का विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ 25 मई को प्रदेश में वोट डाले गये और अब आख़िरी चरण की वोटिंग के साथ लोकसभा चुनाव भी अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस कारण भाजपा और पटनायक सरकार के बीच ज़ुबानी प्रहार भी देखने को मिले। ना सिर्फ़ पीएम मोदी, बल्कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी चाबी गुम हो जाने पर पटनायक सरकार को जमकर घेरा।
आज आप ये जान लें कि प्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार..जहां मंदिर का ख़ज़ाना मौजूद रहता है।उस ख़ज़ाने की सुरक्षा में लगे दरवाज़े पर जड़े ताले की चाबी फ़िलहाल ग़ायब है और अब मंदिर से जुड़ी दो अहम फाईले भी गायब हो चुकी है। चाबी कहां गुम हो गई ?इसको लेकर रहस्यों का जाल बना हुआ है। ये पूरा मामला अबका नहीं बल्कि 5 साल पुराना है। 1985 में रत्न भंडार खोला गया था और तब से लेकर आज रत्न भंडार के कपाट खोले नहीं गये हैं। रत्न भंडार में क्या कुछ है, इसको लेकर साल 2018 में सरकार की तरफ़ से जो रिपोर्ट पेश की गई , उसके मुताबिक़ ये बात कही गई कि रत्न भंडार में 12831 भारी सोने के गहने हैं। एक भारी 11.66 ग्राम के बराबर होता है। 22153 भारी चांदी के बर्तन हैं। इसके अलावा कुछ बहुमूल्य रत्न यहां मौजूद हैं।उस दिन से लेकर अब तक रत्न भंडार में कितनी बेशक़ीमती चीजें बाहर गई और कितनी चीजें अंदर अभी मौजूद है, कोई नहीं जानता।
देखा जाए, तो भक्तों की इसी नाराज़गी के बीच यूपी से योगी को लाए जाने की माँग उठी और जैसे ही चुनाव प्रचार के लिए योगी जी प्रभु जगन्नाथ की धरा पर पहुँचे। लैंड माफिया, सैंड माफिया, कैटल माफिया और फॉरेस्ट माफिया पर यूपी जैसा बुलडोजर चलाने का वादा कर बैठे। जनता से कमल को खिलाने की अपील की ताकी डबल इंजन की सरकार में खोयी हुई चाबी ढूँढ सके और डकैतों को मिट्टी में मिला सके हालाँकि भाजपा के इस प्रहार से तिलमिलाई पटनायक सरकार साफ़ कर चुकी है कि इसी साल रथ यात्रा के दौरान रत्न भंडार खोला जाएगा, लेकिन जनता सरकार की ज़ुबान पर भरोसा नहीं कर पा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में 4 जून के बाद प्रभु जगन्नाथ के ख़ज़ाने में डकैती डालने वालों के लिए योगी बने यमराज बन जाएँगे ?