अब बांग्लादेश के टुकड़े-टुकड़े होंगे , अब बनेगा एक नया हिंदू राष्ट्र
बांग्लादेश की 91 प्रतिशत मुस्लिम आबादी के बीच 8 प्रतिशत हिंदू रहते हैं, जो कभी 26 प्रतिशत हुआ करते थे। यानी कि मुल्क की 80 प्रतिशत आवाम मुस्लिम है, जिसमें बंगाली मुसलमान से लेकर कुछ बिहारी मुसलमान और रोहिंग्या मुसलमान शामिल हैं। जनसंख्या गणना कहती है कि बांग्लादेश में लगभग डेढ़ करोड़ के करीब हिंदू रहते हैं और जब बीते 5 अगस्त को शेख हसीना का तख्तापलट हुआ, आरक्षण के खिलाफ छात्रों के आंदोलन ने इस्लामिक तख्तापलट किया, उस वक्त बंगाली हिंदुओं का नरसंहार हुआ। 20 हजार हिंदू परिवारों की दुकानों को लूटा गया। हिंदुओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। 95 हिंदू शिक्षकों को कॉलेजों से निकाला गया। कई हिंदू नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया। हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ मचाई गई और कितनी ही हिंदू बेटियों का यौन शोषण किया गया। खुद के मुल्क में बंगाली हिंदू आज भी खतरे में हैं।
जमात-ए-इस्लामी की कठपुतली सरकार हिंदुओं के खिलाफ तुगलकी फरमान निकाल रही है। अभी-अभी दुर्गा पूजा के दौरान नमाज़ और अजान से 5 मिनट पहले और बीच में हिंदुओं को लाउडस्पीकर के जरिए भजन सुनने और किसी भी प्रकार की धार्मिक अनुष्ठान करने पर रोक है। बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत ऐसी है कि घर की दहलीज़ पार करने में डर रहे हैं। खौफ में सांस ले रहे हैं। और उनकी इसी दुर्दशा को देखते हुए बांग्ला मुक्ति सेना ने पश्चिम बंगाल की धरती से अलग हिंदू राष्ट्र की मांग की है। इसी को लेकर ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बांग्लादेश के 7 जिलों को मिलाकर अलग से हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की जा रही है। कट्टरपंथी ताकतों के आगे बंगाली हिंदुओं के भीतर धधक रही अग्नि किसी भी वक्त ज्वालामुखी का रूप ले सकती है, क्योंकि दिन पर दिन बंगाली हिंदुओं पर हो रहा अत्याचार बढ़ता जा रहा है। और वो दिन दूर नहीं जब बांग्लादेश को काटकर दुनिया के नक्शे पर एक अलग हिंदू राष्ट्र दिखेगा। इस्लामिक तख्तापलट के बाद से शेख हसीना को पनाह देने के लिए कोई भी मुस्लिम मुल्क या फिर कोई भी यूरोपीय देश आगे नहीं आया। भारत इकलौता ऐसा देश है, जिसने अब तक हसीना को शरण दे रखी है।