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Dhanteras 2024: धनतेरस पर सोना खरीदना क्यों है जरुरी, जानें इसके पीछे की कहानी

Dhanteras 2024: धनतेरस के दिन इस तरह की खास चीजे ले ले तो कुबेर देवता की कृपा बरसने लगेगी। हिन्दू धर्म शास्त्र में धनतेरस के दिन इस तरह की खास चीजों को खरीदने का विधान है।
Dhanteras 2024: धनतेरस पर सोना खरीदना क्यों है जरुरी, जानें इसके पीछे की कहानी
Photo by:  Google

Dhanteras 2024: दिवाली के समय में कई त्यौहार आते है , उन त्योहारों का अपना अलग- अलग महत्व होता है।उन्ही में से एक त्यौहार है धनतेरस। धनतेरस के दिन कहते है धन के देवता कुबेर के खजै में खुले रहते है।लेकिन उन तक पहुंचने का रास्ता किसी को मिल जाए तो उसे इसका लाभ मिलता है।  मान्यता है की धनतेरस के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन इस तरह की खास चीजे ले ले तो कुबेर देवता की कृपा बरसने लगेगी। हिन्दू धर्म शास्त्र में धनतेरस के दिन इस तरह की खास चीजों को खरीदने का विधान है।  वैसे तो हर कोई अपनी जेब के अनुसार, धनतेरस पर कुछ भी खरीद सकते है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से ...

कब है धनतेरस ?

धनतेरस की तिथि अक्टूबर 29 ,2024 को सुबह 10 बजकर 31 मिनटसे शुरू हो रही है जो अगले दिन दोपहर 01 बजकर 15  मिनट तक रहगी। हिन्दू पंचांग के अनुसार धनतेरस पूजा मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 की हो जायेगी। 

क्यों खरीदते है धनतेरस पर सोना ?

 धार्मिक शास्त्रों में ऐसा बताया गया है की कोई भी चीज जिसे धनतेरस के दिन ख़रीदा जाता है उसकी 13 गुना वृद्धि होती है।  अगर आप सोना या चांदी खरीद रहे है तो ये शुभ है। अब आप ये कहेंगे की सोना - चांदी को किसी भी दिन ख़रीदा जा सकता है, तो इसका जवाब है की सोने को भगवान् धन के देवता कुबेर की धातु माना जाता है।  अगर आप भी इस दिन सोना या चांदी खरीदते है तो आपको उनका आशीर्वाद माना जाता है।  आप चाहे तो सोने की गिन्नी या चांदी के गणेश - लक्ष्मी खरीद सकते है।  

धनतेरस पर सोना खरीदने के पीछे की कहानी 

पहले समय में , हिमा नाम के राजा थे। उनका 16 वर्ष का एक पुत्र था ,राजा ने उसकी शादी एक कन्या से करा दिया था , ज्योतिषी ने भविष्यवाड़ी की थी राजकुमार की शादी के चौथे दिन साप काटने से मृत्यु हो जायेगी।  इस सूचना ने राजा और दुल्हन को दुखी कर दिया है।  दुल्हन एक चतुर और अत्यधिक समप्रित लड़की थी।उसने अपने पति की जान बचने की योजना  बनाई। जिस दिन ज्योतिषी ने लड़के की मृत्यु की भविष्यवाड़ी की थी। उस दिन लड़की ने महल में सभी गहने और सोना को एकत्र किया और उन्हें मुख्य द्वार के समाने के ढेर में रख दिया। उसने राजकुमार को न सोने की सलाह दी है और उसके साथ बैठकर न सोने के लिए कुछ दिलचस्प कहानिया सुनाई , और रात भर जागते रहे ।राजकुमार के प्राण लेने के निर्धारित समय के दौरान, भगवान यम महल के पास पहुंचे ,उन्होंने सर्प का रूप धारण किया , जिसे राजकुमार को मौत के घाट उतरना था ,जैसे ही सर्प महल के मुख्य द्वार के पास पंहुचा, गहनों और कीमती सामानो के ढेर ने उसका रास्ता रोक दिया।वस्तुओ के चकाचोंध ने सांप की दृष्टि को लगभग अँधा कर दिया , सांप महल में प्रवेश नहीं कर सका। 

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