प्रभु राम की नगरी अयोध्या में योगी के ख़िलाफ़ रची गई साज़िश
4 ज़ून के दिन से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यवार को सत्ता से हटाए जाने का खबरे उड़ने लगीं। राजनीति गलियारे में इस बात की चर्चा होने लगी कि क्या 2027 से पहले ही योगी को साइडलाइन कर दिया जाएगा हालाँकि भाजपा की तरफ़ से इन ख़बरों को अफ़वाहें बताई गई लेकिन इस बीच इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार श्यामलाल यादव की लिखी किताब At The Heart Of Power: The Chief Ministers of Uttar Pradesh ने सत्ता के गलियारे में भूचाल ला दिया क्योंकि इसी किताब में ये दावा किया गया है कि 2022 के चुनाव से पहले ही योगी को हटाए जाने की तैयारी हो चुकी थी। लेखक श्याम लाल यादव ने इसी किताब में ये दावा किया है।
“उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनाव में कुल नौ महीने बचे थे। ऐसे में लखनऊ से दिल्ली तक बीजेपी और आरएसएस नेताओं के बीच कई दौर की मुलाकातें हुईं। एक वक्त तो तय हो गया था कि योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया जाएगा। इससे पहले योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कोई बदलाव किया जाता है, उससे पहले बीजेपी के आलाकमान को आभास हो गया कि अगर चलती सरकार में योगी को हटाया गया, तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा।”
हालाँकि, अपनी इसी किताब में श्याम लाल यादव ने कहीं भी इस बात का ज़िक्र नहीं किया है कि आख़िर क्यों योगी को हटाए जाने की कोशिशें की जा रही थी, सूत्रों की मानें, तो इसके पीछे की वजह डिप्टी सीएम केश्व प्रसाद मौर्य हो सकते हैं,, जिनका मुख्यमंत्री योगी के साथ कई दफ़ा मतभेद देखे गये हैं। बहरहाल अब अयोध्या से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो ये बताती है कि योगी को सत्ता से हटाए जाने की साज़िशें अब तक जारी हैं। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको विस्तार से बताते हैं।
ये जग-जाहिर है कि 500 वर्षों के इंतज़ार के बाद राम भक्तों के तप का नतीजा है..जो आज रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हैं, आज की अयोध्या को त्रेतायुग वाली अयोध्या बनाने के लिए यहाँ की तस्वीर भी बदली गई। इंटरनैशनल एयरपोर्ट से लेकर रेलवे धाम की भव्यता को सातवें आसमान पर पहुँचाया लेकिन अब अयोध्या रेलवे स्टेशन से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने प्रशासन के विकास की पोल खोल दी है। दरअसल मौसम की पहली बारिश में ही रेलवे स्टेशन बाउंड्री वॉल ढह गई है। तस्वीरें आपके सामने हैं, जिसमें रेलवे स्टेशन की करीब 20 मीटर बाउंड्रीवाल भरभरा कर गिर गई। इस तस्वीर ने योगी के काम पर सवाल खड़े कर दिये है। अब भले ही इस घटना के पीछे प्रशासन की लापरवाही है। अधिकारियों का भ्रष्टाचार है..लेकिन नाम तो योगी बाबा का ही उछाला जाएगा। जिसके पीछे वैसे तो कई मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन जो लोग योगी के शुभचिंतक हैं, उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं से योगी जी की जो बदनामी हो रही है, उसके पीछे उन्हीं के अपनों का हाथ है। यानी की अयोध्या से योगी को सत्ता से हटाने की कोशिश कोई ना कोई कर रहा है। ऊपर से NEET पेपर लीक कांड योगी जी का सिरदर्द बना हुआ है। सौ बात की एक बात ये कि संत से सियासत तक का सफ़र तय करने वाले योगी बाबा के लिए आने वाला कल उनकी अग्निपरीक्षा ले रहा है। राह में उनके अपनों से ही कई चुनौतियाँ मिल रही हैं। ऐसे में योगी के ख़िलाफ़ साज़िश रचने वाले क्या सफल हो पायेंगे? इस पर अपने विचार शेयर कीजियेगा।