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अल्लाह के मुल्क में करिश्मा या क़यामत! सऊदी अरब पर बिछा बर्फ का कारपेट

आप कहेंगे, ऐसा तो कहीं नहीं है, लेकिन सऊदी अरब में पिछले कुछ समय से जो हो रहा है, वो भी तो क़यामत से कम नहीं है... इन दिनों सऊदी अरब बर्फ़ की सफ़ेद चादर से लिपटा हुआ है…आप इसे करिश्मा कहें या फिर क़यामत के संकेत, लेकिन सच तो यही है कि सऊदी की दुनिया अजीबोगरीब नज़र आने लगी है…देखिये इस पर हमारी ये ख़ास रिपोर्ट।
अल्लाह के मुल्क में करिश्मा या क़यामत! सऊदी अरब पर बिछा बर्फ का कारपेट

बंजर ज़मीन पर हरियाली, रेगिस्तान में बाढ़ का क़हर, मिडिल-ईस्ट में बर्फ़बारी — ये सब कुछ हो रहा है, लेकिन कहां? भारत से कोसो मील दूर गल्फ़ देशों में शुमार सऊदी अरब में। यहां की धरती इस्लाम की जन्मस्थली मानी गई है, जहां मौजूद मक्का मदीना मुसलमानों का एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जहां जाने की हसरत दुनिया के हर मुसलमान के दिल में होती है। इस्लाम की दुनिया में मक्का मदीना का क्या अस्तित्व है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये, आज से लगभग 1400 साल पहले मक्का की बुनियाद रखने वाले कोई और नहीं, बल्कि ख़ुद पैग़ंबर मोहम्मद रहे। चारों तरफ़ मस्जिदों से घिरे मक्का में होने वाली हज यात्रा में आज भी लाखों की संख्या में मुसलमानों की भीड़ उमड़ती है।

यहां आकर अल्ला की इबादत करना, हज यात्रा में शामिल होना, दुनिया के हर मुसलमान के जीवन का सबसे बड़ा मक़सद है। और यही से कई दफ़ा क़यामत की तस्वीर भी दिखाई गई है। क़यामत का वो दिन, जब धरती का धँसना, सूरज का पश्चिम से निकलना, आसमान का फटना — यानी ब्रह्मांड के खत्म होने से एक दिन पहले का दिन। आप कहेंगे, ऐसा तो कहीं नहीं है, लेकिन सऊदी अरब में पिछले कुछ समय से जो हो रहा है, वो भी तो क़यामत से कम नहीं है। इन दिनों सऊदी अरब बर्फ़ की सफ़ेद चादर से लिपटा हुआ है। आप इसे करिश्मा कहें या फिर क़यामत के संकेत, लेकिन सच तो यही है कि सऊदी की दुनिया अजीबोगरीब नज़र आने लगी है। 

अल्लाह के घर से दिनों दिन ऐसी-ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिसे देख विश्व की इस्लामिक दुनिया अचंभित है। इस बार की हज यात्रा में सड़कों पर लाशें बिछी हुई थीं। तपती गर्मी के चलते हज यात्रियों को मौत का सामना करना पड़ा। आप इसे सऊदी किंग की लापरवाही कहें या फिर सरकार की क़िस्मत, इस बार की हज यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं की विश्व पटल पर आलोचना की गई। फिर जब हज यात्रा ख़त्म हुई, तो क्लाउड-सीडिंग का ऐसी साइड इफैक्ट देखने को मिला कि रेगिस्तान में बाढ़ आ गई। झमाझाम बारिश के बीच सऊदी अरब तैरने लगा। बाढ़ से चारों तरफ़ हाहाकार मच गया। ऊँटों का झुंड सैलाब में बह गया। मदीना तक को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा। और अब जब सर्द मौसम ने दस्तक दी, तो भारी बर्फ़बारी के चलते सऊदी अरब सफ़ेद चादर में लिपट गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब अल-जौफ इलाक़े में ओले गिरे। पूरा का पूरा क्षेत्र बर्फ़ की चादर से ढँक गया। मौसम की इसी ऐतिहासिक घटना ने इस्लामिक देशों को हैरत अंगेज़ कर दिया है। हालाँकि इस बर्फ़बारी के बीच सऊदी और ज़्यादा खूबसूरत दिख रहा है। रेगिस्तान पूरी तरह सफ़ेद हो गया है। यहां के मूल निवासियों की मानें, तो मौसम की इस असामान्य घटना ने न केवल वहां के सीन को बदल दिया है, बल्कि नदियों और झरनों को नया जीवन भी दिया है, जिससे घाटियाँ भर गई हैं और नदियाँ फिर से बहने लगी हैं।


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