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नेपाली बाबा की भविष्यवाणी, मोदी-योगी की ताक़त में 7 हिंदू राष्ट्र का उदय कब ?

नेपाल से जितना लगाव मोदी-योगी का रहा है, दोनों की उतनी ही डिमांड पूरे नेपाल में है। तभी तो नेपाल की धरती से बाबा गंगादास ने जैसे ही हिंदू राष्ट्र पर भविष्यवाणी की, मोदी-योगी का नाम उनकी ज़ुबान पर आ गया। अब अकेला नेपाल ही नहीं, बल्कि 7 हिंदू राष्ट्र बदलेंगे विश्व का नक़्शा, लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है ?
नेपाली बाबा की भविष्यवाणी, मोदी-योगी की ताक़त में 7 हिंदू राष्ट्र का उदय कब ?

नेपाल और भारत का रोटी बेटी का रिश्ता सदियों पुराना है और इसी रिश्ते के खातिर संकट की घड़ी में भारत हमेशा नेपाल के साथ खड़ा नज़र आता है और जो कि दोनों देशों की बॉन्डिंग अनादि काल से है. इसलिए दोनों राष्ट्र की धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी और ऐतिहासिक स्थिति में समानताएँ, सागर की गहराई जितनी है. आलम ये है कि साल 2014 में प्रधानमंत्री बनते ही मोदी जी ने अपने विदेश दौरे का श्री गणेश नेपाल से किया. यहाँ के पशुपतिनाथ मंदिर में शिव भक्त पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना की जो कि नेपाली राजवंश की उत्पत्ति भगवान गोरखनाथ के आशीर्वाद से हुई , जिस कारण राजपरिवार के मुकुट पर गुरु गोरखनाथ की चरण पादुका बनी हुई है. आज भी  गोरखपुर में गोरक्षपीठाधीश्वर के बाद दूसरी खिचड़ी नेपाल नरेश की तरफ से चढ़ाई जाती है. पिछले दिनों जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र नेपाल के एयरपोर्ट पहुँचे , तब उनके स्वागत में हिंदू राष्ट्र की माँग उठी. इसके साथ ही योगी की तस्वीर वाले पोस्टर भी लहराए गये. सौ बात की एक बात ये कि नेपाल से जितना लगाव मोदी-योगी का रहा है, दोनों की उतनी ही डिमांड पूरे नेपाल में है. तभी तो नेपाल की धरती से बाबा गंगादास ने जैसे ही हिंदू राष्ट्र पर भविष्यवाणी की, मोदी-योगी का नाम उनकी ज़ुबान पर आ गया. अब अकेला नेपाल ही नहीं, बल्कि 7 हिंदू राष्ट्र बदलेंगे विश्व का नक़्शा, लेकिन क्या ऐसा मुमकिन है ? 

भारत के पड़ोसी मुल्क नेपाल जिसकी कुल आबादी 2 करोड़ 97 लाख है. जिसमें 81 फ़ीसदी हिंदू हैं और 5 फ़ीसदी मुस्लिम बसते हैं. अतीत इस बात की गवाही आज भी देता है कि साल 2008 तक नेपाल दुनिया का इकलौता हिंदू राष्ट्र था, राजशाही के हाथों में देश की सत्ता थी. नेपाल के इसी हिंदू राष्ट्र वाली छवि को ख़त्म करने के लिए वामपंथी ताकते एक्टिव हुई. बाहरी ताक़तों ने पैसे देकर मुल्क से राजशाही को ख़त्म किया और फिर सेक्युलर ताक़तों ने सेक्युलर राष्ट्र बना दिया लेकिन क्या आज का सेक्युलर नेपाल तरक़्क़ी की राह पर है ? क्या ख़ुशहाली वाली ज़िंदगी में है ? क्या नेपाल की सभ्यता और संस्कृति संरक्षित है ? आधे से ज़्यादा नेपालियों का जवाब No होगा, क्योंकि आज की डेट में नेपाली हिंदू ये मानते है कि पश्चिमी देशों द्वारा पैसा देकर यहाँ के लोगों को कन्वर्ट किया जा रहा है, जो कि नेपाल के लिए ख़तरा है। ना सिर्फ़ हिंदू संगठन बल्कि नेपाली लोग और नेता , हर कोई नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनता देखना चाहता है. इसी को लेकर भगवाधारी बाबा गंगादास ने नेपाल का भविष्य दिखाने की कोशिश की है। ये वहीं बाबा गंगादास हैं, जो आज भी  पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के गुरु के तौर पर उन्हें सही राह प्रशस्त करते हैं। धर्म से जुड़े मसलों पर पूर्व राजा आज भी इनसे सलाह लेते हैं. हिंदू राष्ट्र को लेकर बाबा गंगादास की भविष्यवाणी है. 


राजा भी यही सोचते हैं कि नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र होना चाहिए। फिर सब ठीक हो जाएगा। अभी देश में धाम की हानि हो रही है। ऐसे समय में धर्म को बढ़ाया जाना चाहिए। हिंदू राष्ट्र के लिए राजा का आना ज़रूरी है, उनके बिना हिंदू राष्ट्र टिक नहीं सकता है। नेपाल पहले भी हिंदू राष्ट्र था, फिरे हो जाए, तो क्या बुरा है। मोदी और योगी चाहें तो हिंदू राष्ट्र बनाने में हमारी मदद ज़रूर करते दिखेंगे। नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग वहाँ की जनता के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है, लेकिन क्या सिर्फ नेपाल क्योंकि भारत से सटे जितने भी देश हैं. पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार , अफगानिस्तान , भूटान और चीन इन तमाम देशों में आज भी सनातन से जुड़े साक्ष्य मिलते हैं. नेपालियों को यकीन है कि मोदी-योगी के रहते उनका मुल्कि पुन: हिंदू राष्ट्र बन सकता है लेकिन भारत से सटे अन्य देशों का क्या ?..शास्त्र और पुराणों में जिस अखंड भारत की तस्वीर नजर आती है, क्या उसमें हिंदू राष्ट्र का रंग होना जरूरी है या नहीं? 

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