चीन में 80,000 चीनी बन चुके है हिंदू, Iskon की ताकत से हिल गई जिनपिंग सरकार
भारत में जब भी चीन की बात होती है तो चर्चा या तो व्यापार की होती है या सीमा पर तनाव की | चीन भारत का पड़ोसी देश है लेकिन फिर भी हम इस देश के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते हैं, जब भी सोशल मीडिया या टीवी पर चीन से जुड़ा कोई वीडियो दिखाया जाता है तो एक ही बात समझ में आती है कि वहां की संस्कृति हमसे बिल्कुल अलग है | भारत में जहां पूजा-पाठ, योग और ध्यान लोगों के जीवन का हिस्सा है तो वहीं चीन में ऐसा कुछ नहीं दिखता | चीनी लोगों को शायद आपने फिल्मों में भी हंसते-मुस्कुराते देखा होगा | शायद इसका कारण है वहां की कम्युनिस्ट सरकार जो लोगों को खुलकर धार्मिक काम नहीं करने देती | लेकिन चीन की इस दमघोटू हवा में भी सनातन सुगंध की तरह लोगों को राहत दे रहा है | चीन में भी अब हवा बदल रही है और लोग हरे राम- हरे कृष्णा जप रहे हैं |
इस्कॉन कृष्णभक्ति के जरिए दुनियाभर में सनातन का प्रचार कर रहा है, इस्कॉन के जरिए दुनिया में ऐसी-ऐसी जगह सनातन धर्म पहुंच चुका है जहां के लोग इसके बारे में जानते भी नहीं थे | इस्कॉन की खास बात है कि वह लोगों को गीता पढ़ने के लिए प्रेरित करता है | वैसे तो चीन में धार्मिक आजादी बिल्कुल भी नहीं है | यह देश उइगर मुस्लिमों पर कितना अत्याचार करता है यह बात किसी से छिपी नहीं है लेकिन इसके बावजूद वहां तेजी से हिंदू धर्म फैल रहा है | चीन की सड़कों पर लोग हरे रामा-हरे कृष्णा गाते हुए दिखाई देते हैं | महिलाएं कृष्ण भक्ति में मीरा की तरह नाचती नजर आती हैं | और यह कमाल हुआ है सिर्फ एक दशक में | इस्कॉन के अनुसार एक दशक में ही चीन के 80 हजार से ज्यादा लोग सनातन के अनुयायी बन गए हैं | चीन में जिस तेजी से सनातन का प्रसार हो रहा है उसे देखते हुए यह बात बड़ी नहीं लगती जब बड़ी संख्या में इस देश में भी हिंदू होंगे और यहां भी उसी तरह हिंदू पर्व मनाए जाएंगे जैसे कि भारत में |