कश्मीर के मार्तंड सूर्य मंदिर को शैतानी गुफा बनाने की साज़िश का पर्दाफ़ाश ?
मार्तंड सूर्य मंदिर क्या शैतानी गुफा है ? हिंदुओं की आस्था के ख़िलाफ़ बड़ी साज़िश ! अनएकेडमी की भूल या फिर सोची समझी साज़िश ?
पीएम मोदी की मंदिर नीति का कमाल है, जो आज भारत की सनातन संस्कृति, परंपरा और विरासत का भौकाल सातवें आसमान पर है। विदेशी धरती पर भव्य हिंदू मंदिरों का निर्माण हो रहा है, विदेशी मेहमान सनातन का पाठ पढ़ रहे हैं, ख़ुद को भारत की आध्यात्मिक दुनिया से जोड़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपनी आदत से मजबूर है। जिस थाली में खा रहे हैं, उसी में छेद कर रहे हैं। भारत की खाते हैं और चोट सनातन पर करते हैं। एक बार फिर हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचाने का प्रयास हुआ है। अब ये सोची समझी साज़िश है या फिर अनजाने में की गई एक भूल, ये आप तय कीजियेगा। हिंदू राष्ट्र भारत में 1600 साल पुराने मार्तंड सूर्य मंदिर को शैतानी गुफा बनाने का सच क्या है?
भारत का अभिन्न हिस्सा, धरती का स्वर्ग कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर। जहां से आज भी कश्मीरी पंडितों का वजूद जुड़ा है। यही से आदी शंकराचार्य ने तपस्या कर सनातन का प्रचार प्रसार किया और यहाँ स्थापित 1600 साल पुराना मार्तंड सूर्य मंदिर आज भी प्राचीन भारत की सनातन संस्कृति को उजागर करता है। श्रीनगर से लगभग 63 किलोमीटर दक्षिण में मट्टन के केहरिबल क्षेत्र में स्थित, ग्रहों के राजा भगवान सूर्य को समर्पित मार्तंड सूर्य मंदिर, आज भी आध्यात्मिक विरासत का सबसे बड़ा प्रतीक है। मंदिर का इतिहास कहता है, इसकी नींव रखने वाले कोई और नहीं, सम्राट ललितादित्य मुक्तपद हैं। मंदिर की भव्यता इसकी प्रसिद्धि का कारण बनी और जैसे ही बुतशिकन की फ़ौज पर इसकी नज़र पड़ी, सुल्तान सिकंदर शाह मीरी ने तलवार की नोंक पर मंदिर को ध्वस्त कर दिया। तब से लेकर अब तक, मार्तंड सूर्य मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए आवाज़ कई दफ़ा बुलंद हो चुकी है। हालाँकि इस बीच हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुँचाने के लिए मंदिर को बदनाम करने के लिए कट्टरपंथियों ने मंदिर को शैतान की गुफा बुलाना शुरु कर दिया। इसी कड़ी में ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने देश के बच्चों को मार्तंड सूर्य मंदिर का पाठ पढ़ाते हुए ख़ुद भी मंदिर की तुलना शैतानी गुफा से कर दी है। मार्तंड सूर्य मंदिर से जुड़ा क्या कहता है अनएकेडमी का ज़हरीला वामपंथी पाठ, जिसकी चर्चा इन दिनों सोशल मीडिया पर हो रही है?
पिछले महीने 22 जुलाई 2024 के दिन ही मार्तंड सूर्य मंदिर को लेकर अनएकेडमी का एक लेख वायरल हुआ है। बक़ायदा इसका screenshot खींचकर लोगों के बीच circulate किया गया। क्यों बवाल मचा, ये जानने के लिए आप इस लेख की शुरुआत की चंद लाइनें पढ़ लीजिये।
The Martand Sun Temple, also called Shaitan ki Gufa , is a Hindu shrine Located within Jammu and Kashmir, India just near the city areas of Anantnag.
अनएकेडमी की इसी स्क्रिप्ट में एक तरफ़ मंदिर को हिंदुओं का तीर्थ बताया जा रहा है और दूसरी तरफ़ शैतान की गुफा से भी इसकी तुलना कर रहे हैं। बस फिर क्या था, लोगों को अनएकेडमी की यही हरकत नागवार गुजरी। इसी वायरल screenshot पर लोगों ने खूब कमेंट किये। किसी ने इसे अनएकेडमी की शर्मनाक हरकत बताई, तो किसी ने इतिहास को विकृत करने का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने इसे हिंदू समुदाय के लिए अपमानजनक बताया और जब अनएकेडमी को ये महसूस हुआ कि उससे वाक़ई में गलती हुई है, तो उसने अपने इस लेख को एडिट करके, उसमें से शैतान की गुफा को हटा दिया। हालाँकि अपने शब्दों से हिंदू मंदिर के राक्षसीकरण करने की माफ़ी नहीं माँगी। अब यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि, ये पहली दफ़ा नहीं है जब मार्तंड सूर्य मंदिर को अपमानित किया हो। इससे पहले विशाल भारद्वाज की फ़िल्म हैदर में मार्तंड सूर्य मंदिर के परिसर में ही एक गाना फ़िल्माया गया था और बिस्मिल नाम के गाने में राक्षसी नाच दिखाया | मंदिर में शैतानी आकृति दिखाई गई यानी creativity के नाम पर हिंदुओं की भावनाओं का मज़ाक़ बनाया गया। इसी चीज का जमकर विरोधी साल 2022 में कश्मीरी पंडितों द्वारा किया गया था। हालाँकि आपको ये जानकर भी हैरानी होगी कि आज भी चोरी छुपे ईद के मौक़े पर कट्टरपंथी मंदिर के भीतर जाकर बम पटाखे फोड़ते हैं। जहां तक हो सके, हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया जाता है।