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Taiwan के लिए सुरक्षा कवच बना मुल्क का पहला हिंदू मंदिर, China की प्लानिंग हुई फेल

भारत से कोसो मील दूर ताइवान बौद्ध बहुल मुल्क है | देश की 93 फ़ीसदी जनसंख्या बौद्ध धर्म को मानती है और इन्हीं बौद्ध धर्मियों के बीच भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना ये दर्शाती है कि मोदी है तो हर चीज मुमकिन है | ये भारत-ताइवान की बढ़ती नज़दीकियों का नतीजा है, जो आज मुल्क की राजधानी ताइपे में भव्य हिंदू मंदिर की मौजूदगी है |यहाँ बसे भारतीय प्रवासी और एक प्रसिद्ध भारतीय रेस्तरां के मालिक एंडी सिंह आर्य के सहयोग से इस मंदिर की नींव पिछले साल 2023 में रखी गई | नाम दिया गया है सबका मंदिर और इसी मंदिर में ना सिर्फ़ हिंदू बल्कि ताइवान के मूल निवासी भी पूजा-पाठ कर रहे हैं |
Taiwan के लिए सुरक्षा कवच बना मुल्क का पहला हिंदू मंदिर, China की प्लानिंग हुई फेल

पिछेल 74 सालों से ताइवान पर चीन की बुरी नज़र है | चालाक ड्रैगन जैसे-तैसे ताइवान को हड़पना चाहता है, ताइवान की उभरती अर्थव्यवस्था पर खुद का कंट्रोल चाहता है और जो कि इन दो मुल्कों की दुश्मनी बरसों पुरानी है, इस कारण एक छोटी सी चिंगारी ताइवान और चीन को विश्व युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ी कर देती है | ताइवान की ख़ुद की सेना है, एक लाख 70 हजार सैनिक हैं, जनता द्वारा चुनी गई सरकार है और ख़ुद का संविधान है | आज की डेट में ताइवान ख़ुद को संप्रभु राष्ट्र मानता है, लेकिन चीन की नज़र में ताइवान का कोई अस्तित्व नहीं है, उलटा चीन दुनिया के सामने ताइवान को अपनी जागीर बताता है | हाल ही में ताइवान की सीमा पर चीन के विस्फोटक सैन्य विमान और नौसैनिक जहाज की मौजूदगी देखी गई, लेकिन ताइवान के साथ चट्टान बनकर खड़े भारत से भिड़ने की हिमाक़त चीन नहीं करता है | चीन हमले की फ़िराक़ में है, लेकिन जब से ताइवान की राजधानी ताइपे में भव्य हिंदू मंदिर स्थापित हुआ है, तभी से उसकी सिट्टी-पिट्टी गुल है |


भारत से कोसो मील दूर ताइवान बौद्ध बहुल मुल्क है | देश की 93 फ़ीसदी जनसंख्या बौद्ध धर्म को मानती है और इन्हीं बौद्ध धर्मियों के बीच भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना ये दर्शाती है कि मोदी है तो हर चीज मुमकिन है | ये भारत-ताइवान की बढ़ती नज़दीकियों का नतीजा है, जो आज मुल्क की राजधानी ताइपे में भव्य हिंदू मंदिर की मौजूदगी है |यहाँ बसे भारतीय प्रवासी और एक प्रसिद्ध भारतीय रेस्तरां के मालिक एंडी सिंह आर्य के सहयोग से इस मंदिर की नींव पिछले साल 2023 में रखी गई | नाम दिया गया है सबका मंदिर और इसी मंदिर में ना सिर्फ़ हिंदू बल्कि ताइवान के मूल निवासी भी पूजा-पाठ कर रहे हैं | स्थानीय लोगों ने मंदिर की मौजूदगी से ये उम्मीद जताई है कि यह मंदिर शुभ साबित होगा और ताइवान में शांति और खुशी लेकर आएगा। ताइपे में मौजूद इकलौते हिंदू मंदिर में आज की डेट में भक्तों की भीड़ रहती है | इस मंदिर से मुल्क में सनातन संस्कृति की छाप साफ झलकती है | मंदिर से जुड़ी भक्तों की आस्था ने इसे ताइवान का सुरक्षा कवच बताया है | देखा जाए, तो आज की डेट में टेक्‍नोलॉजी, मेडिकल इक्विपमेंट्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में भारत-ताइवान के बीच मज़बूत साझेदारी है | दोनों मुल्क ना सिर्फ़ कूटनीतिक बल्कि व्यापारिक तौर से भी जुड़े हैं | ताइवान को मिलता भारत का साथ चीन की सबसे बड़ी टेंशन है, क्योंकि अब तक अमेरिका उसकी राह का रोढ़ा बना हुआ था और अब भारत की मंदिर नीति उसे चिढ़ा रही है।

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