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बांके बिहारी की चौखट पर पहुंची जशोदाबेन, पीएम मोदी के लिए क्या मांग डाला ?

दुनिया जानती है कि शादीशुदा होते हुए भी पीएम मोदी और जशोदाबेन , दोनों की राह हमेशा अलग रही लेकिन एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रवाह हमेशा दिखा। तभी तो आज भी जब जशोदाबेन बाँके बिहारी के दरबार में हाज़िरी लगाती है, तो ख़ुद के लिए नहीं बल्कि पीएम मोदी के लिए सुखी जीवन की कामना करती है। हाल ही में बांके बिहारी की चौखट पर पहुँची जशोदाबेन ने पीएम मोदी के लिए क्या कुछ माँगा होगा, ये जानने के लिए बने रहिये धर्म ज्ञान।
बांके बिहारी की चौखट पर पहुंची जशोदाबेन, पीएम मोदी के लिए क्या मांग डाला ?

पति-पत्नी का रिश्ता बंधन है विश्वास का, बंधन है सम्मान का, बंधन है समझदारी का, बंधन है समर्पण का, बंधन है ख़ुशियों का। रिश्ते का यही बंधन, सात जन्मों तक अटूट बने रहे, इसी कामना के साथ  7 वचनों के साथ 7 फेरे लिये जाते हैं और इसी बंधन में हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बंधे, लेकिन उनका खुद का निजि जीवन सदैव देश के नाम समर्पित रहा। आज भले ही पीएम मोदी अपनी पत्नी जशोदाबेन के साथ ना रहते हो, लेकिन बीवी मानने से कभी इनकार भी नहीं किया। जब पहली दफ़ा बतौर प्रधानमंत्री उम्मीदवार 2014 का चुनाव लड़ा, बक़ायदा अपने हलफ़नामे में ख़ुद को शादीशुदा बताया और जशोदाबेन को पत्नी दुनिया जानती है कि शादीशुदा होते हुए भी पीएम मोदी और जशोदाबेन , दोनों की राह हमेशा अलग रही लेकिन एक दूसरे के प्रति सम्मान और प्रवाह हमेशा दिखा। तभी तो आज भी जब जशोदाबेन बाँके बिहारी के दरबार में हाज़िरी लगाती है, तो ख़ुद के लिए नहीं बल्कि पीएम मोदी के लिए सुखी जीवन की कामना करती है। हाल ही में बांके बिहारी की चौखट पर पहुँची जशोदाबेन ने पीएम मोदी के लिए क्या कुछ माँगा होगा।

बीते दिनों गुजरात से वृंदावन पहुँची जशोदाबेन  ने ठाकुर बाँके बिहारी जी के दर्शन किये लेकिन क्या आप जानते हैं, पत्नी से पहले पीएम मोदी ठाकुर जी के दरबार में हाज़िरी लगा चुके हैं। कहते हैं ना, जिसकी बाँके बिहारी से प्रीत है, उसकी हर जग में जीत है,  मथुरा का वृंदावन , जहां के कण-कण में कान्हा और कान्हा की लीलाएँ समाई हैं। यमुना किनारे  बाँकेबिहारी का यही दिव्य धाम  लाखों-करोड़ों कृष्ण प्रेमियों की आस्था का इकलौता ऐसा केंद्र है। जहां कान्हा और राधा रानी..दोनों के एक साथ साक्षात दर्शन होते हैं। बाँके बिहारी ठाकुर जी की इस मूर्त का चमत्कार हर समय, हर क्षण दिखता है। स्वयंभू बांके बिहारी की सिर्फ़ एक झलक लोगों के कष्टों को पलभर में दूर कर देती है। यहाँ कन्हैया लाल को एक टक देखने की सख़्त मनाही है क्योंकि जो कोई भी प्रभु को लंबे समय तक निहार ले। प्रभु उसी के संग चल पड़ते हैं। बीते साल पीएम मोदी की वृंदावन यात्रा मीडिया की सुर्खियों में रही थी। यूँ तो मोदी जी वृंदावन कई दफ़ा आए, लेकिन बाँके बिहार के दर्शन करने से रह जाते । पिछली बार उनकी वृंदावन यात्रा सफल रही। बाँके बिहारी के दर्शन कर पाये हालाँकि इस बीच  बाँके बिहारी कॉरिडोर की भी चर्चा रही। उस वक़्त बाँके बिहारी की चौखट से पीएम मोदी ने देश के कल्याण की कामना की और आज जशोदाबेन मोदी ने ख़ुद के परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की और जो कि उनके परिवार में पीएम मोदी भी है। जिस कारण उनकी इस कामना को अब पीएम मोदी से जोड़ा जा रहा है। 


दरअसल ठाकुर बांकेबिहारी जी के धाम पहुँचकर हीराबेन मोदी ने सहसे पहले ठाकुरजी की पोशाक ख़रीदी, फिर वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य पूजा-अर्चना की ठाकुरजी का प्रसादी अंगवस्त्र और प्रसाद भेंट किया और जब पूजन संपन्न हुआ, उसके बाद परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना की।जो कि बाँके बिहारी का धाम राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना गया है, जिस कारण जशोदाबेन की इस यात्रा को पीएम मोदी से जोड़ा जाने लगा। 

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