कल्कि पीठाधीश्वर की विस्फोटक भविष्यवाणी Yogi बाबा को हटाकर गोरखनाथ मंदिर तोड़ने की होगी साजिश !
यूपी में योगी का बुलडोज़र इंसाफ़ इतना प़ॉपुलर हुआ कि भाजपा शासित अन्य प्रदेशों में गुंडे-माफियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोज़र चलने लगे। आलम ये रहा कि योगी के चाहने वालों ने उन्हें बुलडोज़र बुलाना शुरु कर दिया हालाँकि ये नाम सबसे पहले समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने दिया और अब कुछ ऐसा बोल दिया है..जिसके चलते बाबा और भैया जी आमने-सामने आ गये है। भले ही इस वक़्त बाबा बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट की रोक लगी हुई है। कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि जब तक कानून से दोषी नहीं, कार्रवाई का हक सरकार को नहीं फ़िलहाल के लिए बुलडोज़र की रफ़्तार पर फ़ुलस्टॉप लगा हुआ है लेकिन ज़ुबानी बाणों से एक दूसरे पर प्रहार अब तक जारी हैं। बुलडोज़र को लेकर बाबा और भैया जी ने भिड़ंत हो गई। बीते दिनों पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में अखिलेश यादव ने बड़ा ब्यान देते हुए ये तक कह दिया ।
2027 में सपा सरकार बनते ही पूरे प्रदेश के बुलडोजरों का रुख गोरखपुर की तरफ होगा। हार के बाद मुख्यमंत्री न खुद चैन से सो पा रहे, न अधिकारियों को सोने दे रहे।हमारे सीएम कहने को योगी हैं। लेकिन, कभी-कभी बॉयोलॉजिस्ट बन जाते हैं। उन्हें DNA की चिंता है, लेकिन DNA का फुल फॉर्म नहीं बता सकते। जो लोग बुलडोजर से डराते हैं, उन्हें बताना चाहिए कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा पास है क्या? बुलडोजर दिमाग से नहीं, स्टेयरिंग से चलता है। मुख्यमंत्री को सदमा लगा है।
बुलडोज़र की आड़ में अखिलेश का यही तंज योगी बाबा को इस कदर नागवार गुजरा की उन्होंने तुरंत इसके जवाब में ज़ुबानी प्रहार करते हुए कहा कि बुलडोजर जैसी क्षमता जिसके अंदर हो वही बुलडोजर चला सकता है। बुलडोज़र चलाने के लिए दिल दिमाग चाहिए। अब बुलडोज़र चलाने की ताक़त क़िस्में है, ये तो यूपी की जनता तय करेगी। फ़िलहाल तो इस मसले में कल्किपीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेसी आचार्य प्रमोद कृष्णम की भविष्यवाणी एंट्री कर चुकी है। ये वहीं कल्किपीठाधीश्वर हैं, जिन्होंने राजनीति के गलियारे में रहकर कांग्रेस के काले कारनामों का भंडाफोड़ किया। कांग्रेसी रहकर सही को सही और ग़लत को ग़लत कहा 2024 चुनाव से ठीक पहले इन्होंने कल्किधाम मंदिर के शिलान्यास क न्यौता पीएम मोदी को दिया। कई दफ़ा पीएम मोदी को इश्वरी शक्ति का स्वरूप बता चुके हैं और अब जब योगी बाबा की बात आई तो खुलकर सामने आ गये। योगी की ढाल बने कल्किपीठाधीशवर ने भैया जी को ना सिर्फ़ मुंहतोड़ जवाब दिया है बल्कि उनके आने वाले कल के लिए भी भविष्यवाणी की है।
जिस तरीके से बाबर, तैमूर लंग, नादिर शाह, मोहम्मद गजनवी ने हिंदू मठों को तहस-नहस किया था। मठ-मंदिरों को तोड़ा और बर्बाद किया था। अखिलेश यादव का यह कहना की बुलडोजर का मुंह गोरखपुर की तरफ मोड़ देंगे, ये तो धमकी है। क्या वो यह कहना चाहते हैं कि वह गोरखपुर पीठ को तोड़ देंगे? क्या वह कहना चाहते हैं कि गोरखनाथ मंदिर को तोड़ देंगे। यह वही अखिलेश यादव हैं, जिनकी पार्टी ने निहत्थे राम भक्तों पर गोलियां चलाई थी, जिन्होंने श्री कल्कि धाम के निर्माण पर पाबंदी लगाई थी। 7 नवंबर 2016 को संभल में हमारे यहां श्री कल्कि धाम के मंदिर के निर्माण पर पाबंदी लगाकर उसको रोक दिया गया था। यह वही अखिलेश यादव हैं, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण में रोड़े अटकाए थे।2027 में अखिलेश यादव का जो सपना है मठ-मंदिरों को ध्वस्त करने का, वह पूरा नहीं होगा।
ना ही अखिलेश ने गोरखनाथ मंदिर को तोड़ने की बात कही, लेकिन ये ज़रूर कहा कि उनकी सरकार आने पर बुलडोज़र पर रूख गोरखपुर की तरफ़ होगा। अब जो कि गोरखपुर में ही गोरखनाथ मंदिर है और मंदिर के पीठाधीश्वर कोई और नहीं योगी आदित्यनाथ ख़ुद हैं..इसलिए भैया जी के इस बयान को मंदिर से जोड़ा गया। अबकी बार के यूपी चुनाव में जनता किसे अपना सरकार चुनती है, इसके लिए अभी समय है लेकिन कल्किपीठाधीशवर योगी के पुनः मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी तो कर चुके हैं।उनकी प्रशंसा में ख़ुद को ये कहने से रोक नहीं पा रहे हैं कि आजादी के बहुत दिनों बाद पहली बार उत्तर प्रदेश को एक चरित्रवान, एक साधु, एक निर्भीक, निडर और निष्पक्ष मुख्यमंत्री मिला है। यूपी के पिछले चुनाव से ठीक पहले अखिलेश ने योगी को बुलडोज़र बाबा कहा, जिसका फ़ायदा पूरे चुनाव में भाजपा ने उठाया और ऐतिहासिक जीत दर्ज की अब एक बार फिर चुनाव से पहले बुलडोज़र की दिशा तय कर रहे हैं, जिसका फायदा-नुकसान आप कमेंट करके बताइयेगा।