Raj Thackeray ने PM Modi के दुश्मनों की बजाई बैंड, चचरे भाई की बखियां उधेड़ी
राज ठाकरे ने ख़ुद से स्वीकारा है कि बीते 5 सालों में देश की बदलती तस्वीर को देखकर पीएम मोदी के प्रति उनकी नकारात्मक सोच बदली है…और आज अपने नये विचार और नई सोच के साथ, डंके की चोट पर मोदी विरोधियों को आईना दिखाते हुए ये कह रहे हैं कि मोदी नहीं होते, तो राम मंदिर भी नहीं बन पाता।
मोदी गारंटी में राम भक्तों का सपना साकार हुआ है । मोदी गारंटी में अयोध्या संवर चुकी है । मोदी गारंटी में राम भक्त आनंदित हैं।मोदी गारंटी में राम राज्य क़ायम है। और क्या मोदी गारंटी में पुनः कमल खिलेगा ? अबकी बार का चुनाव ऐतिहासिक होने वाला है। वोटिंग में महज 5 दिनों का समय बचा है। 19 अप्रैल को पहले फ़ेस की वोटिंग हैं.. सात फैसिस में चुनाव संपन्न होंगे। ऐसे में क्या रामलला के दरबार से राम भक्त मोदी का राजभिषक होना है।आप कहेंगे 99 फ़ीसदी मोदी ही जीतेंगे ? लेकिन 1 फ़ीसदी जो लोग मोदी को हारते हुए देख रहे हैं, उनका क्या ? जिन लोगों की आँखों में मोदी खटकता हैं , उनका क्या ? जिन लोगों ने मंदिर से महंगाई को जोड़ा उनका क्या ? और जिन लोगों को मोदी में तानाशाह नज़र आता है, उनका क्या ?
इन्हीं विरोधियों और आलोचकों को राज ठाकरे ने मुंहतोड़ जवाब दिया है । महाराष्ट्र से चुनावी हुंकार भरने वाले राज ठाकरे अबकी बार मोदी के पाले में उतर चुके हैं।गुडी पर्व के मौक़े पर अपनी पार्टी की वार्षिक रैली में राज ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी और महाराष्ट्र के महायुति गठबंधन को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की है । वहीं दूसरी तरफ़ , उद्धव ठाकरे का नाम लिए बिना ये भी कहा कि उनकी ‘आखों में पीलिया’ हो गया है।हालाँकि ख़ुद से स्वीकारा है कि बीते 5 सालों में देश की बदलती तस्वीर को देखकर पीएम मोदी के प्रति उनकी नकारात्मक सोच बदली है।और आज अपने नये विचार और नई सोच के साथ, डंके की चोट पर मोदी विरोधियों को आईना दिखाते हुए ये कह रहे हैं कि मोदी नहीं होते, तो राम मंदिर भी नहीं बन पाता । अपने बयान में राज ठाकरे ने ये कहा…
भूमिका बदलना जरूरी था । अगर मोदी न होते तो राम मंदिर खड़ा न होता. 1992 से चली आ रही मांग पूरी हो गई है। यह सच है कि राम मंदिर मोदी के समय में बनकर तैयार हुआ।राम मंदिर निर्माण, धारा 370 जैसे कई अच्छे फैसले प्रधानमंत्री ने लिये हैं।
आज की डेट में विरोधी मोदी पर राम मंदिर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हैं, राम मंदिर के नाम पर वोट माँगने का आरोप लगाते हैं। ऐसे में क्या रामलला का भव्य मंदिर पीएम मोदी के लिए वोटों का पिटारा है या फिर भक्ति का केंद्र ? और जिन लोगों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बनाई, अब क्या जनता उनसे मुँह मोड़ेगी ? राम मंदिर को लेकर पीएम मोदी के मन से क्या निकलता है, सुनिये उन्हीं की ज़ुबानी ।