किन्नर महामंडलेश्वर ने दी अहम जानकारी, अगर जीवन में चाहते है ख़ुशहाली तो ग़लती से भी न करें ये काम
किन्नरों की दुआएँ वरदान से कम नहीं और बद्दुआओं ने पनौती बनकर काम किया हैं। अर्धनारीश्वर के इस स्वरूप से जिस किसी ने दुआएँ माँगी, उनकी सूनी झोली ख़ुशियों से भर गई और जिस किसी ने तिरस्कृत किया, उनकी दौलत और शोहरत, रातों रात मिट्टी में मिल गई। नर, नारी का मिश्रित रूप किन्नर, आज भी इस समाज में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है किन्नर का मतलब किसी के लिए कुदरत का अन्याय है तो किसी के लिए ये अभिशाप है। किन्नरों की महत्ता का अंदाज़ा इसी से लगाइये। शिव के अर्धनारीश्वर रूप में किन्नर है। शिव और मोहिनी के संसर्ग से पैदा हुए भगवान “अयप्पा” में किन्नर है राधा और कृष्ण के मिश्रित रूप “चैतन्य महाप्रभु” में किन्नर है।शिव-विष्णु के मिश्रित रूप हरिहर में किन्नर है और बहुचरा देवी के अर्धनारीश्वर स्वरूप में किन्नर है।ये सब तुछ जानते हुए भी हम और आप जिस समाज से आते है, उसी समाज में किन्नरों के साथ हो रहा अन्याय,भेदभाव शारीरिक उत्पीड़न और अपमान ख़त्म नहीं हो रहा है। जीवनभर अपने सम्मान के लिए संघर्ष करने वाले यही किन्नर जब किसी को बद्दुआएँ देने पर आते हैं, तो उसका क्या अंजाम भुगतना पड़ता है। धर्म ज्ञान पर बता रही है किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी माँ