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Ayodhya से शिया मुसलमानों को PM Modi ने दिया सबसे बड़ा तोहफ़ा, अब रिर्टन गिफ़्ट की बारी है

सौ बात की एक बात ये कि अब बारी है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिटर्न गिफ़्ट देने की। धर्म पथ पर चलकर जिस प्रकार पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की कोशिश की है, उन कोशिशों से आप कितने सहमत है ?
Ayodhya से शिया मुसलमानों को PM Modi ने दिया सबसे बड़ा तोहफ़ा, अब रिर्टन गिफ़्ट की बारी है
देश का मुसलमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कितने क़रीब है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये चुनाव के बीच शिया धर्मगुरु मौलाना कोकब मुजतबा ने दिल खोलकर देश के प्रधानसेवक की जमकर प्रशंसा की है।  ये वहीं शिया धर्मगुरु हैं, जिन्हें देश विरोधी ताकते मारने की धमकी देती हैं।  ये वहीं शिया धर्मगुरु हैं, जो अक्सर आरएसएस का समर्थन करते हुए दिखते हैं।  ये वहीं शिया धर्मगुरु हैं, जिन्होंने राम जन्मभूमि पर सिर्फ़ राम मंदिर बनाने की वकालत की थी। और ये वहीं शिया धर्मगुरु हैं, जिन्होंने देशहित के लिए राष्ट्रीय एकता और भाईचारे पर ज़ोर दिया है और आज यही शिया धर्मगुरु पीएम मोदी के तोहफ़े से इस कदर आनंदित हैं, देश के शिया मुसलमान पीएम मोदी को रिटर्न गिफ़्ट देना चाह रहे हैं। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं धर्म ज्ञान की इस ख़ास रिपोर्ट में।  
 
देश के इस चुनावी मौसम में राजनीतिक पंडितों से लेकर मोदी विरोधियों की दिलचस्पी इस बात को जानने में है कि क्या देश का मुसलमान मोदी के साथ है ?  यानी की मुसलमानों का सच्चा 'हमदर्द' कौन है ? जब-जब मुसलमानों की बात उठती है, तो कांग्रेस ख़ुद को मुस्लिम हितैषी बताती है।  हालांकि ये भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि बीते 30 सालों में मुसलमानों को आरक्षण देने पर कांग्रेस हमेशा बैकफ़ुट पर रही है। आरक्षण देने का वादा हमेशा किया, लेकिन अपने इस वादे को निभा पाने में असफल भी रही। अब अगर मोदी सरकार के बीते 10 सालों को देखा जाए, तो 2014 और 2019।

दोनों बार 8% मुसलमानों ने मोदी को चुना । तीन तलाक़ के ख़िलाफ़ कानून बनाकर और हज कोटे को 2 लाख से ज़्यादा बढ़ाकर , भाजपा सरकार ने मुसलमानों के दिल तक पहुँचने की कोशिश तो की है। लेकिन उसकी ये कोशिश तब रंग लाई, जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाया। जी हैं। आपको ये जानकर ताझुभ होगा कि । देश के शिया मुसलमान राम मंदिर की भव्यता को देखकर सबसे ज़्यादा आनंदित है। शिया धर्म गुरु कोकब मुजतबा ख़ुद ये कहते हैं कि राम मंदिर का निर्माण करवाकर मोदी सरकार ने उन्हें अब तक का सबसे बड़ा तोहफ़ा दिया है। हालही में उन्होंने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए ये बयान दिया है। 

पाँच सौ वर्षों से राम जन्म मंदिर भूमि अक्रांताओं के क़ब्ज़े में था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवम् मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क़ानून के अनुसार इसे आज़ाद कराया।इन्होंने श्री राम के अनुसार ही वहाँ राम मंदिर का निर्माण कराकर देश और दुनिया को बड़ा तोहफ़ा दिया है।अब मथुरा, काशी सहित अन्य धर्म स्थलों पर भी भव्य मंदिरों का निर्माण होना चाहिए। सभी धर्मों के लोगों को इनमें भागीदारी कर सांप्रदायिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता और भाईचारा का संदेश देना चाहिए। श्रीमद् भगवत गीता और चारों वेद भी समर्पण, त्याग और सहयोग की शिक्षा देते हैं। इसके बताए रास्ते पर ही चल कर विश्व में शांति संभव है। 

भले ही शिया धर्म गुरु कोकब मुजतबा ने राम मंदिर को देश और दुनिया के लिए सबसे बड़ा तोहफ़ा बताया है। और इसी देश और दुनिया में शिया मुसलमान भी आते हैं। इस कारण राम मंदिर की भव्यता भारत के शिया मुसलमानों के लिए भी किसी तोहफ़े से कम नहीं है। और अब बारी है रिटर्न फिग्ट देने की। जी हाँ।  संघ के ज़माने से लेकर आज की भाजपा के लिए , राम मंदिर का निर्माण उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता थी और अब जब दशकों के इंतज़ार। संघर्ष और जन आंदोलन के बाद। अयोध्या में रामलला पधार चुके हैं, तो ऐसे में देश का संत समाज फिर से खिलते कमल की माँग कर रहा है।

फ़रवरी में  संगम नगरी प्रयागराज में हुए संत सम्मेलन में संत महात्माओं ने एक सुर में मोदी को फिर  से लाने की आवाज़ उठाई थी। एक सुर में ये कहा था कि राम राज्य स्थापित होने और काशी-मथुरा की पूर्ण मुक्ति के लिए मोदी को फिर से पीएम बनना ज़रूरी है यानी की कमल को खिलाना ज़रूरी है। यहाँ तक रिटर्न गिफ़्ट में भाजपा को 400 से ज़्यादा सीटों का आशीवार्द भी दिया। ।  सौ बात की एक बात ये कि अब बारी है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिटर्न गिफ़्ट देने की।  धर्म पथ पर चलकर जिस प्रकार पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की कोशिश की है, उन कोशिशों से आप कितने सहमत है ? । कमेंट करके जरूर बताइयेगा।
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