Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन भूल से भी घर न लाएं ऐसी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति? इन बातों का रखें ख्याल
Dhanteras 2024:धनतेरस का पर्व इस साल 29 अक्तूबर 2024 को मनाया जा रहा है। यह दिन देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी की पूजा का शुभ अवसर है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों को घर लाने से घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। लेकिन मूर्ति खरीदते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
Dhanteras 2024:दिवाली का पर्व पूरे भारत में उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, और इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। इस बार धनतेरस 29 अक्तूबर 2024 को पड़ रहा है, जो देवी लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और गणेश जी के पूजन का शुभ अवसर है। कार्तिक माह की अमावस्या से ठीक पहले मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर हर घर में तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। माना जाता है कि धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति घर लाने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अत्यंत जरूरी है?
धार्मिक मान्यताओं और वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही तरीके से खरीदी गई लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति पूजा में अधिक फलदायी होती है। आइए जानते हैं उन खास बातों के बारे में जो आपको लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय ध्यान में रखनी चाहिए।
1. मूर्तियाँ आपस में जुड़ी नहीं होनी चाहिए
जब आप धनतेरस पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदने जाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि दोनों मूर्तियाँ अलग-अलग होनी चाहिए। मान्यता है कि अगर ये मूर्तियाँ आपस में जुड़ी हुई होती हैं, तो उनका प्रभाव कम हो जाता है और पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता। इसलिए, लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों को अलग खरीदना शुभ माना गया है।
2. मां लक्ष्मी कमल पर विराजमान होनी चाहिए
मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी की मूर्ति कमल के फूल पर विराजमान होनी चाहिए। कमल का फूल देवी लक्ष्मी का प्रतीक होता है और इसे देवी की कृपा का संकेत माना जाता है। इसके अलावा, उल्लू की सवारी वाली मूर्ति को न खरीदें, क्योंकि उल्लू मां लक्ष्मी का वाहन जरूर है, लेकिन यह धन की जगह ज्ञान का प्रतीक है। ध्यान दें कि मां लक्ष्मी खड़ी मुद्रा में न हों, बल्कि बैठी हुई मुद्रा में ही विराजमान हों।
3. गणेश जी की सूंड बाईं ओर होनी चाहिए
वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय सूंड का विशेष ध्यान रखना चाहिए। धनतेरस के लिए गणेश जी की बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति शुभ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि बाईं ओर मुड़ी सूंड गणेश जी की शांत, सौम्य और कृपालु प्रकृति को दर्शाती है, जिससे परिवार में सुख-शांति का आगमन होता है। इसके साथ ही, गणेश जी की मूर्ति बैठी मुद्रा में ही होनी चाहिए।
4. रंगों का महत्व: मां लक्ष्मी की मूर्ति लाल और गणेश जी की पीली
मां लक्ष्मी की मूर्ति का रंग लाल और गणेश जी का रंग पीला होना शुभ माना गया है। लाल रंग मां लक्ष्मी की उर्जा, शक्ति और शुभता का प्रतीक होता है, जबकि पीला रंग भगवान गणेश की बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का। इस धनतेरस पर, इन दोनों रंगों की मूर्तियाँ लेकर पूजा करें, जिससे आपको अधिक सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि की प्राप्ति होगी।
5. खंडित या टूटी मूर्ति न खरीदें
पूजा के लिए इस्तेमाल होने वाली मूर्ति पूरी तरह से अखंडित और साफ-सुथरी होनी चाहिए। खंडित या टूटी हुई मूर्ति अशुभ मानी जाती है और इसे घर में रखना वास्तु के अनुसार भी अनुचित है। इससे नकारात्मक उर्जा का संचार हो सकता है और देवी-देवता की कृपा प्राप्त नहीं होती। इसलिए, खरीदारी करते समय मूर्ति को अच्छी तरह से जांच लें कि वह कहीं से टूटी हुई न हो।
धनतेरस पर मूर्ति खरीदने का शुभ मुहूर्त
सुबह का मुहूर्त – 29 अक्तूबर सुबह 10:31 से अगले दिन सुबह 6:32 बजे तक।
शाम का शुभ मुहूर्त – 29 अक्तूबर शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक।
शाम का दूसरा मुहूर्त – 29 अक्तूबर शाम 5:38 से 6:55 बजे तक।
यह मुहूर्त विशेष रूप से लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सोना, चांदी, गहने, बर्तन, और अन्य सामानों की खरीदारी के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। इन शुभ मुहूर्तों में की गई खरीदारी परिवार में बरकत और संपन्नता लेकर आती है।
धनतेरस पर वाहन खरीदने का शुभ समय
धनतेरस पर वाहन खरीदने के लिए भी विशेष मुहूर्त हैं, जिनमें खरीदारी करने से वाहन का इस्तेमाल शुभ होता है और उसमें कोई बाधा नहीं आती। इस साल वाहन खरीदने के लिए सुबह 10:31 से 30 अक्तूबर दोपहर 1:15 तक का समय सबसे शुभ माना गया है। इस अवधि में आप बिना किसी शंका के वाहन खरीद सकते हैं।
वाहन खरीदने के लिए अन्य मुहूर्त:
चर (सामान्य): सुबह 9:18 से सुबह 10:41 तक।
लाभ (उन्नति): सुबह 10:41 से दोपहर 12:05 तक।
अमृत (सर्वोत्तम): दोपहर 12:05 से दोपहर 1:28 तक।
लाभ (उन्नति): रात 7:15 से रात 8:51 तक।
इन मुहूर्तों में की गई खरीदारी घर-परिवार में खुशियों और समृद्धि का संचार करती है। वैसे आपको बता दे कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ-साथ लक्ष्मी-गणेश की भी पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए यह कामना की जाती है कि घर में धन और वैभव का वास हो और रोगों से मुक्ति मिले। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों के साथ बर्तन, आभूषण और नए कपड़े खरीदने की भी परंपरा है।