योगी पर कुमार विश्वास बोले कुछ ऐसा, चारों तरफ छा गये PM मोदी

आलोचक बन जाएँगे मोदी फ़ैन, विरोधी भी पढ़ेंगे मोदी चालीसा, मोदी आंधी में याद किये जाएँगे अच्छे दिन ,लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है ? आप कहेंगे इम्पोसिबल लेकिन विश्वास की भविष्यवाणी ऐसी है, जिस पर विश्वास करना देश की ज़रूरत भी है और मजबूरी भी अटल-आडवाणी का दौर दिखाने वाले कुमार विश्वास ने अबकी बार जिस योगी युग की तस्वीर दिखानी चाही , उसमें पीएम मोदी कहां फ़िट बैठता हैं ? ये जानने के लिए बने रहिये धर्म ज्ञान के साथ
बटेंगे, तो फिर कटेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज़ुबान से निकली इसी बात को यूँ ही हवा नहीं दी गई है। संघ की शाखायों में गाया जाने वाला ये वो पुराना गीत है, जिसमें हिंदुओं की एकजुटता पर ज़ोर दिया गया है। आज़ादी के समय एक-एक स्वयम् सेवी यही गाया है। हिंदू भाव को जब-जब भूले, आई विपदा महान, भाई छूटे, धरती खोई, मिटे धर्म संस्थान’समय बदला, शब्द बदल गये। नेतृत्व बदला, लेकिन जज़्बात नहीं बदले, योगी के बटेंगे, तो कटेंगे वाले नारे को देश वासियों ने गंभीरता से लिया और देखाते ही देखते बैक टू बैक हरियाणा और महाराष्ट्र में खिलते कमल को ऐतिहासिक जीत दिला दी। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी यही मानते हैं कि हिंदू समाज में एकता नहीं रहेगी, तो आजकल की भाषा में 'बंटेंगे तो कटेंगे' हो सकता है। विश्वास की भविष्यवाणी को बटेंगे-कटेंगे पर ले जाकर महाकुंभ की ओर मोड़ने का मतलब क्या है।ये समझने के लिए आपका ये जानना ज़रूरी है, अबकी बार के महाकुंभ में जिस तरीक़े से योगी नाम को आगे रखने की प्लानिंग हो रही है, ठीक वैसे ही प्लैनिंग 12 साल पहले प्रयागराज की धरातल पर हुई थी। संघ ने संतों के बीच मोदी का नाम रखा, जिस पर चिमटा बजाते हुए संतों ने मोदी-मोदी नाम की माला जपी